हमीरपुर: यूक्रेन में करीब 8 दिन तक बंकर में गुजारने के बाद अनन्य शर्मा वापस लौट (Student returned from Ukraine to Hamirpur)आए. उन्होंने बताया 8 दिन बंकर में बिताने के बाद रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो वहां पर गोलीबारी शुरू हो गई. युद्ध के हालात बनने के बाद (Russia Ukraine War)उन्होंने घर वापसी के लिए भी फ्लाइट बुक कर ली थी, लेकिन अंतिम समय में फ्लाइट रद्द हो गई, जिसके बाद अनन्य ने करीब 500 मेडिकल स्टूडेंट के साथ यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बंकर में फंस गए.
यहां पर 8 दिन तक युद्ध के माहौल में अपने साथियों के साथ हिम्मत बनाकर समय व्यतीत किया और जैसे ही मौका लगा वह लगभग 12 किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे.यहां पर असली चुनौती सामने आई और रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर बमबारी शुरू हो गई और भगदड़ मच गई. यहां से फिर मेट्रो के बंकर में वह अन्य स्टूडेंट के साथ छिपने को मजबूर हो गए. यहां पर इंडियन एंबेसी की तरफ से लोकेशन मिलने के बाद वहां के लिए रवाना हो गए.
इस लोकेशन पर 2 दिन तक ठहरने के बाद अनन्य अपने साथियों को लीड करते हुए रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचे. उन्होंने बताया यूक्रेन, रोमानिया और भारत सरकार ने भी मदद की.अनन्य की मां शीतल शर्मा का कहना है कि वह भारत सरकार का इसके लिए आभार व्यक्त करती है. अनन्य की दादी सत्या देवी का कहना है कि जब उनका पोता यूक्रेन में था तो उन्हें रात में नींद नहीं आती थी ,जब पोते से फोन पर बात होती थी तब जाकरउनकी आंख लगती थी. अनन्य के पिता संजीव शर्मा का कहना है कि मीडिया ने उनके आवाज को बुलंद किया इसके लिए वह सब के आभारी रहेंगे.
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