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किसानों के साथ अंग्रेजों से भी बद्तर व्यवहार कर रही मोदी सरकार : प्रेम कौशल

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Published : Dec 9, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 8:10 PM IST

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने देश में चल रहे किसान विरोध को लेकर एक ब्यान जारी किया है. प्रेम कौशल ने कहा कि देश के किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के प्रति सरकार के अड़ियल और अंहकारी रुख अपनाया हुआ है.

prem kaushal
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हमीरपुर: प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने देश में चल रहे किसान विरोध को लेकर एक बयान जारी किया है. प्रेम कौशल ने कहा कि देश के किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के प्रति सरकार के अड़ियल और अंहकारी रुख अपनाया हुआ है.

मोदी सरकार की अंग्रेजी हुकूमत से तुलना

प्रेम कौशल ने मोदी सरकार की अंग्रेजी हुकूमत से तुलना की है. लाखों किसान कोरोना महामारी की परवाह किए बिना कड़कती ठंड में दमनकारी कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलनरत हैं और देश के प्रधानमंत्री मन की बात में इन काले कानूनों को किसान हितैषी बता कर पहले से आहत किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

वीडियो.

किसानों ने नहीं की इन कानूनों की मांग

कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि कृषि कानूनों को पूंजीपतियों की लालसा और सरकार द्वारा उनके आर्थिक हितों के प्रति समर्पण की संज्ञा देते हुए कहा कि जिनकी बेहतरी के लिए कानून बनाने का दावा सरकार कर रही है, जब वही इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. जब किसानों के किसी संगठन अथवा प्रतिनिधि ने सरकार से कभी ऐसे कानून बनाने की मांग ही नहीं की तो इन कानूनों को रद्द करने में हठधर्मिता क्यों.

पूंजीपतियों के हित साधने की है सारी योजना

कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि वास्तव में किसान हित की आड़ में पूंजीपतियों के हित साधने का कार्य सरकार ने किया है और यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो किसान खेतों में खून पसीना बहा कर देश का पेट भरने का पुनीत कार्य करता है. वहीं, आज अन्याय के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करने को मजबूर है परंतु अंधी और बेहरी सरकार कुछ देखने-सुनने को तैयार नहीं है.

पढ़ें: भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन की लागत बढ़ी, अब 3787 करोड़ हुआ बजट

हमीरपुर: प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने देश में चल रहे किसान विरोध को लेकर एक बयान जारी किया है. प्रेम कौशल ने कहा कि देश के किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के प्रति सरकार के अड़ियल और अंहकारी रुख अपनाया हुआ है.

मोदी सरकार की अंग्रेजी हुकूमत से तुलना

प्रेम कौशल ने मोदी सरकार की अंग्रेजी हुकूमत से तुलना की है. लाखों किसान कोरोना महामारी की परवाह किए बिना कड़कती ठंड में दमनकारी कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलनरत हैं और देश के प्रधानमंत्री मन की बात में इन काले कानूनों को किसान हितैषी बता कर पहले से आहत किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

वीडियो.

किसानों ने नहीं की इन कानूनों की मांग

कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कहा कि कृषि कानूनों को पूंजीपतियों की लालसा और सरकार द्वारा उनके आर्थिक हितों के प्रति समर्पण की संज्ञा देते हुए कहा कि जिनकी बेहतरी के लिए कानून बनाने का दावा सरकार कर रही है, जब वही इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. जब किसानों के किसी संगठन अथवा प्रतिनिधि ने सरकार से कभी ऐसे कानून बनाने की मांग ही नहीं की तो इन कानूनों को रद्द करने में हठधर्मिता क्यों.

पूंजीपतियों के हित साधने की है सारी योजना

कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि वास्तव में किसान हित की आड़ में पूंजीपतियों के हित साधने का कार्य सरकार ने किया है और यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो किसान खेतों में खून पसीना बहा कर देश का पेट भरने का पुनीत कार्य करता है. वहीं, आज अन्याय के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करने को मजबूर है परंतु अंधी और बेहरी सरकार कुछ देखने-सुनने को तैयार नहीं है.

पढ़ें: भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन की लागत बढ़ी, अब 3787 करोड़ हुआ बजट

Last Updated : Dec 9, 2020, 8:10 PM IST
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