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हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में शोपीस बने अग्निशमन यंत्र, रिफिल करवाना भूला प्रबंधन - राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर

चयन आयोग हमीरपुर के बाद डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में भी एक्सपायर हुए अग्निशमन यंत्र दिवारों पर लटके हुए मिले. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का प्रशासन भी अग्निशमन यंत्र को रिफिल करवाना भूल गया है.

carelessness of fire system in hamirpur medical college
अग्निशमन यंत्र हुए एक्सपायर
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Published : Dec 9, 2019, 11:09 PM IST

हमीरपुरः डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र दीवारों पर मात्र शोपीस बनकर लटके हुए हैं. हालांकि इनकी जरूरत पड़ी तो ये काम नहीं आ सकेंगे. वर्तमान में जितने भी अग्निशमन यंत्र मेडिकल कॉलेज में लगाए गए सभी एक्सपायर हो चुके हैं.

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र की रिफिल करवाने की तिथि एक महीना पहले ही समाप्त हो चुकी है. ऐसे में अगर कहीं आगजनी की घटना हुई तो यह यंत्र शायद प्रयोग में न लाए जा सकें. वहीं, कॉलेज प्रबंधन के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

वीडिओ रिपोर्ट.

ऐसा नहीं है कि मेडिकल कालेज में ही ऐसा देखने को मिला है, बल्कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के हालात भी ऐसे ही थे. यहां तो छह माह पहले एक्सपायर हो चुके अग्निशमन यंत्र दीवारों पर लटके हुए थे. इससे तो यही साबित हो रहा है कि सरकारी कार्यालयों में सुरक्षा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है.

बीते माह से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुके हैं. आगजनी की स्थिति में यहां लोगों व कर्मचारियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

बता दें कि मेडिकल कालेज हमीरपुर में रोजाना एक हजार से ज्यादा मरीज आते हैं. यह आंकड़ा पर्ची काउंटर पर रोजाना बन रही पर्चियां दर्शाती हैं, वहीं मेडिकल कालेज में 300 से अधिक का स्टाफ भी कार्यरत है. ऐसे में अगर कोई आगजनी की घटना होती है तो अग्निशमन यंत्रों के कार्य न करने की स्थिति में नुकसान का आंकड़ा ज्यादा रहेगा.

अस्पताल में मरीजों को एडमिट किया जाता है, जो दिन-रात अस्पताल में ही उपचाराधीन रहते हैं और इनके साथ इनके तीमारदार भी होते हैं. अग्निशमन यंत्र रिफिल न करवाने की छोटी सी लापरवाही बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है.

हमीरपुरः डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र दीवारों पर मात्र शोपीस बनकर लटके हुए हैं. हालांकि इनकी जरूरत पड़ी तो ये काम नहीं आ सकेंगे. वर्तमान में जितने भी अग्निशमन यंत्र मेडिकल कॉलेज में लगाए गए सभी एक्सपायर हो चुके हैं.

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र की रिफिल करवाने की तिथि एक महीना पहले ही समाप्त हो चुकी है. ऐसे में अगर कहीं आगजनी की घटना हुई तो यह यंत्र शायद प्रयोग में न लाए जा सकें. वहीं, कॉलेज प्रबंधन के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

वीडिओ रिपोर्ट.

ऐसा नहीं है कि मेडिकल कालेज में ही ऐसा देखने को मिला है, बल्कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के हालात भी ऐसे ही थे. यहां तो छह माह पहले एक्सपायर हो चुके अग्निशमन यंत्र दीवारों पर लटके हुए थे. इससे तो यही साबित हो रहा है कि सरकारी कार्यालयों में सुरक्षा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है.

बीते माह से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुके हैं. आगजनी की स्थिति में यहां लोगों व कर्मचारियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

बता दें कि मेडिकल कालेज हमीरपुर में रोजाना एक हजार से ज्यादा मरीज आते हैं. यह आंकड़ा पर्ची काउंटर पर रोजाना बन रही पर्चियां दर्शाती हैं, वहीं मेडिकल कालेज में 300 से अधिक का स्टाफ भी कार्यरत है. ऐसे में अगर कोई आगजनी की घटना होती है तो अग्निशमन यंत्रों के कार्य न करने की स्थिति में नुकसान का आंकड़ा ज्यादा रहेगा.

अस्पताल में मरीजों को एडमिट किया जाता है, जो दिन-रात अस्पताल में ही उपचाराधीन रहते हैं और इनके साथ इनके तीमारदार भी होते हैं. अग्निशमन यंत्र रिफिल न करवाने की छोटी सी लापरवाही बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है.

Intro:अग्निशमन यंत्र एक्सपायर, समय पर रिफिल करवाना भूल गया हमीरपुर मेडिकल कालेज प्रबंधन

हमीरपुर
– डा. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र दीवारों पर मात्र शोपीस बनकर लटके हुए हैं। हालांकि इनकी जरूरत पड़ी तो ये काम नहीं आ सकेंगे। वर्तमान में जितने भी अग्निशमन यंत्र मेडिकल कालेज में लगाए गए हैं, सभी एक्सपायर हो चुके हैं। इन्हें रिफिल करवाने की तिथि एक महीना पहले ही समाप्त हो चुकी है। ऐसे में अगर कहीं आगजनी की घटना हुई तो यह यंत्र शायद प्रयोग में न लाए जा सकें। Body:वहीं, कालेज प्रबंधन के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। ऐसा नहीं है कि मेडिकल कालेज में ही ऐसा देखने को मिला है, बल्कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के हालात भी ऐसे ही थे। यहां तो छह माह पहले एक्सपायर हो चुके अग्निशमन यंत्र दीवारों पर लटके हुए थे। इससे तो यही साबित हो रहा है कि सरकारी कार्यालयों में सुरक्षा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है। बीते माह से मेडिकल कालेज हमीरपुर में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुके हैं।आगजनी की स्थिति में यहां लोगों व कर्मचारियों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।Conclusion: बता दें कि मेडिकल कालेज हमीरपुर में रोजाना एक हजार से ज्यादा मरीज आते हैं। यह आंकड़ा पर्ची काउंटर पर रोजाना बन रही पर्चियां दर्शाती हैं, वहीं मेडिकल कालेज में 300 से अधिक का स्टाफ भी कार्यरत है। ऐसे में अगर कोई आगजनी की घटना होती है तो अग्निशमन यंत्रों के कार्य न करने की स्थिति में नुकसान का आंकड़ा ज्यादा रहेगा। अस्पताल में मरीजों को एडमिट किया जाता है, जो दिन-रात अस्पताल में ही उपचाराधीन रहते हैं तथा इनके साथ इनके तीमारदार भी होते हैं।अग्निशमन यंत्र रिफिल न करवाने की छोटी सी लापरवाही बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। लोगों में विवेक कुमार, मनोज कुमार, जोग्रिंद्र, संतोष, गौरव व भूमिदेव आदि का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन को समय पर अग्निशमन यंत्रों को रिफिल करवाना चाहिए, ताकि आपात स्थिति में इनका प्रयोग किया जा सके।
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