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लोकसभा चुनाव 2019: पांगी के लोगों की दो टूक: सुरंग बनाओ-वोट पाओ, नहीं तो यहां मत आओ

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Published : Apr 4, 2019, 1:19 PM IST

जनजातीय क्षेत्र पांगी में बर्फबारी की वजह से यह क्षेत्र 6 महीने के लिए पूरी दुनिया से कट जाता है और हर बार चुनावों के दौरान सभी पार्टियों के राजनेता वहां पर सुरंग का वायदा कर लोगों को हर तरह से रिझाने की कोशिश करते हैं. जनजातीय क्षेत्र पांगी  में 6 महीने तक चारों तरफ रास्ते बंद हो जाते हैं और एकमात्र सहारा हवाई मार्ग से हेलीकॉप्टर ही रह जाता है, लेकिन मौसम की खराबी के चलते अधिकतर समय वायु सेवा भी ठप रहती है. नतीजा यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पांगी

चंबा: लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने क्षेत्रों में विकास के बड़े बड़े दावे कर लोगों को अपने पक्ष में वोट करनेके लिए आकर्षितरहे हैं.पिछले चुनाव के दौरान राजनेताओं द्वारा किये गए वादों को पूरा ना करपाने की वजह से लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.

मंडी संसदीय क्षेत्र में आने वाले चंबा जिला के जनजातीयक्षेत्र पांगी के लोग भी धीरे-धीरे अपनी मुख्य मांग चेहनीपास सुरंग को पूरा न होने परनाराजगी जाहिर कर रहे हैं. अलग-अलग जगहवाले जनजातीय क्षेत्र पांगीकेलोग अपने -अपने तरीके से सरकारों को अपनी मांगों को लेकर चेता रहे हैंऔर इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात भी कर रहे हैं.

chamba, pangi, people of pangi on loksabha election
पांगी

दरअसलजनजातीयक्षेत्र पांगी में बर्फबारी की वजह से यह क्षेत्र 6 महीने के लिए पूरी दुनिया से कट जाता है और हर बार चुनावों के दौरान सभी पार्टियों के राजनेता वहां पर सुरंग का वायदाकरलोगों को हरतरह से रिझाने की कोशिश करते हैं. जनजातीय क्षेत्र पांगीमें 6 महीने तक चारों तरफ रास्ते बंद हो जाते हैं और एकमात्र सहारा हवाई मार्ग से हेलीकॉप्टर ही रह जाता है, लेकिन मौसम की खराबी के चलतेअधिकतर समय वायु सेवा भी ठप रहती है.नतीजा यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पांगी क्षेत्र केकरीब तीस हजारलोग सरकार की इस नाकामयाबी से काफी खफा दिख रहे हैं.साल 1970 से उनकी सुरंग की मांग को अभी तक किसी ने भी सिरे नहीं चढ़ाया है. जिसकी वजह से आज चुनाव कासमय है औरउसके बहिष्कार की बात तक की जा की जा रहीहै.

क्या कहते हैं पांगी घाटी के स्थानीय लोग
पांगी घाटी के लोगों ने बताया कि 1970 से लेकर वे लोगपांगी घाटी की चेहनी पास टनलकीमांग कर रहे हैं.कई सरकारें आई और चली गई, लेकिन उनकी इस मुख्य मांग को किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया.उन्होंने बताया कि हर बार चुनाव आते हैं तो राजनेता इस सुरंग केबारे में जिक्र जरूर करते हैं.इसकी डीपीआरभी तैयार करने की बात होती है. चुनाव के समय सर्वेभी करवाए जाते हैं, लेकिन जब चुनाव खत्म हो जाते हैं तो इस मुद्दे को भुला दिया जाता है.

लोगों का कहना है कि यहां बर्फबारी की वजह से 6 महीने तक यहां यह क्षेत्र बाहर की दुनिया से कट जाता है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.यहां पहुंचने का मात्र एक रास्ता हवाई मार्गरह जाता है वह भी मौसम की खराबी के चलते अधिकर समय रद्द ही रहता है.

