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जन्माष्टमी पर्व पर आज मणिमहेश डल झील में छोटा न्हौण, ये रहेगा शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी महोत्सव के साथ ही अधिकारिक तौर पर 24 अगस्त से प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का आरंभ भी हो जाएगी. जन्माष्टमी के पर्व को लेकर मणिमहेश में यात्रियों की आवाजाही शुरू चुकी है.

मणिमहेश डल झील
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Published : Aug 23, 2019, 11:22 AM IST

Updated : Aug 23, 2019, 5:39 PM IST

चंबा: प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के तहत जन्माष्टमी पर्व पर आज डल झील में शाही स्ना, न्हौण होगा. ये न्हौण आज सुबह आठ बजकर नौ मिनट पर शुरू होकर शनिवार सुबह आठ बजकर 39 मिनट तक चलता रहेगा.

जन्माष्टमी के पर्व को लेकर मणिमहेश में यात्रियों की आवाजाही शुरू हो गई है. वहीं, पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से भी शिवभक्तों की टोलियों डल की ओर रूख कर रहे हैं. जन्माष्टमी के पर्व पर पवित्र डल झील पर होने वाले स्नान का अपना अलग महत्व है.

भरमौर के प्रसिद्व पंडित सुमन शर्मा ने कहा कि जन्माष्टमी का सही समय शुक्रवार सुबह आठ बजकर नौ मिनट से जन्माष्टमी शुरू होगा और अगले दिन शनिवार प्रात: आठ बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी.

वीडियो

जन्माष्टमी महोत्सव में मणिमहेश यात्रा का विशेष महत्व है और इसे छोटा शाही स्नान भी कहा गया है. पंडित ने बताया कि इस स्नान का बहुत अधिक महत्व है.

बता दें कि मणिमहेश यात्रा का अधिकारिक तौर पर 24 अगस्त से आरंभ हो रही है. वहीं, 23 अगस्त से डल झील पर पवित्र स्नान का आरंभ होगा. प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा छह सितंबर तक चलेगी.

चंबा: प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के तहत जन्माष्टमी पर्व पर आज डल झील में शाही स्ना, न्हौण होगा. ये न्हौण आज सुबह आठ बजकर नौ मिनट पर शुरू होकर शनिवार सुबह आठ बजकर 39 मिनट तक चलता रहेगा.

जन्माष्टमी के पर्व को लेकर मणिमहेश में यात्रियों की आवाजाही शुरू हो गई है. वहीं, पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से भी शिवभक्तों की टोलियों डल की ओर रूख कर रहे हैं. जन्माष्टमी के पर्व पर पवित्र डल झील पर होने वाले स्नान का अपना अलग महत्व है.

भरमौर के प्रसिद्व पंडित सुमन शर्मा ने कहा कि जन्माष्टमी का सही समय शुक्रवार सुबह आठ बजकर नौ मिनट से जन्माष्टमी शुरू होगा और अगले दिन शनिवार प्रात: आठ बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी.

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जन्माष्टमी महोत्सव में मणिमहेश यात्रा का विशेष महत्व है और इसे छोटा शाही स्नान भी कहा गया है. पंडित ने बताया कि इस स्नान का बहुत अधिक महत्व है.

बता दें कि मणिमहेश यात्रा का अधिकारिक तौर पर 24 अगस्त से आरंभ हो रही है. वहीं, 23 अगस्त से डल झील पर पवित्र स्नान का आरंभ होगा. प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा छह सितंबर तक चलेगी.

Intro:अजय शर्मा, भरमौर
मणिमहेश यात्रा के तहत जन्माष्टमी पर्व पर डल झील में छोटा शाही स्नान शुक्रवार सुबह आठ बजकर नौ मिनट पर शुरू होगा और यह शनिवार सुबह आठ बजकर 39 मिनट तक चलेगा। जन्माष्टमी के न्हौण को लेकर यात्रियों की आवाजाही शुरू हो गई है। वहीं पडोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से भी शिवभक्त टोलियों में डल की ओर रूख कर रहे है। Body:जन्माष्टमी को पवित्र डल झील पर होने वाले स्नान का अपना अलग महत्व है। भरमौर के प्रसिद्व पंडित सुमन शर्मा बताते है कि भगवान कृष्ण का जन्म हुआ भाद्रपद्र कृष्णा पक्ष बुधवार अद्धरात्रि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ। लेकिन हर वर्ष कभी अष्टमी तिथि आती है, अद्ध रात्रि में तो बुधवार नहीं होता तो या रोहिणी नक्षत्र का व्यापनीय अभाव रहता है। कहा कि जन्माष्टमी का सही समय शुक्रवार सुबह आठ बजकर नौ मिनट से जन्माष्टमी शुरू है और अगले दिन शनिवार प्रात आठ बजकर 39 मिनट पर संपन्न है। महोत्सव में मणिमहेश यात्रा का विशेष महत्व कहते है और इसे छोटा शाही स्नान कहा गया है। और इस स्नान का बहुत अधिक महत्व रहते है। कहते है साल में जिस घर में कन्या पूजन, ब्रहामण पूजन न हो और देवी-दवेताओं के मंत्र घर को न सुनाई दें और स्वाह का उच्चारण घर को न सुनाई दें। हमारे शास्त्रों में इसका वर्णन है कि स्वास्थ्य ठीक होने पर साल में एक बार तीर्थ स्नान एक बार न करें तो जिस घर में पूजा पाठ नहीं होता तो भगवान कहते है कि वह घर मेरे लिए श्मशन सामान है। जो मनुष्य वर्ष में एक तीर्थ न नहाए वह शव सामान है। वह कहते है कि इस दिन स्नान करने से पाप में इस प्रतिशत की कटौती होगी और आपके रोगों में भी कमी आएगी। Conclusion:बता दें कि मणिमहेश यात्रा का अधिकारिक तौर पर 24 अगस्त से आरंभ हो रही है। वहीं 23 अगस्त से पवित्र स्नान डल झील पर आरंभ होगा। यात्रा छह सितंबर तक चलेगी।
Last Updated : Aug 23, 2019, 5:39 PM IST
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