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चम्बा मेडिकल कॉलेज में नहीं डी डाइमर टेस्ट की सुविधा, बाहरी राज्यों में भेजे जा रहे मरीजों के नमूने - no facility of dimer test in covid hospital chamba

चम्बा मेडिकल कॉलेज में चल रहे कोविड अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है.अस्पताल में अभी तक कोरोना संक्रमित मरीज को हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक से बचाने के लिए जरूरी टेस्ट डी डाइमर की सुविधा नहीं है. जिसके चलते चंबा से मरीजों के नमूने एसआरएल लैब के जरिए बाहरी राज्यों में भेजे जा रहे हैं जहां से टेस्ट की रिपोर्ट 4 से 5 दिन के बाद आती है.

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Published : May 10, 2021, 12:20 PM IST

Updated : May 10, 2021, 12:29 PM IST

चंबा: जिले में भले ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिए कड़े प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज में चल रहे कोविड अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है. कोरोना संक्रमित मरीज को हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक से बचाने के लिए जरूरी टेस्ट डी डाइमर की सुविधा नहीं है.

बाहरी राज्यों में भेजे जा रहे मरीजों के नमूने

डी डाइमर टेस्ट को करवाने के लिए चंबा से मरीजों के नमूने एसआरएल लैब के जरिए बाहरी राज्यों में भेजे जा रहे हैं. जहां से टेस्ट की रिपोर्ट 4 से 5 दिन के बाद आती है. ऐसे में कोरोना मरीज को हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है. चंबा में अब तक कोरोना से मरने वाले मरीजों को हार्टअटैक भी हुआ है. लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उपरोक्त टेस्ट को करवाने वाली मशीन को चंबा के मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं करवा सका है. टेस्ट की रिपोर्ट आने तक गंभीर रूप से बीमार मरीज की जान को खतरा ज्यादा रहता है.

वीडियो

कोरोना संक्रमितों को क्यों रहता है हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक खतरा, जाने यहां

मेडिकल कॉलेज के एचओडी डॉ. पंकज गुप्ता के अनुसार कोरोना से संक्रमित होने के बाद हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक खतरा बना रहता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फेफड़े की रक्त वहीं काम में रुकावट के कारण खून का थक्का बन जाता है. लेकिन अगर इसका समय रहते पता लग जाए तो हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को समय रहते रोका जा सकता है. इसके लिए डी डाइमर टेस्ट किया जाता है ताकि हार्टअटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक की आशंका को समय रहते पहचान लिया जाए और खून को पतला करने वाली दवाओं से इसे रोक दिया जाए. कोविड के नए मामलों में डॉक्टर अब इस टेस्ट की सलाह दे रहे हैं लेकिन चंबा मेडिकल कॉलेज में इस टेस्ट के लिए कोई सुविधा नहीं है मरीजों के नमूने लेकर बाहर राज्य में भेजे जा रहे हैं.

क्या कहते हैं मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ मोहन सिंह

वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ मोहन सिंह का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में धीरे-धीरे सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है. जल्द ही डी डाइमर टेस्ट करवाने की भी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा है कि फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीजों के टेस्ट डी डाइमर के लिए अन्य राज्य को भेजे जा रहे हैं ताकि समय रहते मरीजों को अन्य बीमारी से रोका जा सके इसको लेकर सरकार को भी प्रस्ताव भेजा गया है. जल्द ही इस टेस्ट की सुविधा मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध करवाई जाएगी.

डलहौजी अस्पताल में मशीन लगाने के लिए आशा कुमारी ने दी थी राशि

डलहौजी विधानसभा क्षेत्र की विधायक आशा कुमारी ने हाल ही में सिविल अस्पताल डलहौजी को इस उपरोक्त टेस्ट सहित अन्य टेस्टों को करवाने वाली मशीन की स्थापना को विधायक निधि से 5 लाख 90 हजार की धनराशि दी है. लेकिन चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए किसी भी विधायक ने उपरोक्त मशीन के लिए विधायक निधि देना जरूरी नहीं समझा. इस कारण चंबा मेडिकल कॉलेज में अभी तक यह महत्वपूर्ण टेस्ट शुरू नहीं हो पाया है, जो कि कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है.

