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सावधान! हमीरपुर जिला में वन विभाग में नौकरी के नाम पर भेजे जा रहे झूठे तैनाती पत्र - झूठे नियुक्ति पत्र

नियुक्ति से पहले 22,700 रुपये नकद जमा करवाने की मांग की गई है. कुछ युवाओं ने इसकी शिकायत पुलिस विभाग में भी कर दी है. युवाओं को झांसे में लेकर ठगी करने का नया तरीका खोजा गया है और इन दिनों कई युवाओं को वन रक्षक के पद पर नियुक्ति के पत्र आ रहे हैं. जिससे पहले तो लोग खुश हो रहे हैं, लेकिन बाद में मायूसी हाथ लग रही है.

Fake joining letter being sent for posting in job in forest department in Hamirpur
हमीरपुर जिला में वन विभाग में नौकरी के नाम पर भेजे जा रहे झूठे तैनाती पत्र
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Published : Nov 30, 2019, 9:26 AM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में वन विभाग में नौकरी के नाम पर जालसाजी का मामला सामने आया है. भारतीय वन विभाग की ओर से पत्र भेजकर कई युवाओं को वन रक्षक के पद पर तैनाती के झूठे नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं. जिससे हमीरपुर जिले के साथ ही प्रदेश के अन्य युवाओं को झांसे में लिया जा रहा है.

बता दें कि नियुक्ति से पहले 22,700 रुपये नकद जमा करवाने की मांग की गई है. कुछ युवाओं ने इसकी शिकायत पुलिस विभाग में भी कर दी है. युवाओं को झांसे में लेकर ठगी करने का नया तरीका खोजा गया है और इन दिनों कई युवाओं को वन रक्षक के पद पर नियुक्ति के पत्र आ रहे हैं. जिससे पहले तो लोग खुश हो रहे हैं, लेकिन बाद में मायूसी हाथ लग रही है.

टौणी देवी के चाहड़ गांव के दो युवाओं अमित और शिवानी ने बताया कि उन्हें भी यह नियुक्ति पत्र स्पीड पोस्ट से आए हैं. वहीं, वन मंडल अधिकारी हमीरपुर डॉ. एलसी वंदना का कहना है कि इस संदर्भ में सूचना मिली है. लेकिन, भारत सरकार के गृह मामले मंत्रालय के अधीन ऐसा कोई भारतीय वन विभाग नहीं है, जो भर्तियां कर रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इस तरह की कोई नियुक्ति पत्र विभाग की ओर से जारी नहीं किए गए हैं. यह झूठे पत्र भेजे जा रहे हैं. युवाओं और उनके अभिभावकों से उन्होंने सचेत रहने का आग्रह किया है. जिससे वे इस तरह के लोगों की ठगी का शिकार न हों.

यह है लिखा है नियुक्ति पत्र में
भारतीय वन विभाग की ओर से जारी नियुक्ति पत्र में लिखा गया है कि भारतीय वन विभाग में आवेदक का स्वागत है. यह नियुक्ति पत्र आवेदक को केंद्र सरकार की ओर से वन विभाग की मुख्य शाखा से जारी किया गया है.

आवेदक की ओर से वर्ष 2018 में वन विभाग की ओर से अधिकारी वन रक्षक, वन क्षेत्रपाल का आवेदन किया गया था, जिसका परिणाम समय से लंबित था, जो इसी महीने जारी किया गया. जिसके फलस्वरूप वन विभाग की ओर से आवेदक को सीधी भर्ती से सरकारी नौकरी पर चयन कर लिया गया है.

विभाग की ओर से आवेदक का भविष्य में किसी भी प्रकार का कोई साक्षात्कार तथा परीक्षा नहीं होगी. केवल 15 दिन की फ्री ट्रेनिंग होगी. विभाग की ओर से आवेदक को वेतन 32,360 प्रतिमाह की दर से देय होगा. जो प्रत्येक वर्ष 10 प्रतिशत की दर से बढ़ाया जाएगा. आवेदक का कार्यकाल 60 वर्ष तक की आयु पूर्ण होने तक रहेगा. अनुच्छेद 24 बी/ एक्ट के तहत आवेदक को पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा.

