चंबा: जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हर रोज बढ़ रहे बंदरों के आंतक से किसानों और बागबानों का जीना हराम हो गया है. बंदर दिन दहाड़े लोगों की कच्ची फसलों को तबाह कर रहे हैं. लोगों ने बंदरो की लूट को देखते हुए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
खून पसीने की कमाई पर पड़ रही कुदरती मार के साथ मवेशियों और उत्पातियों के आंतक से किसान के खेत खलिहान बंजर होने की कगार पर हैं. चंबा और इसके साथ लगते ग्राम पंचायत बाट, उटीप सरोल भद्रम कियाणी के अलावा दुर्गम क्षेत्र चुराह सलूणी, भांदल किहार और हिमगिरी के साथ लगते जनजातीय क्षेत्रो के किसान बंदरों के उत्पात से काफी चिंता में हैं.
किसान देसराज, जग्गो राम, पवन कुमार, अनिल, चुनी लाल, मनोज, निधिया, ज्ञान चंद और हरदेव का कहना है कि सुबह से शाम तक खेतों में पहरेदारी करने के बाद भी बंदरो से फसल सुरिक्षत बचा पाना मुश्किल हो गया है. जंगलों और नदी नालों के साथ लगने वाले क्षेत्रों में बंदरों ने काफी तबाही फैला रखी है, फसल पकने से पहले ही खेतों में पूरी तरह तबाह हो रही है.