हमीरपुर: आम लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान और सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आज से प्रदेश भर में 'सरकार गांव के द्वार' कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नादौन विभानसभा की ग्राम पंचायत गोईस से किया. अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने कड़दोह (पनयाली) में कपाड़ा पुल का शिलान्यास करने के बाद फाहल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन की आधारशिला और गांव बुधवीं में उठाऊ पेयजल योजना फाहल-कोटलू का शिलान्यास किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सरकारी योजनाओं पर लगाई गई प्रदर्शन का अवलोकन भी किया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एक साल में जो कांग्रेस पार्टी की सरकार है उसने कितने जनता हित में फैसले किए हैं, लोगों को बताना है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आर्थिक बदहाली के बाद भी हिमाचल में उन्नति की नई राहें खोली हैं. इस अवसर पर केसीसी बैंक चेयरमैन कुलदीप पठानिया, ब्लॉक नादौन अध्यक्ष कै. पृथी चंद, डीसी हेमराज बैरवा, एसपी आकृति शर्मा भी मौजूद रहीं.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा 1 साल में लाई गई जनकल्याणकारी नीतियों के बारे में आम जनता को विस्तृत जानकारी देने के लिए प्रदेश सरकार के सभी मंत्री आज विभिन्न क्षेत्रों में जाकर कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में आए आपदा के बावजूद जन कल्याण की विभिन्न योजनाएं शुरू की है और आपदा प्रभावित परिवारों को सरकारी मैनुअल में बदलाव कर राहत प्रदान करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हम पहली सरकार हैं जहां पुरानी पेंशन स्कीम लागू की गई. प्रदेश में इस बाहर ऐतिहासिक आपदा आई जिसे अभी तक अपने जीवनकाल में कभी नहीं देखा था. भाजपा नेताओं ने कोई मदद नहीं मांगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हमले 4500 करोड़ का आपदा राहत पैकेज जारी किया और जिनके घर उजड़ गए थे हमने उन घरों को बसाने के लिए कानून बदल दिया और डेढ़ लाख की जगह सात लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के द्वारा कार्यक्रम की जा रही बयानबाजी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ''भाजपा सरकार ने जनमंच कार्यक्रम पर लगभग 36 करोड़ रुपये व्यय किए थे, जबकि सरकार इन कार्यक्रमों पर कोई भी पैसा नहीं खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता की सेवा करने के लिए सत्तासीन हुई है और यह जनता के लिए सेवा मंच है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने की है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि गेस्ट फैकल्टी के मामले में गलत समझा जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पॉलिसी को समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक घंटे के लिए बच्चों को पढ़ाना है तो टीचर बोलते हैं कि एक घंटे का पैसा कौन देगा. अब उन्हें एक घंटा पढ़ाने के पैसे मिलेंगे. उन्होंने कहा कि यदि स्कूल में टीचर नहीं होता है तो इस पॉलिसी के आधार पर टीचर रखकर बच्चों की पढ़ाई सुचारू रखी जा सकती है.
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