ये भी पढ़ें- सलाम! बेटा बीमार है और पति को शुगर, फिर भी कोरोना को हराने का जज्बा कृष्णा के मन में है

चंबा: जिले में भले ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिए कड़े प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज में चल रहे कोविड अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों को संपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है. कोरोना संक्रमित मरीज को हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक से बचाने के लिए जरूरी टेस्ट डी डाइमर की सुविधा नहीं है.

बाहरी राज्यों में भेजे जा रहे मरीजों के नमूने

डी डाइमर टेस्ट को करवाने के लिए चंबा से मरीजों के नमूने एसआरएल लैब के जरिए बाहरी राज्यों में भेजे जा रहे हैं. जहां से टेस्ट की रिपोर्ट 4 से 5 दिन के बाद आती है. ऐसे में कोरोना मरीज को हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है. चंबा में अब तक कोरोना से मरने वाले मरीजों को हार्टअटैक भी हुआ है. लेकिन अभी तक मेडिकल कॉलेज प्रबंधन उपरोक्त टेस्ट को करवाने वाली मशीन को चंबा के मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं करवा सका है. टेस्ट की रिपोर्ट आने तक गंभीर रूप से बीमार मरीज की जान को खतरा ज्यादा रहता है.

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कोरोना संक्रमितों को क्यों रहता है हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक खतरा, जाने यहां

मेडिकल कॉलेज के एचओडी डॉ. पंकज गुप्ता के अनुसार कोरोना से संक्रमित होने के बाद हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक खतरा बना रहता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फेफड़े की रक्त वहीं काम में रुकावट के कारण खून का थक्का बन जाता है. लेकिन अगर इसका समय रहते पता लग जाए तो हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को समय रहते रोका जा सकता है. इसके लिए डी डाइमर टेस्ट किया जाता है ताकि हार्टअटैक एवं ब्रेन स्ट्रोक की आशंका को समय रहते पहचान लिया जाए और खून को पतला करने वाली दवाओं से इसे रोक दिया जाए. कोविड के नए मामलों में डॉक्टर अब इस टेस्ट की सलाह दे रहे हैं लेकिन चंबा मेडिकल कॉलेज में इस टेस्ट के लिए कोई सुविधा नहीं है मरीजों के नमूने लेकर बाहर राज्य में भेजे जा रहे हैं.

क्या कहते हैं मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ मोहन सिंह

वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ मोहन सिंह का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में धीरे-धीरे सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है. जल्द ही डी डाइमर टेस्ट करवाने की भी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा है कि फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीजों के टेस्ट डी डाइमर के लिए अन्य राज्य को भेजे जा रहे हैं ताकि समय रहते मरीजों को अन्य बीमारी से रोका जा सके इसको लेकर सरकार को भी प्रस्ताव भेजा गया है. जल्द ही इस टेस्ट की सुविधा मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध करवाई जाएगी.

डलहौजी अस्पताल में मशीन लगाने के लिए आशा कुमारी ने दी थी राशि

डलहौजी विधानसभा क्षेत्र की विधायक आशा कुमारी ने हाल ही में सिविल अस्पताल डलहौजी को इस उपरोक्त टेस्ट सहित अन्य टेस्टों को करवाने वाली मशीन की स्थापना को विधायक निधि से 5 लाख 90 हजार की धनराशि दी है. लेकिन चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए किसी भी विधायक ने उपरोक्त मशीन के लिए विधायक निधि देना जरूरी नहीं समझा. इस कारण चंबा मेडिकल कॉलेज में अभी तक यह महत्वपूर्ण टेस्ट शुरू नहीं हो पाया है, जो कि कोरोना मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है.

ये भी पढ़ें- सलाम! बेटा बीमार है और पति को शुगर, फिर भी कोरोना को हराने का जज्बा कृष्णा के मन में है

Last Updated : May 10, 2021, 12:29 PM IST
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