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हिमाचल में रिवाज बन रहा है पेपर लीक, 5वीं क्लास से लेकर पुलिस भर्ती परीक्षा हो चुकी है रद्द - हिमाचल में रिवाज बन रहा पेपर लीक होना

हिमाचल में कुछ सालों के पेपर लीक होने के मामलों को देखा जाए तो ऐसा लगता है कि प्रदेश में यह रिवाज बनता जा रहा है. चाहे ताजा मामला कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक होने का हो या फिर इसी साल पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक का मामला रहा हो. पढ़ें.. हिमाचल में कब-कब हुए पेपर लीक (history of paper leak in himachal)

हिमाचल में पेपर लगातार हो रहे लीक
हिमाचल में पेपर लगातार हो रहे लीक
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Published : Dec 24, 2022, 2:10 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल में सरकारी नौकरियों के पेपर लीक होना कोई नई बात नहीं है. पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक कई सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. पुलिस भर्ती से लेकर विश्वविद्यालय और यहां तक कि शिक्षा बोर्ड के पेपर में लीक हुए. पिछले कुछ सालों में हिमाचल प्रदेश में बड़े पेपर लीक कांड हुए हैं ,जबकि कर्मचारी चयन आयोग ने तो भर्ती में धांधली का मामला 20 साल पहले भी सामने आया था.(history of paper leak in himachal) (paper leak in himachal)

25 दिसंबर 2022 को होना था पेपर: अब ताजा मामला हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा का है, जिसमें 2 दिन पहले पेपर लीक हो गया. इस तमाम पेपर लीक को अंजाम देने के पीछे मुख्य आरोपी जिस महिला अधिकारी को बनाया गया है वह चयन आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत है.

आयोग ने परीक्षा रद्द की: एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला अधिकारी और उसके बेटे समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. आयोग ने परीक्षा भी रद्द की गई है.

20 पहले आयोग के चेयरमैन समेत 6 को सजा: 20 बरस पहले कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय में सामने आए फर्जी बाड़े में कोर्ट ने तत्कालीन आयोग के चेयरमैन समेत 6 लोगों को सजा सुनाई थी. आपको बता दें कि वर्ष 2001-02 में तत्कालीन मुख्यमंत्री धूमल के कार्यकाल में सरकारी पदों पर भर्तियां हुई थीं. प्रदेश में भाजपा की सरकार के रहते चयन बोर्ड के माध्यम से हुई इन भर्तियों में धांधली के आरोप लगे थे.

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी याचिका: वर्ष 2004 में सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले में जांच के आदेश दिए थे. विजिलेंस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की और चालान कोर्ट में पेश किया. आरोप साबित होने पर हमीरपुर सत्र न्यायालय ने चयन बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन समेत 6 को सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में आरोपियों की अपील को खारिज कर दिया था और एक-एक साल का कारावास और 5-5 हजार जुर्माने की सजा आरोपियों को भुगतनी पड़ी थी.

मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. अक्टूबर में 121 पद और जोड़े गए. 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी. परीक्षा के 2 दिन पहले ही यह पेपर लीक हो गया.

2022 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक: साल 2022 में हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक होने का मामला सामने आया था. हिमाचल पुलिस कांस्टेबल के पदों 1334 पदों के लिए 27 मार्च 2022 को परीक्षा हुई थी. 6 मई को यह परीक्षा विवादों के बाद रद्द हो गई. पुलिस और सीआईडी ने मामले दर्ज किए तो 31 मई को 5 आरोपियों की पहली बार गिरफ्तारियां हुई. (police constable recruitment paper leak in 2022)

181 के खिलाफ चार्जशीट: अब तक 181 लोगों के खिलाफ कांगड़ा, शिमला और मंडी में तीन चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं. पुलिस भर्ती के तार राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि तक जुडे़. नेपाल सीमा से भी 1 आरोपी को पकड़कर लाया गया. हिमाचल में तो सभी जिलों में इसके तार जुडे़ रहे. इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 6 माह बाद 2 एफआईआर दर्ज की. केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ये दोनों एफआईआर चंडीगढ़ ब्रांच में पंजीकृत की थीं. अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है.

