हमीरपुर: जम्मू कश्मीर के माछिल में शहीद हुए अमित शर्मा का पार्थिव देह 7 दिन के बाद जब सोमवार सुबह 10 बजे घर पर पहुंचा तो क्या नौजवान और क्या बुजुर्ग पूरा गांव रो पड़ा. गांव की गलियां जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद अमित शर्मा तेरा नाम रहेगा, जैसे जयघोषों से गूंज उठी. शहीद अमित शर्मा की मां और बहन पार्थिव देह से लिपट कर फूट-फूट कर रोईं. इस दौरान माहौल गमगीन था और हर आंख में नमी थी.
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार- शहीद अमित शर्मा के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासनिक अधिकारी और सेना की टुकड़ी भी घर पर पहुंची, जिसके बाद पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया. जहां पर राजकीय सम्मान के साथ शहीद अमित शर्मा का अंतिम संस्कार किया गया. इस अवसर पर एडीसी हमीरपुर जितेन्द्र सांजटा के अलावा एसडीएम हमीरपुर मनीष सोनी, तहसीलदार और सदर हमीरपुर के विधायक अशीष शर्मा व अन्य काफी संख्या में लोग मौजूद रहे.
मौसम खराब होने से पार्थिव देह लाने में देरी- मौसम खराब होने के चलते शहीद के पार्थिव देह को घर लाने में काफी देरी हुई, जिस वजह से पिछले 7 दिनों से परिवारजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. माछिल में मौसम खराब होने की वजह से पार्थिव शरीर को बटालियन में रखा गया था. मौसम ठीक होते ही पार्थिव देह को एयरलिफ्ट कर श्रीनगर लाया गया और वहां से चंडीगढ़ लाया गया. चंडीगढ़ से सड़क मार्ग के जरिए शहीदों के पार्थिव देह को उनके-उनके पैतृक लाया गया.
वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन जवान हुए शहीद- बता दें कि बीते मंगलवार को जम्मू कशमीर के कुपवाड़ा में माछिल सेक्टर में सेना का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से तीन जवान शहीद हो गए थे. इनमें हमीरपुर जिले की ग्राम पंचायत धनेड़ के तहत तलासी खुर्द गांव के अमित शर्मा भी शामिल थे.
6 महीने में घर में तीसरी मौत: शहीद अमित के पिता कभी खुद संभलते तो कभी पत्नी को हिम्मत बंधाते. कभी परिवार के हर सदस्य को ढांढस बधांते रहे. दुख की इस घड़ी में परिवार को सांत्वना देने के लिए घर पर रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों की भीड़ लगी रही. शहीद अमित के घर में 6 महीने पहले अमित के दादा की मौत हुई थी. 11 दिन पहले उनकी दादी भी चल बसी और अब अमित की मौत होने से परिवार टूट गया है.
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