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चंबा के वार्ड भंजराडू से जिला परिषद निलंबित, कारण बताओ नोटिस का उत्तर ना देने पर विभाग ने किया सस्पेंड - कारण बताओ नोटिस

चंबा के वार्ड भंजराडू से जिला परिषद सस्पेंड, 2015 में आपराधिक मामले में विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर न देने पर यह कारवाई की गई है, अगस्त 2015 में मारपीट और जान से मारने की कोशिश के आरोप लगे थे.

वार्ड भंजराडू से जिला परिषद निलंबित
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Published : Aug 7, 2019, 7:16 AM IST

चंबा: जिला के वार्ड भंजराडू से जिला परिषद कर्म चंद को पंचायती राज विभाग ने निलंबित कर दिया है. कर्म चंद के विरुद्ध मारपीट व जान से मारने की कोशिश पर यह कारवाई कि गई है. आपको बता दें कि सनवाल पंचायत के कार्यकाल में वर्ष 2015 में आपराधिक मामले में विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर न देने पर यह कारवाई की गई है.

जानकारी के अनुसार कर्म चंद वर्ष 2011 से 2016 तक सनवाल पंचायत का प्रधान था. इस दौरान पुलिस थाना तीसा में 22 अप्रैल 2014 भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 147, 148, 149, 504, 451, 506बी और 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

District Council Member suspended in chamba
चंबा के वार्ड भंजराडू से जिला परिषद निलंबित

अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा अगस्त 2015 में कर्म चंद पर मारपीट व जान से मारने की कोशिश करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत दंडनीय अपराधिक आचरण का अपराधी मानते हुए आरोप पत्र जारी किया गया था. जिसके चलते हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 के अनुसार कार्रवाई करने से पूर्व उन्हें पंचायती राज विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.

जिला परिषद 29 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से कार्यालय पहुंचे और नोटिस प्राप्त न करने का कारण स्वयं घर में न होना बताया. जिसके बाद उन्हें सात दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का उत्तर देने को कहा गया. लेकिन उनके द्वारा निश्चित अवधि के भीतर नोटिस का कोई जवाब नहीं आया. जिसके चलते पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145(1)(क) में अंकित प्रावधानों के तहत जिला परिषद सदस्य के पद से निलंबित कर दिया गया है.

चंबा: जिला के वार्ड भंजराडू से जिला परिषद कर्म चंद को पंचायती राज विभाग ने निलंबित कर दिया है. कर्म चंद के विरुद्ध मारपीट व जान से मारने की कोशिश पर यह कारवाई कि गई है. आपको बता दें कि सनवाल पंचायत के कार्यकाल में वर्ष 2015 में आपराधिक मामले में विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर न देने पर यह कारवाई की गई है.

जानकारी के अनुसार कर्म चंद वर्ष 2011 से 2016 तक सनवाल पंचायत का प्रधान था. इस दौरान पुलिस थाना तीसा में 22 अप्रैल 2014 भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 147, 148, 149, 504, 451, 506बी और 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

District Council Member suspended in chamba
चंबा के वार्ड भंजराडू से जिला परिषद निलंबित

अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा अगस्त 2015 में कर्म चंद पर मारपीट व जान से मारने की कोशिश करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत दंडनीय अपराधिक आचरण का अपराधी मानते हुए आरोप पत्र जारी किया गया था. जिसके चलते हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 के अनुसार कार्रवाई करने से पूर्व उन्हें पंचायती राज विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.

जिला परिषद 29 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से कार्यालय पहुंचे और नोटिस प्राप्त न करने का कारण स्वयं घर में न होना बताया. जिसके बाद उन्हें सात दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का उत्तर देने को कहा गया. लेकिन उनके द्वारा निश्चित अवधि के भीतर नोटिस का कोई जवाब नहीं आया. जिसके चलते पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145(1)(क) में अंकित प्रावधानों के तहत जिला परिषद सदस्य के पद से निलंबित कर दिया गया है.

Intro:अजय शर्मा, चंबा
जिला चंबा के वार्ड भंजराडू से जिला परिषद सदस्य कर्म चंद को पंचायती राज विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है। उन पर यह गाज सनवाल पंचायत के प्रधान के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2015 में दर्ज आपराधिक मामले में विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर न देने पर गिरी है। Body:जानकारी के अनुसार कर्म चंद वर्ष 2011 से 2016 तक सनवाल पंचायत के प्रधान पद पर आसीन थे। इस दौरान पुलिस थाना तीसा में 22 अप्रैल 2014 भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 147, 148, 149, 504, 451, 506बी व 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद पुलिस द्वारा मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायालय चम्बा में आरोप पत्र दायर किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायालय द्वारा अगस्त 2015 में कर्म चंद के विरुद्ध मारपीट व जान से मारने की कोशिश करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत दंडनीय अपराधिक आचरण का अपराधी मानते हुए आरोप पत्र भी जारी किया गया था। जिसके चलते हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145 के प्रावधानुसार कार्रवाई करने से पूर्व उन्हें पंचायती राज विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन गत 26 जुलाई को संबंधित डाकघर की टिप्पणी सहित नोटिस वापिस कार्यालय पहुंचा जिसमें कारण संबंधित द्वारा लेने से इनकार दर्शाया गया था।
Conclusion:वहीं, जिला परिषद सदस्य 29 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से कार्यालय पहुंचे और नोटिस प्राप्त न करने का कारण स्वयं का घर में न होना बताया। साथ ही उन्हें कुछ समय प्रदान करने का आग्रह भी किया। जिसके उपरांत उन्हें सात दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का उत्तर देने को कहा गया। लेकिन उनके द्वारा निश्चित अवधि के भीतर नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया। जिसके चलते मंगलवार को उन्हें पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145(1)(क) में अंकित प्रावधानों के तहत जिला परिषद सदस्य के पद से निलंबित कर दिया गया है।
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