परीक्षा से पहले खुल गए एचपीयू की यूजी के प्रश्नपत्र : एचपीयू की 7 अप्रैल 2022 को होने वाली यूजी की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र 4 अप्रैल को ही खोल दिए गए थे. जांच में खुलासा हुआ कि प्रदेश विश्वविद्यालय के यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष के प्रश्नपत्र प्रदेश के 22 कॉलेजों में लीक हुए थे, इनमें कुछ कॉलेजों में प्रश्नपत्र गायब पाए गए, जबकि कुछ में इन्हें खोल दिया गया या फिर नष्ट कर दिया गया था. इसका खुलासा कुलपति प्रो. एसपी बंसल की ओर से मामले की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट में हुआ. बाद में परीक्षा रद्द कर दोबारा करवाई गई. (hpu ug question paper leak)

पांचवीं कक्षा का भी हुआ था लीक: शिक्षा बोर्ड की पांचवीं कक्षा की हिंदी विषय की परीक्षा का प्रश्न पत्र 2020 में एक दिन पहले ही लीक हो गया था. हिंदी का पेपर 18 मार्च को होना था, लेकिन निजी स्कूल ने 17 मार्च को छुट्टी के ही दिन पेपर करवा दिया. जब इसकी जानकारी प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को लगी तो निदेशालय ने हिंदी का पेपर पूरे प्रदेश में रद्द कर दिया. (Class 5 paper leak of education board)

आयोग के साथ विश्वविद्यालयों के पेपर भी रहे विवादों में: सितंबर 2021 में भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी की परीक्षा विवादों में रही है. सुंदरनगर के निजी एमएलएसएम कॉलेज में उस दौरान मोबाइल से फोटो खींचकर बाहर भेजे गए थे. इस मामले में नेरचौक के एक निजी विश्वविद्यालय का नाम भी सामने आया था. आरोपी उसी विवि का ही कर्मचारी था, जिसकी मदद करने के मकसद से पेपर लीक हुआ. मामले में करीब एक दर्जन लोग नामजद हुए, लेकिन परीक्षा रद्द नहीं हुई.

तर्क था कि संबंधित सीरीज का पेपर सिर्फ एक ग्रुप में ही गया है. इसका रिजल्ट भी निकल चुका है. प्रदेश में एचआरटीसी की कंडक्टर भर्ती के तहत कुछ उम्मीदवारों से डिजिटल उपकरण भी पकड़े गए थे. प्रदेश में पटवारी की भर्ती भी सुर्खियों में रही. बाद में सीबीआई ने इस भर्ती को क्लीन चिट दी थी.

ये भी पढ़ें : JOA IT Paper Leak के बाद परीक्षा रद्द, पेपर लीक के मामले में महिला अधिकारी समेत 3 गिरफ्तार

हमीरपुर: हिमाचल में सरकारी नौकरियों के पेपर लीक होना कोई नई बात नहीं है. पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक कई सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. पुलिस भर्ती से लेकर विश्वविद्यालय और यहां तक कि शिक्षा बोर्ड के पेपर में लीक हुए. पिछले कुछ सालों में हिमाचल प्रदेश में बड़े पेपर लीक कांड हुए हैं ,जबकि कर्मचारी चयन आयोग ने तो भर्ती में धांधली का मामला 20 साल पहले भी सामने आया था.(history of paper leak in himachal) (paper leak in himachal)

25 दिसंबर 2022 को होना था पेपर: अब ताजा मामला हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की 25 दिसंबर को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा का है, जिसमें 2 दिन पहले पेपर लीक हो गया. इस तमाम पेपर लीक को अंजाम देने के पीछे मुख्य आरोपी जिस महिला अधिकारी को बनाया गया है वह चयन आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत है.

आयोग ने परीक्षा रद्द की: एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने महिला अधिकारी और उसके बेटे समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. आयोग ने परीक्षा भी रद्द की गई है.

20 पहले आयोग के चेयरमैन समेत 6 को सजा: 20 बरस पहले कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय में सामने आए फर्जी बाड़े में कोर्ट ने तत्कालीन आयोग के चेयरमैन समेत 6 लोगों को सजा सुनाई थी. आपको बता दें कि वर्ष 2001-02 में तत्कालीन मुख्यमंत्री धूमल के कार्यकाल में सरकारी पदों पर भर्तियां हुई थीं. प्रदेश में भाजपा की सरकार के रहते चयन बोर्ड के माध्यम से हुई इन भर्तियों में धांधली के आरोप लगे थे.

