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हमीरपुर में सूखे से 30% गेहूं की फसल बर्बाद: अब बारिश से मिल सकती है कुछ राहत - हमीरपुर में सूखे से गेहूं की 30 प्रतिशत फसल खराब

हमीरपुर जिले में सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए लगातार हो रही बारिश किसी अमृत से कम नहीं है. वहीं, सूखे की वजह से हमीरपुर जिले में गेहूं की फसल में 30% से ज्यादा नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. (Drought destroys 30 percent of wheat crop in Hamirpur)

destroys 30 percent of wheat crop in Hamirpur
हमीरपुर में सूखे से गेहूं की 30 प्रतिशत फसल खराब
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Published : Apr 4, 2023, 10:39 AM IST

Updated : Apr 9, 2023, 9:05 AM IST

अनूप कत्तना, जिला कृषि अधिकारी हमीरपुर

हमीरपुर: जिले में सूखे के हालात पैदा होने के बाद पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. सूखे की वजह से गेहूं की 30% से अधिक फसल तबाह हो चुकी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण अब किसानों के चेहरे खिल गए हैं. जिले में हर साल 30000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की जाती है. बंपर फसल होने पर 52360 मीट्रिक टन पैदावार की उम्मीद लगाई जा रही थी ,लेकिन अभी तक 30% के लगभग 15708 मीट्रिक टन उत्पादन कम होने की आशंका है.

2022 में हुआ करीब 35 करोड़ का नुकसान: कृषि विभाग हमीरपुर के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है. हालांकि यह उम्मीद जताई जा रही है कि देर से ही सही ,लेकिन बारिश शुरू होने से पिछले साल के मुकाबले इस बार नुकसान कम होगा. साल 2022 में भी सूखे की वजह से करीब 35 करोड़ का नुकसान हमीरपुर जिले को हुआ था. इस बार अप्रैल महीने तक नुकसान का यह आंकड़ा 30 करोड़ तक पहुंच गया है. मई महीने में उत्पादन के आंकड़े कृषि विभाग हमीरपुर के पास होंगे. इन आंकड़ों के आधार पर ही पिछले सालों के उत्पादन की तुलना की जाएगी.

अक्टूबर में की गई बिजाई के लिए घातक बारिश: : पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश से गेहूं की फसल पर मिलाजुला असर होगा. दरअसल गेहूं की जल्द बिजाई यदि अक्टूबर में की गई है तो यह फसल उतनी लाभदायक साबित नहीं होगी ,लेकिन नवंबर महीने में बिजाई करने वाले किसानों के लिए कुछ हद तक यह फसल लाभकारी होगी. जिन क्षेत्रों में देरी से किसानों ने बिजाई की है उनकी फसल के लिए सूखे की मार से यह रिकवरी का काम करेगी.अक्टूबर और नवंबर के महीने में गेहूं की फसल की बिजाई होती हैं. ऐसे में देरी से जिन किसानों ने बिजाई की है उनके लिए यह बारिश राहत भरी है. जिन क्षेत्रों में अक्टूबर महीने में गेहूं की फसल की बिजाई की गई, वहां कटाई 15 से 20 दिन में शुरू होगी.

भिंडी ,करेला की बिजाई के लिए सही समय: हमीरपुर जिले में बहुत ही कम एरिया में नगदी फसलों यानी सब्जियों की पैदावार होती है. जिले में कुल 37000 हेक्टेयर एरिया में खेती की जाती है, जबकि महज 1440 हेक्टेयर एरिया में सब्जियों की पैदावार होती है. वर्तमान में लौकी ,कद्दू ,धनिया इत्यादि की ठीक पैदावार किसान कर रहे हैं, जिसके लिए यह बारिश घातक साबित हो रही है ,जबकि आगामी दिनों में भिंडी ,करेला इत्यादि की पैदावार के लिए यह बिजाई का उपयुक्त समय है. बारिश होने की वजह से इन सब्जियों की बिजाई की जा सकती है.

ओलावृष्टि कम, बारिश ज्यादा , बागवानी के अच्छे संकेत: पिछले कुछ दिनों से प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी है. हालांकि अपेक्षाकृत ओलावृष्टि कम हो रही है. इससे आम और लीची की पैदावार को नुकसान नहीं हुआ .बारिश आम और लीची के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. हालांकि, यदि आने वाले दिनों में ओलावृष्टि या अंधड़ अधिक चलती है तो नुकसान हो सकता है. फिलहाल जारी बारिश से बागवानों को कोई परेशानी नहीं हो रही.

