हमीरपुर: कोरोना काल में कई बच्चे अनाथ हुए हैं. वहीं, अब जिला बाल कल्याण समिति हमीरपुर इन बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध करवाएगी. अभी फिलहाल जिला बाल कल्याण समिति हमीरपुर ने कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए 1 बच्चे का और 6 अन्य अनाथ बच्चों का खर्चा उठाने का फैसला लिया है.
अनाथ बच्चों के भविष्य संवारने के मद्देनजर बाल कल्याण समिति ने यह फैसला लिया है. जिला कार्यक्रम अधिकारी एचसी शर्मा ने बताया कि अनाथ बच्चों को सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं में लाभ मिलता है.
उन्होंने बताया कि बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत बच्चों को 2500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. जिस से 2000 रुपये बच्चे को खर्च करने के लिए मिलता है, जबकि 500 रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में मिलता है. बच्चे को गार्डियन के साथ भेजना है या फिर चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट भेजना है इस बारे में निर्णय बाल कल्याण सरंक्षण कमेटी लेती है.
सारा खर्चा बाल कल्याण समिति उठाती है
इसके अलावा भी कई अन्य योजनाओं के तहत बच्चे को आर्थिक लाभ मिलता है. जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में अभी तक जिला में 6 बच्चों के सर से माता पिता का साया उठ गया है. वहीं, एक बच्चा कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुआ है. यदि किसी अनाथ बच्चे को चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट में भेजा जाता है तो उसका सारा खर्चा बाल कल्याण समिति उठाती है.
आर्थिक मदद से बच्चे को अपना भविष्य संवारने में मदद जरूर मिलेगी
बच्चे के रहने, खाने और शिक्षा एवं चिकित्सा के अलावा भी हर खर्चा बाल कल्याण समिति द्वारा वहन किया जाता है. हालाांकि बच्चे को आर्थिक सहायता देने के बावजूद बच्चे को अपने माता पिता की कमी खलती रहेगी, लेकिन इस आर्थिक मदद से बच्चे को अपना भविष्य संवारने में मदद जरूर मिलेगी.
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