स्थानीय निवासी

स्थानीय लोगों ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि जब भी चंबा की फ्लाइट के शेड्यूलकी बात होती है तो वह मौसम की खराबी में हीकिया जाताहै, लेकिन जबमौसम साफ होता है तो उस समय उड़ानों का शेड्यूल नहीं बनाया जाता. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को माना नहीं गया तोपांगी घाटी के अधिकतर लोग इन लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन भी बना सकते हैं.

चंबा: लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने क्षेत्रों में विकास के बड़े बड़े दावे कर लोगों को अपने पक्ष में वोट करनेके लिए आकर्षितरहे हैं.पिछले चुनाव के दौरान राजनेताओं द्वारा किये गए वादों को पूरा ना करपाने की वजह से लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.

मंडी संसदीय क्षेत्र में आने वाले चंबा जिला के जनजातीयक्षेत्र पांगी के लोग भी धीरे-धीरे अपनी मुख्य मांग चेहनीपास सुरंग को पूरा न होने परनाराजगी जाहिर कर रहे हैं. अलग-अलग जगहवाले जनजातीय क्षेत्र पांगीकेलोग अपने -अपने तरीके से सरकारों को अपनी मांगों को लेकर चेता रहे हैंऔर इस बार लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात भी कर रहे हैं.

chamba, pangi, people of pangi on loksabha election
पांगी

दरअसलजनजातीयक्षेत्र पांगी में बर्फबारी की वजह से यह क्षेत्र 6 महीने के लिए पूरी दुनिया से कट जाता है और हर बार चुनावों के दौरान सभी पार्टियों के राजनेता वहां पर सुरंग का वायदाकरलोगों को हरतरह से रिझाने की कोशिश करते हैं. जनजातीय क्षेत्र पांगीमें 6 महीने तक चारों तरफ रास्ते बंद हो जाते हैं और एकमात्र सहारा हवाई मार्ग से हेलीकॉप्टर ही रह जाता है, लेकिन मौसम की खराबी के चलतेअधिकतर समय वायु सेवा भी ठप रहती है.नतीजा यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

पांगी क्षेत्र केकरीब तीस हजारलोग सरकार की इस नाकामयाबी से काफी खफा दिख रहे हैं.साल 1970 से उनकी सुरंग की मांग को अभी तक किसी ने भी सिरे नहीं चढ़ाया है. जिसकी वजह से आज चुनाव कासमय है औरउसके बहिष्कार की बात तक की जा की जा रहीहै.

क्या कहते हैं पांगी घाटी के स्थानीय लोग
पांगी घाटी के लोगों ने बताया कि 1970 से लेकर वे लोगपांगी घाटी की चेहनी पास टनलकीमांग कर रहे हैं.कई सरकारें आई और चली गई, लेकिन उनकी इस मुख्य मांग को किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया.उन्होंने बताया कि हर बार चुनाव आते हैं तो राजनेता इस सुरंग केबारे में जिक्र जरूर करते हैं.इसकी डीपीआरभी तैयार करने की बात होती है. चुनाव के समय सर्वेभी करवाए जाते हैं, लेकिन जब चुनाव खत्म हो जाते हैं तो इस मुद्दे को भुला दिया जाता है.

लोगों का कहना है कि यहां बर्फबारी की वजह से 6 महीने तक यहां यह क्षेत्र बाहर की दुनिया से कट जाता है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.यहां पहुंचने का मात्र एक रास्ता हवाई मार्गरह जाता है वह भी मौसम की खराबी के चलते अधिकर समय रद्द ही रहता है.

स्थानीय निवासी

स्थानीय लोगों ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि जब भी चंबा की फ्लाइट के शेड्यूलकी बात होती है तो वह मौसम की खराबी में हीकिया जाताहै, लेकिन जबमौसम साफ होता है तो उस समय उड़ानों का शेड्यूल नहीं बनाया जाता. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को माना नहीं गया तोपांगी घाटी के अधिकतर लोग इन लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन भी बना सकते हैं.

