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मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में इलाज के लिए आने वाले हर मरीज को अब नहीं करवाना होगा कोरोना टेस्ट - हिमाचल प्रदेश न्यूज

मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर इलाज के लिए आने वाले हर मरीज का अब कोरोना कोरोना टेस्ट अनिवार्य नहीं होगा. अस्पताल प्रबंधन ने अब इस बाबत निर्णय लिया है जिसके बाद हरेक मरीज का सैंपल लेना बंद कर दिया गया है.

medical college hamirpur, मेडिकल कॉलेज हमीरपुर
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Published : Jul 1, 2021, 9:38 PM IST

हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर इलाज के लिए आने वाले हर मरीज का अब कोरोना कोरोना टेस्ट अनिवार्य नहीं होगा. जानकारी के मुताबिक अब यहां पर अब केवल उसी मरीज का टेस्ट होगा जिसमें कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे. अस्पताल प्रबंधन ने अब इस बाबत निर्णय लिया है जिसके बाद हरेक मरीज का सैंपल लेना बंद कर दिया गया है.

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल आने वाले हरेक मरीज के रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू किए थे. इन टेस्टों के बाद अस्पताल के अंदर संक्रमण का खतरा कम हो गया था, जो मरीज नेगेटिव आता केवल उसे ही अस्पताल में प्रवेश मिलता था और पॉजिटिव आने वाले मरीज को आइसोलशन वार्ड में भर्ती कर उसे जरूरत अनुसार अस्पताल में उपचार दिया जाता या गृह संगरोध में भेजा जाता.

पूर्व में सभी मरीजों के टेस्ट होने पर अस्पताल में ओपीडी भी कम हुई थी

अब कोरोना के मामले कम होने पर अस्पताल प्रबंधन ने सभी मरीजों के रैपिड एंटीजन टेस्ट बंद कर दिए हैं. केवल उन्हीं मरीजों के कोरोना जांच को सैंपल लिए जाएंगे, जिनमें इसके लक्षण होंगे. पूर्व में सभी मरीजों के टेस्ट होने पर अस्पताल में ओपीडी भी कम हुई थी. लोग कोरोना टेस्ट करवाने के डर से अस्पताल भी कम ही आ रहे थे.

मरीजों की तादाद में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है

वहीं, अब कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ-साथ अस्पताल में भीड़ बढ़ गई है. टेस्ट की अनिवार्यता खत्म होने के बाद अब सबके कोरोना टेस्ट भी अस्पताल में नहीं होंगे तो मरीजों की तादाद में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है. इस बारे में एमएस डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि अब अस्पताल में कोरोना लक्षणों वाले मरीजों के ही कोरोना टेस्ट होंगे. हर मरीज के सैंपल अब नहीं लिए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- अटल टनल ने बढ़ाई हिमाचल की शान, पर्यटन कारोबार को लगाए चार चांद

हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हमीरपुर इलाज के लिए आने वाले हर मरीज का अब कोरोना कोरोना टेस्ट अनिवार्य नहीं होगा. जानकारी के मुताबिक अब यहां पर अब केवल उसी मरीज का टेस्ट होगा जिसमें कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे. अस्पताल प्रबंधन ने अब इस बाबत निर्णय लिया है जिसके बाद हरेक मरीज का सैंपल लेना बंद कर दिया गया है.

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल आने वाले हरेक मरीज के रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू किए थे. इन टेस्टों के बाद अस्पताल के अंदर संक्रमण का खतरा कम हो गया था, जो मरीज नेगेटिव आता केवल उसे ही अस्पताल में प्रवेश मिलता था और पॉजिटिव आने वाले मरीज को आइसोलशन वार्ड में भर्ती कर उसे जरूरत अनुसार अस्पताल में उपचार दिया जाता या गृह संगरोध में भेजा जाता.

पूर्व में सभी मरीजों के टेस्ट होने पर अस्पताल में ओपीडी भी कम हुई थी

अब कोरोना के मामले कम होने पर अस्पताल प्रबंधन ने सभी मरीजों के रैपिड एंटीजन टेस्ट बंद कर दिए हैं. केवल उन्हीं मरीजों के कोरोना जांच को सैंपल लिए जाएंगे, जिनमें इसके लक्षण होंगे. पूर्व में सभी मरीजों के टेस्ट होने पर अस्पताल में ओपीडी भी कम हुई थी. लोग कोरोना टेस्ट करवाने के डर से अस्पताल भी कम ही आ रहे थे.

मरीजों की तादाद में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है

वहीं, अब कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ-साथ अस्पताल में भीड़ बढ़ गई है. टेस्ट की अनिवार्यता खत्म होने के बाद अब सबके कोरोना टेस्ट भी अस्पताल में नहीं होंगे तो मरीजों की तादाद में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है. इस बारे में एमएस डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि अब अस्पताल में कोरोना लक्षणों वाले मरीजों के ही कोरोना टेस्ट होंगे. हर मरीज के सैंपल अब नहीं लिए जाएंगे.

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