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हिमाचल के छात्र कार्तिकेय का कमाल: अब अनिद्रा और बैक पेन से छुटकारा दिलाएगा 'हीलिंग पिलो'

नींद ना आने की समस्या से कई लोग जूझते हैं. साथ ही गर्दन और बैक पेन की परेशानी भी आम हो चली है. ऐसे लोगों के बारे में हमीरपुर के बेटे ने ना सिर्फ सोचा ,बल्कि इस समस्या का हल भी निकाला है. डीएवी बिलासपुर में पढ़ने वाले छात्र कार्तिकेय ने एक तकिया इजाद किया है. कैसे ये तकिया दर्द से राहत देगा और अनिद्रा दूर करेगा.. जानिए.. (problem of sleeplessness)

student kartikeya made healing pillow
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Published : Dec 1, 2022, 4:09 PM IST

हमीरपुर: अब नींद आने में अत्याधुनिक तकिया मदद करेगा. इंस्पायर मानक अवार्ड योजना के तहत सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र कार्तिकेय ने यह तकनीक इजाद की है. कार्तिकेय डीएवी स्कूल बिलासपुर के छात्र हैं. यह तकिया वाइब्रेटर के साथ ही एक्यूप्रेशर पद्धति से भी लैस है. (healing pillow for sleep ) (pillow for back pain relief ) (DAV School Bilaspur student Kartikeya)

कार्तिकेय ने बनाया हीलिंग पिलो: वाइब्रेटर और हीटर के जरिए जहां एक तरफ इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को मसाज और हीट मिल पाएगी तो वहीं दूसरी तरफ यह नींद आने में भी मदद करेगा. इतना ही नहीं गर्दन और बैक पेन की समस्या से निजात दिलाने के लिए भी इस तकिया में एक्यूप्रेशर पद्धति के लिए मैग्नेट लगाये गए हैं, जो कि एक्यूप्रेशर के पॉइंट्स को एक्टिवेट करेंगे.

student kartikeya made healing pillow
कार्तिकेय ने बनाया हीलिंग पिलो

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए तकिया चयनित: तकिया इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को दर्द से राहत मिलेगी. छात्र कार्तिकेय ने इस तकिये को हीलिंग पिलो का नाम दिया है. बड़ी बात यह है कि तकिए में वाइब्रेटर स्पीड और हिटिंग को नियंत्रित भी किया जा सकता है. छात्र कार्तिकेय के इस अनूठे आइडिया को इंस्पायर मानक अवार्ड योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित कर लिया गया है.

दर्द से कैसे राहत देगा यह तकिया: दरअसल वाइब्रेटर से शरीर को रिलैक्स करने में मदद मिलती है और हीट और वाइब्रेटर गर्दन के पीछे के मसल को रिलैक्स करने के साथ ही हीट भी देंगे. जिससे ब्लड की नसें खोलने में मदद मिलेगी और रक्तचाप भी बढ़ेगा. इससे दर्द में कमी आएगी.

देखें रिपोर्ट

क्या रहेगी वाइब्रेटर और मैग्नेट की भूमिका: एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को एक्टिवेट करने के लिए हीलिंग पिलो में मैग्नेट लगाए गए हैं. इन मैग्नेट को एक्टिवेट करने के बाद यह मैग्नेट एक्यूप्रेशर पॉइंट को एक्टिवेट करेंगे जिससे इस्तेमाल करने वाले को फायदा मिलेगा. एक्यूप्रेशर पॉइंट एक्टिवेट होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और इससे दर्द से निजात मिलेगी.

