हमीरपुर: हिमाचल में आई आपदा ने पूरे प्रदेश में जमकर तबाही मचाई. इस आपदा में सैंकड़ों लोगों की जान चली गई. बाढ़ और भारी बारिश से राज्य में सरकार और निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान पहुंचा. वहीं वन मंडल हमीरपुर में 21000 हरे भरे पेड़ आपदा की बलि चढ़ गए. वन विभाग हमीरपुर ने इन पेड़ों को चिन्हित कर सूची वन निगम को सौंप दी है. अब इन पेड़ों को जल्द ही उठाया जाएगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
हिमाचल प्रदेश राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मानसून सीजन में प्रदेश में आई भीषण आपदा से जगलों और वनभूमि को भी भारी नुकसान हुआ है. वन निगम ने आपदा से गिरे पेड़ों को अतिशीघ्र उठाने के लिए तत्परता के साथ कार्य करते हुए इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. वन मंडल हमीरपुर में भी वन विभाग ने आपदा से क्षतिग्रस्त लगभग 21 हजार पेड़ों को चिह्नित किया है और इसकी सूची निगम को सौंप दिए है. इन्हें उठाने के लिए निगम ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर रही है.
खाची ने बताया कि उन्होंने निगम के बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा डिवीजन का तीन दिवसीय दौरा किया और स्थिति का जायजा ले रहे हैं. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जल, जंगल और पर्यटन के रूप में तीन महत्वपूर्ण क्षेत्र चिह्नित किए हैं. सीएम के निर्देशानुसार वन निगम जंगलों में सूखे और गिरे पेड़ों के सदुपयोग की दिशा में तत्परता के साथ कार्य कर रही है. कुछ महीनों में ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं.
खाची ने बताया कि इस अवधि के दौरान निगम के शुद्ध लाभ में उत्साहजनक वृद्धि दर्ज की गई है. आने वाले समय में इसे एक बड़े कमाऊ उपक्रम के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है. लगभग 8 महीनों में ही निगम ने करोड़ों का शुद्ध लाभ अर्जित किया है. इस दौरान बिलासपुर की बिरोजा फैक्टरी और निगम के विभिन्न डिवीजनों की आय में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद प्रदेश के निचले क्षेत्रों में खैर का कटान शुरू करने के लिए भी आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कई स्थानों पर पेड़ों की मार्किंग भी हो चुकी है. इससे प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा और इन क्षेत्रों के लोग लाभान्वित होंगे.
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