हमीरपुर: चुनावों में कर्मचारियों से जुड़े अधिकतर मसले मुद्दे बने हैं. कर्मचारी आंदोलन विधानसभा के चुनावों में चर्चा में रहे हैं. ऐसे में बजट सत्र में कर्मचारी वर्ग के हितों को लेकर स्पष्ट झलक देखने को मिल सकती है. बजट सत्र चल रहा है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 17 मार्च को अपना पहला बजट पेश करेंगे. सरकार के पहले बजट से कर्मचारी वर्ग को खासी उम्मीदें हैं.
सरकार डीए को एकमुश्त जारी करे: कर्मचारी नरेश शर्मा का कहना है कि पिछले 1 बरस से कर्मचारियों का 7% डीए पेंडिंग पड़ा हुआ है मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस डीए को एकमुश्त जारी करे. अब तक कर्मचारियों के साथ पे कमीशन के नाम पर पूर्व की सरकारों में धोखा ही हुआ है. कर्मचारियों का एरियर समय पर दिया जाए, यह मांग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से रहेगी. उन्होंने कहा कि यह एरियर चाहे एकमुश्त दिया जाए या फिर किस्तों में दिया जाए यह सरकार खुद तय करे.
आउट सोर्स कर्मचारियों के लिए निति बनाए सरकार: महिला कर्मचारी सरोज कुमारी का कहना है कि साल 2008 में वह बतौर जेबीटी तैनात हुए थे. 2015 में वह नियमित हुए थे लेकिन कॉन्ट्रैक्ट का उनका पीरियड वरिष्ठता में नहीं गिना गया है. उन्होंने कहा कि बजट सत्र से उन्हें उम्मीद है कि उनके सर्विस की अवधि को उनकी नियुक्ति की तिथि से आधार माना जाए ताकि उन्हें लाभ मिल सके. आउट सोर्स कर्मचारी मंजू शर्मा का कहना है कि 10 साल से अधिक समय से वह कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर बार सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन ही दिए जाते हैं लेकिन कोई भी ठोस नीति इस वर्ग के कर्मचारियों के लिए नहीं बनाई गई है. उन्होंने कहा कि इस बार भी उम्मीद कम ही लग रही है लेकिन मुख्यमंत्री हमीरपुर जिले से हैं तो उन्हें उम्मीद है कि आउट सोर्स कर्मचारियों की मांग पूरी होगी.
पुरानी पेंशन योजना को जल्द लागू करे सरकार: रती राम भाटिया ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द सरकार लागू करें और इस बजट सत्र में उसके लिए बजट का भी प्रावधान किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कर्मचारी हितों का ध्यान रखा है और उम्मीद है कि इस बजट में कर्मचारी हित की झलक देखने को मिलेगी.
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