पांगी के लोगों की दो टूक हमेशा हुआ पांगी से सोतेला व्यवहार जो पांगी के लिए काम करेगा उसी को वोट अन्यथा होगा चुनावों का वहिष्कार.

लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ती जा रही है। सभी पार्टियों के नेता अपने अपने क्षेत्रों में विकास के बड़े बड़े दावे कर लोगों को अपने पक्ष में वोट करने  के लिए आकर्षित  रहे हैं।  पिछले चुनावो के दौरान राजनेताओं द्वारा किये गए वादों को पूरा ना कर  पाने की वजह से लोगो में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। मंडी संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले  चंबा जिला के  जनजातिय  क्षेत्र पांगी के लोग भी धीरे-धीरे अपनी मुख्य मांग चेहनी  पास सुरंग को पूरा न होने पर   अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अलग अलग जगह  वाले जनजातीय क्षेत्र पांगी  के  लोग अपने -अपने तरीके से सरकारों को अपनी मांगों को लेकर चेता रहे हैं।  और इस बार लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने की बात भी कर रहे हैं।  दरअसल  जनजातिय  क्षेत्र पांगी में अत्यधिक बर्फबारी की वजह से यह क्षेत्र 6 महीने के लिए  पूरी दुनिया से कट  जाता है और हर बार चुनावों के दौरान सभी पार्टियों के राजनेता वहां पर सुरंग का वायदा  कर  लोगो  तरह से रिझाने की कोशिश।   जनजाति क्षेत्र पांगी  में 6 महीने तक चारों तरफ रास्ते बंद हो जाते हैं और एकमात्र सहारा हवाई मार्ग से हेलीकॉप्टर ही रह जाता है। लेकिन मौसम की खराबी के चलते  अधिकतर समय वायु सेवा भी ठप रहती है।  नतीजा यहां के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।  पांगी क्षेत्र के  करीब तीस हजार  लोग सरकार की इस नाकामयाबी से काफी खफा दिख रहे हैं।  साल  1970 से उनकी सुरंग की मांग को अभी तक किसी ने भी सिरे नहीं चढ़ाया है।  जिसकी वजह से आज चुनावों का  समय है और  उसके बहिष्कार की बात तक की जा की जा रही  हैं। 
क्या कहते हैं पांगी घाटी के स्थानीय लोग
 पांगी घाटी के लोगों ने बताया कि 1970 से लेकर अब तक  वह लोग  पांगी घाटी की चेहनी पास टनल  की  मांग कर रहे हैं।  कई सरकारें आई और चली गई लेकिन उनकी इस मुख्य मांग को किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया।  उन्होंने बताया कि हर बार चुनाव आते हैं तो राजनेता इस सुरंग के  बारे में जिक्र जरूर करते हैं।  इसकी डी पी आर  भी तैयार करने की बात होती है यहां पर इसके लिए सर्वे  भी करवाए जाते हैं लेकिन जब चुनाव खत्म हो जाते हैं तो इस मुद्दे को भुला दिया जाता है।  लोगों ने बताया कि यहां बर्फबारी की वजह से 6 महीने तक यहां यह क्षेत्र बाहर की दुनिया से कट जाता है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।  यहां पहुंचने का मात्र एक रास्ता हवाई मार्ग  रह जाता  है वह भी मौसम की खराबी के चलते अधिकर समय रद्द ही रहता है। लोगों ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि जब भी चंबा की फ्लाइट के शेड्यूल  की बात होती है तो वह मौसम की खराबी में ही  किया जाता  है।   लेकिन जब  मौसम साफ होता है तो उस समय उड़ानों का शेड्यूल नहीं बनाया जाता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को माना नहीं गया तो  पांगी घाटी के अधिकतर लोग इन लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने का मन भी बना सकते हैं। 

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