चंबा: क्वारसी गांव विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है. हर वर्ष यहां सैकड़ों की तादाद में विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं और स्थानीय लोगों के घरों में ही लंबा समय बिताकर अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हो जाते हैं. जबकि यह गांव देसी पर्यटकों की नजरों से अभी तक ओझल ही है और इक्का-दुक्का पर्यटक ही यहां पर पहुंच पाते हैं. एक मर्तबा जो पर्यटक इस गांव का रूख कर लें, वह दोबारा यहां आना नहीं भूलता.
क्वारसी गांव करीब पांच महीने तक बर्फ की गोद में समा जाता है. यहां पर बीस फीसदी परिवार ही सर्दियों के दिनों में यहां सिर्फ 20 फीसदी लोग ही ठहरते हैं. जबकि बाकि परिवार कांगड़ा जिला के धर्मशाला, सिद्वबाड़ी, भागसूनाग समेत पर्यटन नगरी के अन्य हिस्सों में स्थित घरों की ओर रूख कर लेते हैं.
क्वासरी गांव अपार प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन संभावनाओं के बावजूद अपनी पहचान के लिए सरकार के रहमोकरम का मोहताज है. चंबा के इस दूरदराज गांव को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए अभी तक कोई योजना नहीं बन पाई है. पर्यटन के लिहाज से अभी तक क्वारसी का दोहन नहीं हो सका है. क्वारसी गांव अभी तक सड़क सुविधा से भी नहीं जुड़ पाया है.
त्रियूंड से होते हुए क्वारसी गांव पहुंचते हैं पर्यटक
क्वारसी गांव में दस्तक देने वाले अधिकतर पर्यटक धर्मशाला के त्रियूंड से इंद्रहार पास होते हुए यहां पहुंचते हैं. जबकि स्थानीय लोग होली की तरफ से क्वारसी का रूख करते हैं. ग्रामीणों के अनुसार हर साल करीब एक हजार विदेशी पर्यटक इंद्रहार पास से होते हुए क्वारसी गांव पहुंचते हैं. विदेशी पर्यटक एक से तीन महीने का समय ग्रामीणों के आवास पर ही बिताते हैं.
लोगों की आस्था का केंद्र है क्वारसी का नाग मंदिर
क्वारसी गांव के बीचोबीच स्थित नाग मंदिर क्षेत्रवासियों की आस्था का केंद्र है. हर साल हजारों की तादाद पर्यटक यहां नाग मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. मंदिर में रात को होने वाले आयोजनों के दौरान विदेशियों को थिरकते देखा जा सकता है. गांव से करीब एक दिन का सफर तय कर धौलाधार की गोद में नागडल भी है.
ट्रैकिंग के शौकीनों की है पहली पसंद
इंद्रहार पास रूट ट्रैकिंग के शौकीन विदेशी पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोगों की भी पहली पसंद है. धर्मशाला से त्रियूंड और फिर इंद्रहार जोत को पार कर क्वारसी पहुंचना ट्रैकिंग का एक अलग लुत्फ देता है. प्राकृतिक सौंदर्य से लवरेज इस ट्रैकिंग रूट पर एक बार आने वाला शख्स बार-बार आने की चाह रखता है. प्राकृतिक सौंदर्य के नजारों से सराबोर क्वारसी गांव को सरकार के नजरेकमर का इंतजार है. क्वारसी को अगर सही सड़क सुविधा से जोड़ा जाए तो ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी इसका भरपूर लाभ होगा.