भारतीय वन विभाग को आशा है कि आवेदक अपना कार्य पूरी ईमानदारी, कर्तव्य के साथ करके वन विभाग का सम्मान बढ़ाएगा और विभाग आवेदक को चयन के लिए बधाई देता है. इसके लिए आवेदक दो दिन के भीतर विभाग के सचिव को बैंक में नकद 22,700 रुपये भेजें. जिससे आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सके,

इस बारे में पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत लिखित रूप में पुलिस को नहीं मिली है यदि शिकायत मिलती है तो छानबीन की जाएगी.

ये भी पढ़ें- हैदराबाद च फीमेल वेटरनरी डॉक्टर जो रेप ते बाद जिंदा जलाया, 4 गिरफ्तार

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में वन विभाग में नौकरी के नाम पर जालसाजी का मामला सामने आया है. भारतीय वन विभाग की ओर से पत्र भेजकर कई युवाओं को वन रक्षक के पद पर तैनाती के झूठे नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं. जिससे हमीरपुर जिले के साथ ही प्रदेश के अन्य युवाओं को झांसे में लिया जा रहा है.

बता दें कि नियुक्ति से पहले 22,700 रुपये नकद जमा करवाने की मांग की गई है. कुछ युवाओं ने इसकी शिकायत पुलिस विभाग में भी कर दी है. युवाओं को झांसे में लेकर ठगी करने का नया तरीका खोजा गया है और इन दिनों कई युवाओं को वन रक्षक के पद पर नियुक्ति के पत्र आ रहे हैं. जिससे पहले तो लोग खुश हो रहे हैं, लेकिन बाद में मायूसी हाथ लग रही है.

टौणी देवी के चाहड़ गांव के दो युवाओं अमित और शिवानी ने बताया कि उन्हें भी यह नियुक्ति पत्र स्पीड पोस्ट से आए हैं. वहीं, वन मंडल अधिकारी हमीरपुर डॉ. एलसी वंदना का कहना है कि इस संदर्भ में सूचना मिली है. लेकिन, भारत सरकार के गृह मामले मंत्रालय के अधीन ऐसा कोई भारतीय वन विभाग नहीं है, जो भर्तियां कर रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इस तरह की कोई नियुक्ति पत्र विभाग की ओर से जारी नहीं किए गए हैं. यह झूठे पत्र भेजे जा रहे हैं. युवाओं और उनके अभिभावकों से उन्होंने सचेत रहने का आग्रह किया है. जिससे वे इस तरह के लोगों की ठगी का शिकार न हों.

यह है लिखा है नियुक्ति पत्र में
भारतीय वन विभाग की ओर से जारी नियुक्ति पत्र में लिखा गया है कि भारतीय वन विभाग में आवेदक का स्वागत है. यह नियुक्ति पत्र आवेदक को केंद्र सरकार की ओर से वन विभाग की मुख्य शाखा से जारी किया गया है.

आवेदक की ओर से वर्ष 2018 में वन विभाग की ओर से अधिकारी वन रक्षक, वन क्षेत्रपाल का आवेदन किया गया था, जिसका परिणाम समय से लंबित था, जो इसी महीने जारी किया गया. जिसके फलस्वरूप वन विभाग की ओर से आवेदक को सीधी भर्ती से सरकारी नौकरी पर चयन कर लिया गया है.

विभाग की ओर से आवेदक का भविष्य में किसी भी प्रकार का कोई साक्षात्कार तथा परीक्षा नहीं होगी. केवल 15 दिन की फ्री ट्रेनिंग होगी. विभाग की ओर से आवेदक को वेतन 32,360 प्रतिमाह की दर से देय होगा. जो प्रत्येक वर्ष 10 प्रतिशत की दर से बढ़ाया जाएगा. आवेदक का कार्यकाल 60 वर्ष तक की आयु पूर्ण होने तक रहेगा. अनुच्छेद 24 बी/ एक्ट के तहत आवेदक को पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा.

भारतीय वन विभाग को आशा है कि आवेदक अपना कार्य पूरी ईमानदारी, कर्तव्य के साथ करके वन विभाग का सम्मान बढ़ाएगा और विभाग आवेदक को चयन के लिए बधाई देता है. इसके लिए आवेदक दो दिन के भीतर विभाग के सचिव को बैंक में नकद 22,700 रुपये भेजें. जिससे आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सके,

इस बारे में पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत लिखित रूप में पुलिस को नहीं मिली है यदि शिकायत मिलती है तो छानबीन की जाएगी.

