हमीरपुरः हिमाचल प्रदेश का एकमात्र सैनिक स्कूल सुजानपुर आजकल आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है. जयराम सरकार ने सैनिक स्कूल के बच्चों को मिलने वाली रिफ्रेशमेंट ग्रांट को बंद करने का फैसला लिया है.
बता दें कि जयराम सरकार ने सैनिक स्कूल की मदद करने की जगह अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. एनडीए की नर्सरी के रूप में माना जाना वाला हिमाचल का एकमात्र सैनिक स्कूल के हालात ऐसे हैं कि स्कूल के पास भवन मरम्मत तक करवाने के पैसे नहीं हैं. प्रशासन ने उच्च अधिकारियों को स्कूल की खस्ताहाल के बारे में अवगत करवा दिया है. राज्य सरकार से बच्चों को मिलने वाली रिफ्रेशमेंट ग्रांट को भी देना बंद कर दिया है.
स्कूल के प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन अमित कुमार पॉल ने बताया कि स्कूल परिसर की भूमि को स्कूल प्रशासन अपने नाम आज तक नहीं करवा पाया है. स्कूल कैंपस में 11 स्मार्ट क्लासरूम रूम खस्ताहाल होने के बाद अभी तक बंद है. स्कूल में स्थायी डॉक्टर की तैनाती तक नहीं हो पाई है. सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल में चारदीवारी तक उपलब्ध नहीं है. स्कूल वर्तमान में रिजर्व रखे गए फंड से चल रहा है. वह भी अब खत्म होने की कगार पर है.
ऐसे में राज्य सरकार अगर स्कूल के लिए फंड जारी नहीं करती है तो स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच जाएगा. भवन मेंटेनेंस के लिए करीब सवा करोड़ रुपये स्कूल प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को दिए हैं, लेकिन पैसा जारी होने के बावजूद कार्य नहीं हो रहा है.हालांकि इस समस्या को लेकर हाल ही में स्कूल का एक प्रतिनिधिमंडल उप प्रधानाचार्य की अगुवाई में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से शिमला में मिलकर समस्याओं के बारे में अवगत भी करवाया था. इसके बावजूद स्कूल को राज्य सरकार की ओर से कोई भी ग्रांट जारी नहीं की गई है.