चंबा: रावी नदी पर निर्माणाधीन कुठेहड हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की डैम साइट पर ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर काम ठप करवा दिया है. इस दौरान ग्रामीणों ने परियोजना प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और साइट पर ही धरने पर बैठ गए. ग्रामीणों ने दो टूक कहा है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. बहरहाल अभी तक कंपनी प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच बैठक नहीं हो पाई है.
मिली जानकारी के अनुसार कुठेहड गांव के नीचे नदी के पास डैम साइट का काम ग्रामीणों ने सोमवार को रुकवा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि प्रोजेक्ट की साइट पर निर्माण कार्य के चलते धूल-मिट्टी से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, ब्लास्टिंग के चलते उनकी रातों की नींद हराम हो चुकी है. उनका कहना है कि अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से भी मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके चलते उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरीके के वातावरण में रहना सुरक्षित नहीं है. उन्होंने उचित मुआवजा देने की मांगी उठाई है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर कंपनी मुआवजा नहीं दे सकती है तो यहां लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
ग्रामीणों ने डैम के आस-पास रहने वाले परिवारों को प्रतिमाह डेढ़ लाख से अधिक अंतरिम राहत प्रदान करने और पांच साल की अवधि के बाद तीस फीसदी बढ़ोतरी की मांग की है. उनका कहना है कि अगर कंपनी उपरोक्त मांगें पूरी करने में सक्षम नहीं है, तो कंपनी अपने चैंबर और टनल को चिन्हित क्षेत्र से 500-600 मीटर दूर बनाए. अगर कंपनी इस मांग पर भी गौर नहीं करती है, तो ग्रामीणों ने न्यायालय की शरण में जाने की चेतावनी दी है.
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