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी याचिका: वर्ष 2004 में सत्ता परिवर्तन के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले में जांच के आदेश दिए थे. विजिलेंस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की और चालान कोर्ट में पेश किया. आरोप साबित होने पर हमीरपुर सत्र न्यायालय ने चयन बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन समेत 6 को सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में आरोपियों की अपील को खारिज कर दिया था और एक-एक साल का कारावास और 5-5 हजार जुर्माने की सजा आरोपियों को भुगतनी पड़ी थी.

मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. अक्टूबर में 121 पद और जोड़े गए. 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी. परीक्षा के 2 दिन पहले ही यह पेपर लीक हो गया.

2022 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक: साल 2022 में हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक होने का मामला सामने आया था. हिमाचल पुलिस कांस्टेबल के पदों 1334 पदों के लिए 27 मार्च 2022 को परीक्षा हुई थी. 6 मई को यह परीक्षा विवादों के बाद रद्द हो गई. पुलिस और सीआईडी ने मामले दर्ज किए तो 31 मई को 5 आरोपियों की पहली बार गिरफ्तारियां हुई. (police constable recruitment paper leak in 2022)

181 के खिलाफ चार्जशीट: अब तक 181 लोगों के खिलाफ कांगड़ा, शिमला और मंडी में तीन चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं. पुलिस भर्ती के तार राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि तक जुडे़. नेपाल सीमा से भी 1 आरोपी को पकड़कर लाया गया. हिमाचल में तो सभी जिलों में इसके तार जुडे़ रहे. इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 6 माह बाद 2 एफआईआर दर्ज की. केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ये दोनों एफआईआर चंडीगढ़ ब्रांच में पंजीकृत की थीं. अब सीबीआई मामले की जांच कर रही है.

परीक्षा से पहले खुल गए एचपीयू की यूजी के प्रश्नपत्र : एचपीयू की 7 अप्रैल 2022 को होने वाली यूजी की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र 4 अप्रैल को ही खोल दिए गए थे. जांच में खुलासा हुआ कि प्रदेश विश्वविद्यालय के यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष के प्रश्नपत्र प्रदेश के 22 कॉलेजों में लीक हुए थे, इनमें कुछ कॉलेजों में प्रश्नपत्र गायब पाए गए, जबकि कुछ में इन्हें खोल दिया गया या फिर नष्ट कर दिया गया था. इसका खुलासा कुलपति प्रो. एसपी बंसल की ओर से मामले की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट में हुआ. बाद में परीक्षा रद्द कर दोबारा करवाई गई. (hpu ug question paper leak)

पांचवीं कक्षा का भी हुआ था लीक: शिक्षा बोर्ड की पांचवीं कक्षा की हिंदी विषय की परीक्षा का प्रश्न पत्र 2020 में एक दिन पहले ही लीक हो गया था. हिंदी का पेपर 18 मार्च को होना था, लेकिन निजी स्कूल ने 17 मार्च को छुट्टी के ही दिन पेपर करवा दिया. जब इसकी जानकारी प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को लगी तो निदेशालय ने हिंदी का पेपर पूरे प्रदेश में रद्द कर दिया. (Class 5 paper leak of education board)

आयोग के साथ विश्वविद्यालयों के पेपर भी रहे विवादों में: सितंबर 2021 में भी जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी की परीक्षा विवादों में रही है. सुंदरनगर के निजी एमएलएसएम कॉलेज में उस दौरान मोबाइल से फोटो खींचकर बाहर भेजे गए थे. इस मामले में नेरचौक के एक निजी विश्वविद्यालय का नाम भी सामने आया था. आरोपी उसी विवि का ही कर्मचारी था, जिसकी मदद करने के मकसद से पेपर लीक हुआ. मामले में करीब एक दर्जन लोग नामजद हुए, लेकिन परीक्षा रद्द नहीं हुई.

तर्क था कि संबंधित सीरीज का पेपर सिर्फ एक ग्रुप में ही गया है. इसका रिजल्ट भी निकल चुका है. प्रदेश में एचआरटीसी की कंडक्टर भर्ती के तहत कुछ उम्मीदवारों से डिजिटल उपकरण भी पकड़े गए थे. प्रदेश में पटवारी की भर्ती भी सुर्खियों में रही. बाद में सीबीआई ने इस भर्ती को क्लीन चिट दी थी.

ये भी पढ़ें : JOA IT Paper Leak के बाद परीक्षा रद्द, पेपर लीक के मामले में महिला अधिकारी समेत 3 गिरफ्तार

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