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चंबा में मौसम ने ली करवट, बारिश होने से किसानों के खिले चेहरे - चंबा में बारिश

चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद किसान काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में करीब 1 सप्ताह के बाद मक्की, आलू मटर की फसल की बिजाई होने वाली है. उसको लेकर किसान अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं.

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Published : May 13, 2021, 1:20 PM IST

शिमला: मौसम विभाग प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया था. वीरवार को चंबा के पहाड़ी इलाकों में जमकर बारिश हुई. बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है.

किसानों के खिले चेहरे

चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद किसान काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. पहाड़ी इलाकों में मक्की मटर और आलू जैसी महत्वपूर्ण फसलें किसान बीजने वाले हैं. उससे पहले जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही नमी जमीन में हो जाती है. किसान अब खेतों में इन फसलों को बीजते हैं तो उन्हें आसानी होती है. जल्द ही बीज अंकुरित होते हैं.

वीडियो

पिछले 1 सप्ताह से चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में बीच-बीच में बारिश का दौर देखने को मिल रहा है. पहाड़ी इलाकों में मक्की, मटर और आलू की महत्वपूर्ण फसलों के लिए किसानों को प्राकृतिक रूप से बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. जितनी अधिक बारिश होती है, उतनी ही फसलों के लिए बेहतर होती है.

चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में करीब 1 सप्ताह के बाद मक्की, आलू मटर की फसल की बिजाई होने वाली है. उसको लेकर किसान अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं. हालांकि जितनी अधिक बारिश होती है, उतनी ही इन फसलों के लिए बेहतर मानी जाती है, क्योंकि आने वाले समय में फसल बेहतर होने की उम्मीद भी किसानों को बंध जाती है.

क्या कहते हैं किसान

वहीं, दूसरी ओर किसानों का कहना है कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में हम लोग मक्की, मटर और आलू की फसल की बिजाई करने वाले हैं. उसके लिए बारिश का होना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में अक्सर किसान लोग प्राकृतिक रूप से बारिश पर ही निर्भर रहते हैं और यहां पर सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते किसानों को बारिश पर निर्भर होना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में प्रतिदिन हो रहा 75.81 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन: सीएम

शिमला: मौसम विभाग प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया था. वीरवार को चंबा के पहाड़ी इलाकों में जमकर बारिश हुई. बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है.

किसानों के खिले चेहरे

चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद किसान काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. पहाड़ी इलाकों में मक्की मटर और आलू जैसी महत्वपूर्ण फसलें किसान बीजने वाले हैं. उससे पहले जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही नमी जमीन में हो जाती है. किसान अब खेतों में इन फसलों को बीजते हैं तो उन्हें आसानी होती है. जल्द ही बीज अंकुरित होते हैं.

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पिछले 1 सप्ताह से चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में बीच-बीच में बारिश का दौर देखने को मिल रहा है. पहाड़ी इलाकों में मक्की, मटर और आलू की महत्वपूर्ण फसलों के लिए किसानों को प्राकृतिक रूप से बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. जितनी अधिक बारिश होती है, उतनी ही फसलों के लिए बेहतर होती है.

चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में करीब 1 सप्ताह के बाद मक्की, आलू मटर की फसल की बिजाई होने वाली है. उसको लेकर किसान अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं. हालांकि जितनी अधिक बारिश होती है, उतनी ही इन फसलों के लिए बेहतर मानी जाती है, क्योंकि आने वाले समय में फसल बेहतर होने की उम्मीद भी किसानों को बंध जाती है.

क्या कहते हैं किसान

वहीं, दूसरी ओर किसानों का कहना है कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में हम लोग मक्की, मटर और आलू की फसल की बिजाई करने वाले हैं. उसके लिए बारिश का होना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में अक्सर किसान लोग प्राकृतिक रूप से बारिश पर ही निर्भर रहते हैं और यहां पर सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते किसानों को बारिश पर निर्भर होना पड़ता है.

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