चंबा: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही पहाड़ी इलाकों में अब बागवानों को कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है. सर्दी के मौसम में बागवान सेब के बगीचों की मरम्मत करते हैं और वहां तरह-तरह के सेब के पौधे भी हर साल अपने बगीचे में लगाते हैं, लेकिन जो पुराने पौधे होते हैं उन्हें भी बखूबी देखा जाता है और उनके रखरखाव के लिए बागवान तरह-तरह के प्रयास करते रहते हैं. यही कारण है कि हर साल यही बगीचे बागवानों को अच्छी आमदनी प्रदान करते हैं.
वहीं, इन दिनों बागवानों की चिंता भी बढ़ने लगी है. बागवानों के सेब के बगीचे में वुलिएफिड नाम की बीमारी से एक तरफ बगीचे में सेब के पौधों को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है.
ये बीमारी सर्दी शुरू होते ही बगीचों में सेब के पेड़ों को नुकसान पहुंचाने का काम शुरू कर देती है. आजकल यही बीमारी पहाड़ी इलाकों में खूब देखने को मिल रही है, जिससे बागवानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
वहीं, दूसरी ओर बागवानों का कहना है कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में हमारे सेब के बगीचे में इन दिनों एक बीमारी ने अपना घर बना लिया है जिसके चलते हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वुलिएफिड नामक बीमारी सेब के बगीचों में शुरू होने से हमें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.