चंबा: जिला चंबा में स्थित भलेई माता मंदिर का इतिहास सब से अलग और अनूठा है. यह मंदिर आज से 500 साल पहले बनवाया गया था. लोगों का मानना है कि भलेई माता स्वंयभू प्रकट हुई थीं और इसे चंबा के राजा प्रताप चंद ने भलेई नामक स्थान में स्थापित करवाया था.
मंदिर का इतिहास
माना जाता है कि भलेई माता ने चंबा के राजा प्रताप चंद को स्वप्न में दर्शन दिए थे और कहा था कि मैं भलेई नामक स्थान पर प्रकट हुई हूं और मेरा मंदिर स्थापित करवाया जाए. इसके बाद राजा पहाड़ों पर बसे भलेई नामक स्थान से मां की मूर्ति चंबा ले जाने के लिए तैयार हुआ, लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो पाए. इसके बाद फिर मां भलेई ने राजा के स्वप्न में आई और कहा कि मेरा मंदिर यहीं स्थापित किया जाए, जिसके बाद उस मंदिर की स्थापना भलेई में की गई.
रहस्यमयी देवी के नाम से प्रसिद्ध
भलेई मां को रहस्यमयी देवी कहा जाता है. माना जाता है कि माता की मूर्ति को पसीना आता है और इसी वजह से माता को पसीने वाली रहस्यमई देवी के नाम से भी जाना जाता है. लोगों का कहना है कि नवरात्रि या अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में आने वाले जिन भक्तों को माता की मूर्ति पर पसीना दिखाई देता है, उस भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है. हर साल लाखों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं. देश के अलग-अलग राज्यों से भक्त भलेई माता मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं और अपनी मुराद मांगते हैं. वहीं, मुराद पूरी होने के बाद वे दोबारा मंदिर में माता का धन्यवाद करने के लिए आते हैं.
क्या कहते हैं मंदिर आए भक्त
भलेई माता मंदिर में माथा टेकने आए भक्तों का कहना है कि वह पिछले काफी सालों से इस मंदिर में आ रहे हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यहां विराजमान माता की मूर्ति कोमें पसीना आता है. जिन्हें माता की मूर्ति में पसीना नजर आता है उनकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. यहां आकर उन्हें सुकून मिलता है.
दो बार हो चुकी है मंदिर में चोरी
बता दें कि इस मंदिर की मूर्ति को दो बार चोरों ने चुराने का प्रयास किया, लेकिन दोनों बार असफल रहे. एक बार इस मूर्ति को चुराकर चोर यहां से 15 किलोमीटर दूर चमेरा बांध के पास पहुंचे तो उन्हें आगे का रास्ता दिखाई देना बंद हो गया.पकड़े जाने के डर से चोर मूर्ति छोड़कर भाग गए थे.
क्या कहते है मंदिर के सह पुजारी मदन शर्मा
मंदिर के पुजारी का कहना है कि वे पिछले 15 सालों से यहां पर सेवाएं दे रहे हैं. यहां काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यह चंबा के राजा संसार चंद द्वारा स्थापित करवाया गया था.
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