चंबा: जिला में परियोजना प्रभावितों की अनदेखी करने पर हिमाचल के जलशक्ति मंत्री ने एनएचपीसी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही चमेरा चरण एक, दो और तीन को लीज पर दी गई भूमि की डिर्माकेशन करने के आदेश राजस्व व वन विभाग को जारी हुए हैं.
रविवार को भरमौर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली सुनारा पंचायत के कुंडी में आयोजित जनमंच कार्यक्रम में पहुंचे जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने यह आदेश जारी किए. दरअसल जनमंच में परियोजना प्रभावित ने मंत्री के समक्ष एनएचपीसी की ओर से की रोजगार को लेकर की वादखिलाफी का मसला रखा.
इस दौरान एनएचपीसी का जबावदेह अधिकारी जनमंच में उपस्थित नहीं था. जिसका मंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि परियोजना से गांव उजड़ गए और लोगों की जमीनों को नुक्सान हो रहा है. यहां एनएचपीसी के अधिकारियों को जनमंच में आने पर शर्म क्यों आती है. एनएचपीसी के अधिकारी सरकार से ऊपर नहीं.
जल शक्ति मंत्री ने दो टूक कहा कि परियोजना प्रबंधकों को स्थानीय लोगों के हितों को हर हाल में संरक्षित करना होगा. प्रभावित ने मंत्री के समक्ष दर्ज करवाई की एनएचपीसी ने परियोजना में बिजली उत्पादन आरंभ होने पर रोजगार देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज आठ साल बाद भी उन्हें नौकरी नहीं दी. जिस पर मंत्री ने एनएचपीसी से जबाव मांगा तो जबावदेह अधिकारी की जगह कोई ओर ही मौके पर था.
जिस पर मंत्री ने जिस व्यक्ति को जबाव देने की पावर तक नहीं है, उसके जनमंच में आने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होने मौके पर ही संबंधित अधिकारी के खिलाफ कारवाई की बात कही. मंत्री ने चमेरा एक, दो और तीन को लीज पर दी भूमि की डिर्माकेशन करने के आदेश संबंधित तहसीलदार को जारी किए है. मंत्री ने कहा कि तहसीलदार वन विभाग की डीएफओ के साथ मिलकर इस कार्य को पूरा करेंगे.
वहीं, जनमंच में खिल गांव के पवन कुमार ने मंत्री के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई की बग्गा बांध के कारण जमीन लगातार धंस रही है और मकानों में दरारें आ गई है. जिससे 13 परिवारों के आशियानों को खतरा पैदा हो गया है. जिस पर मंत्री ने शिकायतकर्ता को मामले मे कारवाई करने का भरोसा दिलाया है.
कुल मिलाकर जनमंच कार्यक्रम में एनएचपीसी के जबावदेह अधिकारियों की ओर से उपस्थिति दर्ज न करवाने पर जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कड़ा रूख अपनाया है. वहीं, प्रभावितों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं के हल होने की भी उम्मीद जगी है.
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