ये भी पढ़ें: सोलन सब्जी मंडी में दिखा बारिश का असर: किसान खेप लेकर भी कम पहुंचे और खरीदने वाले भी कम नजर आए

अनूप कत्तना, जिला कृषि अधिकारी हमीरपुर

हमीरपुर: जिले में सूखे के हालात पैदा होने के बाद पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों ने राहत की सांस ली है. सूखे की वजह से गेहूं की 30% से अधिक फसल तबाह हो चुकी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण अब किसानों के चेहरे खिल गए हैं. जिले में हर साल 30000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की जाती है. बंपर फसल होने पर 52360 मीट्रिक टन पैदावार की उम्मीद लगाई जा रही थी ,लेकिन अभी तक 30% के लगभग 15708 मीट्रिक टन उत्पादन कम होने की आशंका है.

2022 में हुआ करीब 35 करोड़ का नुकसान: कृषि विभाग हमीरपुर के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है. हालांकि यह उम्मीद जताई जा रही है कि देर से ही सही ,लेकिन बारिश शुरू होने से पिछले साल के मुकाबले इस बार नुकसान कम होगा. साल 2022 में भी सूखे की वजह से करीब 35 करोड़ का नुकसान हमीरपुर जिले को हुआ था. इस बार अप्रैल महीने तक नुकसान का यह आंकड़ा 30 करोड़ तक पहुंच गया है. मई महीने में उत्पादन के आंकड़े कृषि विभाग हमीरपुर के पास होंगे. इन आंकड़ों के आधार पर ही पिछले सालों के उत्पादन की तुलना की जाएगी.

अक्टूबर में की गई बिजाई के लिए घातक बारिश: : पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश से गेहूं की फसल पर मिलाजुला असर होगा. दरअसल गेहूं की जल्द बिजाई यदि अक्टूबर में की गई है तो यह फसल उतनी लाभदायक साबित नहीं होगी ,लेकिन नवंबर महीने में बिजाई करने वाले किसानों के लिए कुछ हद तक यह फसल लाभकारी होगी. जिन क्षेत्रों में देरी से किसानों ने बिजाई की है उनकी फसल के लिए सूखे की मार से यह रिकवरी का काम करेगी.अक्टूबर और नवंबर के महीने में गेहूं की फसल की बिजाई होती हैं. ऐसे में देरी से जिन किसानों ने बिजाई की है उनके लिए यह बारिश राहत भरी है. जिन क्षेत्रों में अक्टूबर महीने में गेहूं की फसल की बिजाई की गई, वहां कटाई 15 से 20 दिन में शुरू होगी.

भिंडी ,करेला की बिजाई के लिए सही समय: हमीरपुर जिले में बहुत ही कम एरिया में नगदी फसलों यानी सब्जियों की पैदावार होती है. जिले में कुल 37000 हेक्टेयर एरिया में खेती की जाती है, जबकि महज 1440 हेक्टेयर एरिया में सब्जियों की पैदावार होती है. वर्तमान में लौकी ,कद्दू ,धनिया इत्यादि की ठीक पैदावार किसान कर रहे हैं, जिसके लिए यह बारिश घातक साबित हो रही है ,जबकि आगामी दिनों में भिंडी ,करेला इत्यादि की पैदावार के लिए यह बिजाई का उपयुक्त समय है. बारिश होने की वजह से इन सब्जियों की बिजाई की जा सकती है.

ओलावृष्टि कम, बारिश ज्यादा , बागवानी के अच्छे संकेत: पिछले कुछ दिनों से प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी है. हालांकि अपेक्षाकृत ओलावृष्टि कम हो रही है. इससे आम और लीची की पैदावार को नुकसान नहीं हुआ .बारिश आम और लीची के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. हालांकि, यदि आने वाले दिनों में ओलावृष्टि या अंधड़ अधिक चलती है तो नुकसान हो सकता है. फिलहाल जारी बारिश से बागवानों को कोई परेशानी नहीं हो रही.

ये भी पढ़ें: सोलन सब्जी मंडी में दिखा बारिश का असर: किसान खेप लेकर भी कम पहुंचे और खरीदने वाले भी कम नजर आए

Last Updated : Apr 9, 2023, 9:05 AM IST

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