अरोमाथेरेपी का एक तरीका: नींद ना आने का कारण मुख्य तौर पर तनाव ही माना जाता है. तनाव से राहत दिलाने के लिए इस अत्याधुनिक तकिये में छात्र कार्तिकेय ने लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल का सुझाव दिया है ,ताकि इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को इस तेल की खुशबू से नींद आने में और भी मदद मिले. इस तेल की 2 से 3 बूंदे तकिए पर छिड़कने के बाद वाइब्रेटर और एक्यूप्रेशर मैग्नेट को एक्टिवेट करने पर 10 से 15 मिनट में इस्तेमाल करने वाले को नींद आ जाएगी. यह अरोमाथेरेपी का एक तरीका है जिसमें कई तरह के एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है. इस पद्धति में नींद आने की समस्या के लिए सबसे अधिक कारगर लैवेंडर एसेंशियल ऑयल को माना जाता है.

healing pillow for sleep
सातवीं के छात्र कार्तिकेय ने बनाया अनोखा तकिया

तकिये की लागत 3000 रुपये: छात्र कार्तिकेय कहते हैं कि इस अत्याधुनिक तकिए को बनाने के लिए कुल लागत ₹3000 आई है लेकिन यदि इसे बड़े स्तर पर उत्पादन में लाया जाता है तो यह लागत 2000 तक सीमित हो सकती है. कार्तिकेय का कहना है कि नींद ना आने की समस्या का मुख्य कारण तनाव होता है. ऐसे में यह तकनीक काफी कारगर साबित हो सकती है.

"8 से 10 बार इस्तेमाल के बाद इस्तेमाल करने वाले को तनाव से राहत मिलेगी. हालांकि इसकी आदत लगने की कोई संभावना नहीं है. नींद आने की समस्या का समाधान होने के बाद इसे स्वेच्छा मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है."- कार्तिकेय, छात्र

healing pillow for sleep
हीलिंग पिलो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित

डॉक्टरों की राय: डॉक्टरों का भी मानना है कि अगर सोते समय सही तकिया का इस्तेमाल ना किया जाए तो कई तरह की परेशानी हो सकती है. तकिया लगाकर सोने से सिर में रक्त का संचार कम होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छी तरह नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से अगली सुबह उठते ही व्यक्ति को सिर में हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है. वहीं अगर आप तकिए के बिना सोते हैं तो सिर में रक्त का संचार ठीक होने से सिरदर्द की समस्या नहीं होती है. वहीं नींद ना आने की बीमारी को इंसोमनिया (Insomnia) कहा जाता है. यह एक प्रकार का नींद संबंधी विकार है. इसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या रहती है. ऐसा होने से स्वास्थ्य पर असर होता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं.

पढ़ें- नन्हीं वैज्ञानिक का अनोखा एयर प्यूरीफायर मॉडल, घर में कोरोना वायरस भी नहीं कर सकेगा प्रवेश

हमीरपुर: अब नींद आने में अत्याधुनिक तकिया मदद करेगा. इंस्पायर मानक अवार्ड योजना के तहत सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र कार्तिकेय ने यह तकनीक इजाद की है. कार्तिकेय डीएवी स्कूल बिलासपुर के छात्र हैं. यह तकिया वाइब्रेटर के साथ ही एक्यूप्रेशर पद्धति से भी लैस है. (healing pillow for sleep ) (pillow for back pain relief ) (DAV School Bilaspur student Kartikeya)

कार्तिकेय ने बनाया हीलिंग पिलो: वाइब्रेटर और हीटर के जरिए जहां एक तरफ इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को मसाज और हीट मिल पाएगी तो वहीं दूसरी तरफ यह नींद आने में भी मदद करेगा. इतना ही नहीं गर्दन और बैक पेन की समस्या से निजात दिलाने के लिए भी इस तकिया में एक्यूप्रेशर पद्धति के लिए मैग्नेट लगाये गए हैं, जो कि एक्यूप्रेशर के पॉइंट्स को एक्टिवेट करेंगे.

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कार्तिकेय ने बनाया हीलिंग पिलो

राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए तकिया चयनित: तकिया इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को दर्द से राहत मिलेगी. छात्र कार्तिकेय ने इस तकिये को हीलिंग पिलो का नाम दिया है. बड़ी बात यह है कि तकिए में वाइब्रेटर स्पीड और हिटिंग को नियंत्रित भी किया जा सकता है. छात्र कार्तिकेय के इस अनूठे आइडिया को इंस्पायर मानक अवार्ड योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित कर लिया गया है.

