चंबा: सरकार हिमाचल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर की होली घाटी के दुर्गम गांव क्वारसी की एक युवती को छह किलोमीटर पीठ पर उठाकर डॉक्टर तक पहुंचाया गया.
गांव में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के नाम पर एक केंद्र खोला गया है, जो कि मात्र चपरासी के हवाले है. एक कर्मचारी की यहां तैनाती की गई है, लेकिन उसके कंधों पर भी तीन उप स्वास्थ्य केंद्रों का जिम्मा है. वहीं, यह गांव अभी भी सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है. लिहाजा ऐसी परिस्थितियों में जीवनयापन करना क्वारसी के ग्रामिणों के लिए मुश्किल हो गया है.
जानकारी के अनुसार क्वारसी गांव की एक युवती सोमवार शाम को अचानक बीमार हो गई. पेट दर्द से बुरी तरह कराह रही युवती को गांव के युवक रिश्तेदारों के साथ पीठ पर उठाकर छह किलोमीटर का लंबा सफर तय कर हिलिंग तक लाए, जहां से निजी वाहन के जरिए युवती को होली स्थित चिकित्सक के पास उपचार के लिए पहुंचाया गया.
ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पंचायत में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई सुविधा नहीं दी गई है और यहां कागजों में पंचायत में उप स्वास्थ्य केन्द्र चल रहा है. कागजों में ही एक स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी की ड्यूटी भी यहां रहती है, लेकिन धरातल पर स्थिति बहुत ही दयनीय है.
जनजातीय विकास समिति के अध्यक्ष अनिल भराण ने कहा कि गांव में समय पर कभी भी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है, जिसके चलते कई बार ग्रामीण बीच रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. उन्होंने मांग की है कि उप-स्वास्थ्य केंद्र में स्थाई तौर पर कर्मचारी की तैनाती की जाए साथ ही गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए गंभीरता के साथ सरकार व प्रशासन कदम उठाए.
उधर, एडीएम भरमौर पीपी सिंह ने कहा कि गांव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क सुविधा से जोड़ा जा रहा है, जिसके लिए 6.76 करोड़ की राशि खर्च होगी. साथ ही इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है और जल्द सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा.
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