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बारिश के बाद चंबा में किसानों ने ली राहत की सांस, मक्की की फसल के लिए फायदेमंद

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Published : May 2, 2021, 7:00 PM IST

Updated : May 2, 2021, 7:38 PM IST

चंबा में रविवार को भारी बारिश होने से किसानों के चेहरों में रौनक लौट आई है. वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक रविवार से प्रदेश के पहाड़ी जिलों में भारी बारिश हो सकती है.

Heavy rainfall in chamba
फोटो.

चंबाः जिला में रविवार से भारी बारिश का दौर देखने को मिला जिसके चलते किसानों के चेहरों पर खुशी लौट आई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक आज से प्रदेश के पहाड़ी जिलों में भारी बारिश हो सकती है. इसके चलते किसानों ने राहत की सांस ली है.

बता दें कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई की जानी है. उससे पहले जमीन में नमी का होना बेहद जरूरी होता है. जितनी अधिक बारिश होती है उतनी नमी जमीन में रहती है जो मक्की के बीजों को जल्द अंकुरित करने में सहायता करती है.

वीडियो.

मई के पहले हफ्ते में शुरू होगी मक्की की फसल की बिजाई

बता दें कि मई के पहले हफ्ते में पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई का कार्य शुरू होती है. उससे पहले पहाड़ी इलाकों में किसान लोग अपनी जमीनों को तैयार करने में जुट जाते हैं और उसके लिए बारिश सबसे अधिक रोल अदा करता है, क्योंकि बिना बारिश के फसल को बीज पाना बेहद मुश्किल भरा होता है. बता दें कि पहाड़ी इलाकों में किसानों को प्राकृतिक रूप से निर्भर बारिश पर ही रहना पड़ता है, जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही खेती के लिए बेहतर मानी जाती है.

पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से सिंचाई की नहीं होती है व्यवस्था

पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह यहां पर पानी की अक्सर कमी होती है और किसानों को खेतों में सिंचाई की व्यवस्था नहीं हो पाती है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में खेतों तक पानी पहुंचाना मुश्किल भरा होता है, क्योंकि इतना पानी नहीं हो पाता है कि सिंचाई कर सके ऐसे में जितनी अधिक बारिश होती है उसी पर किसान लोग निर्भर करते हैं और उसी बारिश से उनका साल भर का खर्चा जमीनों से निकलता है.

ये भी पढ़ें: कोरोना काल में 'जीवनदायिनी' बनी एंबुलेंस, 24 घंटे सेवाएं दे रहे कर्मचारी

चंबाः जिला में रविवार से भारी बारिश का दौर देखने को मिला जिसके चलते किसानों के चेहरों पर खुशी लौट आई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक आज से प्रदेश के पहाड़ी जिलों में भारी बारिश हो सकती है. इसके चलते किसानों ने राहत की सांस ली है.

बता दें कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई की जानी है. उससे पहले जमीन में नमी का होना बेहद जरूरी होता है. जितनी अधिक बारिश होती है उतनी नमी जमीन में रहती है जो मक्की के बीजों को जल्द अंकुरित करने में सहायता करती है.

वीडियो.

मई के पहले हफ्ते में शुरू होगी मक्की की फसल की बिजाई

बता दें कि मई के पहले हफ्ते में पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई का कार्य शुरू होती है. उससे पहले पहाड़ी इलाकों में किसान लोग अपनी जमीनों को तैयार करने में जुट जाते हैं और उसके लिए बारिश सबसे अधिक रोल अदा करता है, क्योंकि बिना बारिश के फसल को बीज पाना बेहद मुश्किल भरा होता है. बता दें कि पहाड़ी इलाकों में किसानों को प्राकृतिक रूप से निर्भर बारिश पर ही रहना पड़ता है, जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही खेती के लिए बेहतर मानी जाती है.

पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से सिंचाई की नहीं होती है व्यवस्था

पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह यहां पर पानी की अक्सर कमी होती है और किसानों को खेतों में सिंचाई की व्यवस्था नहीं हो पाती है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में खेतों तक पानी पहुंचाना मुश्किल भरा होता है, क्योंकि इतना पानी नहीं हो पाता है कि सिंचाई कर सके ऐसे में जितनी अधिक बारिश होती है उसी पर किसान लोग निर्भर करते हैं और उसी बारिश से उनका साल भर का खर्चा जमीनों से निकलता है.

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Last Updated : May 2, 2021, 7:38 PM IST
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