दर्द से कैसे राहत देगा यह तकिया: दरअसल वाइब्रेटर से शरीर को रिलैक्स करने में मदद मिलती है और हीट और वाइब्रेटर गर्दन के पीछे के मसल को रिलैक्स करने के साथ ही हीट भी देंगे. जिससे ब्लड की नसें खोलने में मदद मिलेगी और रक्तचाप भी बढ़ेगा. इससे दर्द में कमी आएगी.

देखें रिपोर्ट

क्या रहेगी वाइब्रेटर और मैग्नेट की भूमिका: एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को एक्टिवेट करने के लिए हीलिंग पिलो में मैग्नेट लगाए गए हैं. इन मैग्नेट को एक्टिवेट करने के बाद यह मैग्नेट एक्यूप्रेशर पॉइंट को एक्टिवेट करेंगे जिससे इस्तेमाल करने वाले को फायदा मिलेगा. एक्यूप्रेशर पॉइंट एक्टिवेट होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और इससे दर्द से निजात मिलेगी.

अरोमाथेरेपी का एक तरीका: नींद ना आने का कारण मुख्य तौर पर तनाव ही माना जाता है. तनाव से राहत दिलाने के लिए इस अत्याधुनिक तकिये में छात्र कार्तिकेय ने लैवेंडर एसेंशियल ऑयल के इस्तेमाल का सुझाव दिया है ,ताकि इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को इस तेल की खुशबू से नींद आने में और भी मदद मिले. इस तेल की 2 से 3 बूंदे तकिए पर छिड़कने के बाद वाइब्रेटर और एक्यूप्रेशर मैग्नेट को एक्टिवेट करने पर 10 से 15 मिनट में इस्तेमाल करने वाले को नींद आ जाएगी. यह अरोमाथेरेपी का एक तरीका है जिसमें कई तरह के एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है. इस पद्धति में नींद आने की समस्या के लिए सबसे अधिक कारगर लैवेंडर एसेंशियल ऑयल को माना जाता है.

healing pillow for sleep
सातवीं के छात्र कार्तिकेय ने बनाया अनोखा तकिया

तकिये की लागत 3000 रुपये: छात्र कार्तिकेय कहते हैं कि इस अत्याधुनिक तकिए को बनाने के लिए कुल लागत ₹3000 आई है लेकिन यदि इसे बड़े स्तर पर उत्पादन में लाया जाता है तो यह लागत 2000 तक सीमित हो सकती है. कार्तिकेय का कहना है कि नींद ना आने की समस्या का मुख्य कारण तनाव होता है. ऐसे में यह तकनीक काफी कारगर साबित हो सकती है.

"8 से 10 बार इस्तेमाल के बाद इस्तेमाल करने वाले को तनाव से राहत मिलेगी. हालांकि इसकी आदत लगने की कोई संभावना नहीं है. नींद आने की समस्या का समाधान होने के बाद इसे स्वेच्छा मुताबिक इस्तेमाल किया जा सकता है."- कार्तिकेय, छात्र

healing pillow for sleep
हीलिंग पिलो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित

डॉक्टरों की राय: डॉक्टरों का भी मानना है कि अगर सोते समय सही तकिया का इस्तेमाल ना किया जाए तो कई तरह की परेशानी हो सकती है. तकिया लगाकर सोने से सिर में रक्त का संचार कम होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छी तरह नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से अगली सुबह उठते ही व्यक्ति को सिर में हल्का-हल्का दर्द महसूस होता है. वहीं अगर आप तकिए के बिना सोते हैं तो सिर में रक्त का संचार ठीक होने से सिरदर्द की समस्या नहीं होती है. वहीं नींद ना आने की बीमारी को इंसोमनिया (Insomnia) कहा जाता है. यह एक प्रकार का नींद संबंधी विकार है. इसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या रहती है. ऐसा होने से स्वास्थ्य पर असर होता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं.

पढ़ें- नन्हीं वैज्ञानिक का अनोखा एयर प्यूरीफायर मॉडल, घर में कोरोना वायरस भी नहीं कर सकेगा प्रवेश

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