हमीरपुर: महिलाओं के उत्थान के लिए शुरू की गई योजनाओं का हमीरपुर जिला में व्यापक असर देखने को मिल रहा है. जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सार्थक प्रयासों का ही नतीजा है कि अब लड़कों के मुकाबले लड़कियों के लिंगानुपात में सराहनीय सुधार देखने को मिला है.
प्रशासन की ओर से लोगों को बेटियों के अधिकारों के लिए जागरूक करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली जिला की बेटियों के पोस्टर और फोटो पंचायत घरों स्कूलों तथा सार्वजनिक स्थलों पर भी लगाए गए. ये अभियान में साल 2015 में चलाया गया था. अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भ्रूण हत्या की कुरीति के खिलाफ भी जागरूक किया गया.
बेटियों के लिंगानुपात में काफी सुधार
सीडीपीओ हमीरपुर बलवीर बिरला का कहना है कि हमीरपुर जिला में लड़कियों के लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ है. कुछ साल पहले ये लिंगानुपात 1000 के मुकाबले 850 से भी कम था. लेकिन अब 1000 लड़कों के मुकाबले 952 लड़कियां हैं. जिले के कुछ इलाकों में लिंगानुपात में एक नजर डालें तो....
परियोजना क्षेत्र | लिंगानुपात दर |
टौणीदेवी | 998 |
नागौन | 988 |
हमीरपुर | 957 |
सुजानपुर | 889 |
भोरंज | 947 |
बिझड़ी | 836 |
लड़कियों की करियर काउंसलिंग
हमीरपुर जिले में लड़कियों की करियर काउंसलिंग भी की जा रही है. इस योजना का 400 से अधिक लड़कियों को जिला भर में लाभ मिला है. वहीं, तनाव से मुक्ति के लिए भी स्ट्रेस मैनेजमेंट वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है. जिसके तहत हमीरपुर जिला में कुल 300 लड़कियों को योजना का लाभ दिया गया है.
घर के बाहर लगाई जा रही लड़कियों के नाम की प्लेट
जिले में रोल मॉडल लड़कियों के घरों के बाहर इनके नाम की नेम प्लेट लगाई गई है ताकि इन लड़कियों के नाम से ही परिवार और घर की पहचान हो सके. इतना ही नहीं इसके अलावा बेटी है, अनमोल मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मदर टेरेसा मातृ असहाय संबल योजना, विधवा पुनर्विवाह योजना का लाभ भी जिला में महिलाओं को मिल रहा है.
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कारगर साबित हुआ अभियान
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान जिला में काफी कारगर साबित हुआ है इस योजना से लोग जागरूक हुए हैं. इसके अलावा बेटी है अनमोल योजना के तहत दो बेटियों के जन्म पर 12,000 रुपये की एफडी सरकार की तरफ से दी जाती है.
बेहतर कार्य के लिए मिला सम्मान
सरकार की योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने के लिए मुख्य कड़ी के रूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विशेष कार्य करती हैं. बात चाहे पोषण अभियान की हो या फिर अन्य कई योजनाओं की. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कौशल्या देवी का कहना है कि पोषण माह में बेहतर कार्य करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया है. गर्भवती महिलाओं को सही आहार मिले इसके लिए वह साल भर कार्य करती हैं. इसके लिए विभाग की तरफ से पोषण माह अभियान भी चलाया जाता है.