ये भी पढ़ें- हैदराबाद च फीमेल वेटरनरी डॉक्टर जो रेप ते बाद जिंदा जलाया, 4 गिरफ्तार

Intro:सावधान: हमीरपुर जिला में वन विभाग में नौकरी के नाम पर भेजे जा रहे झूठे तैनाती पत्र
हमीरपुर।
जिला हमीरपुर में वन विभाग में नौकरी के नाम पर जालसाजी का मामला सामने आया है। भारतीय वन विभाग की ओर से पत्र भेजकर कई युवाओं को वन रक्षक के पद पर तैनाती के झूठे नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं। जिससे हमीरपुर जिले के साथ ही प्रदेश के अन्य युवाओं को झांसे में लिया जा रहा है। नियुक्ति से पहले 22,700 रुपये नकद जमा करवाने की मांग की गई है। कुछ युवाओं ने इसकी शिकायत पुलिस विभाग में भी कर दी है। युवाओं को झांसे में लेकर ठगी करने का नया तरीका खोजा गया है तथा इन दिनों कई युवाओं को वन रक्षक के पद पर नियुक्ति के पत्र आ रहे हैं। जिससे पहले तो लोग खुश हो रहे हैं, लेकिन बाद में मायूसी हाथ लग रही है।
टौणी देवी के चाहड़ गांव के दो युवाओं अमित और शिवानी ने बताया कि उन्हें भी यह नियुक्त पत्र स्पीड पोस्ट से आए हैं। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों से कर दी है। वहीं, वन मंडल अधिकारी हमीरपुर डॉ. एलसी वंदना का कहना है कि इस संदर्भ में सूचना मिली है। लेकिन, भारत सरकार के गृह मामले मंत्रालय के अधीन ऐसा कोई भारतीय वन विभाग नहीं है, जो भर्तियां कर रहा है। इस तरह की कोई नियुक्ति पत्र विभाग की ओर से जारी नहीं किए गए हैं। यह झूठे पत्र भेजे जा रहे हैं। युवाओं और उनके अभिभावकों से उन्होंने सचेत रहने का आग्रह किया है। जिससे वे इस तरह के लोगों की ठगी का शिकार न हों।


Body:यह है लिखा है नियुक्ति पत्र में
भारतीय वन विभाग की ओर से जारी नियुक्ति पत्र में लिखा गया है कि भारतीय वन विभाग में आवेदक का स्वागत है। यह नियुक्ति पत्र आवेदक को केंद्र सरकार की ओर से वन विभाग की मुख्य शाखा से जारी किया गया है। आवेदक की ओर से वर्ष 2018 में वन विभाग की ओर से अधिकारी वन रक्षक, वन क्षेत्रपाल का आवेदन किया गया था, जिसका परिणाम समय से लंबित था, जो इसी महीने जारी किया गया। जिसके फलस्वरूप वन विभाग की ओर से आवेदक को सीधी भर्ती से सरकारी नौकरी पर चयन कर लिया गया है। विभाग की ओर से आवेदक का भविष्य में किसी भी प्रकार का कोई साक्षात्कार तथा परीक्षा नहीं होगी। केवल 15 दिन की फ्री ट्रेनिंग होगी। विभाग की ओर से आवेदक को वेतन 32,360 प्रतिमाह की दर से देय होगा। जो प्रत्येक वर्ष 10 प्रतिशत की दर से बढ़ाया जाएगा। आवेदक का कार्यकाल 60 वर्ष तक की आयु पूर्ण होने तक रहेगा। अनुच्छेद 24 बी/ एक्ट के तहत आवेदक को पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। भारतीय वन विभाग को आशा है कि आवेदक अपना कार्य पूरी ईमानदारी, कर्तव्य के साथ करके वन विभाग का सम्मान बढ़ाएगा तथा विभाग आवेदक को चयन के लिए बधाई देता है। इसके लिए आवेदक दो दिन के भीतर विभाग के सचिव को बैंक में नकद 22,700 रुपये भेजें। जिससे आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सके  





Conclusion:वहीं, उधर जब इस बारे में पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई शिकायत लिखित रूप में पुलिस को नहीं मिली है यदि शिकायत मिलती है तो छानबीन की जाएगी।
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