डलहौजी/चंबा: होटल एसोसिएशन के मुख्य सरंक्षक मनोज चड्डा ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि होटल इंडस्ट्री से प्रदेश के राजस्व में एक बड़ा हिस्सा आता है, लेकिन कोरोना वायरस से होटल इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसका लाखों लोगों पर सीधा और अप्रत्यक्ष असर पड़ रहा है.
मनोज चड्डा ने कहा कि होटल इंडस्ट्री को पटरी पर लाने के लिए स्टेट टूरिज्म फेडरेशन व होटल एसोसिएशन की ओर से उठाई जा रही मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संज्ञान में लाया गया है. होटल एसोसिएशन डलहौजी के मुख्य संरक्षक मनोज चड्डा ने सरकार से मांग की है कि होटल कारोबारियों को बिजली के डिमांड चार्ज पर्यटन व्यवसाय के पटरी पर न आने तक के लिए माफ किए जाए. इसके साथ ही इस समय तक के लिए बिजली के व्यवसायिक दर को घरेलू दरों की तर्ज पर लिया जाए. उन्होंने अन्य मांगों में जीएसटी, आयकर में छूट, मध्यमवर्गीय होटलों के स्टाफ की तनख्वाह को मनरेगा के अंतर्गत लाने और बड़े होटलों को ईपीएफ के तहत राहत प्रदान करने की मांग की है.
मुख्यमंत्री के समक्ष रखी विभिन्न मांगें
इइसके साथ ही मुख्य संरक्षक ने पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए अन्य कई मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद पर्यटन उद्योग के दोबारा शुरू होने पर उस समय के लिए अभी से इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए सोचना पड़ेगा. जिसमें पार्किंग स्थल विकसित करने और सड़कों की दशा सुधारने पर विचार करना होगा. मनोज चड्डा ने बताया कि उक्त सभी मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष रखा गया है, जिसपर मुख्यमंत्री ने सहानुभूति पूर्वक विचार कर शीघ्र ही उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है.
बैंक लोन की किश्तों का बढ़ाया जाए समय
होटल एसोसिएशन डलहौजी के महासचिव हरप्रीत सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पर्यटन व्यवसाय शून्य हो गया है. सरकार से मांग है कि होटल संचालकों को बैंक से लिए लोन की किश्तों को अदा करने के लिए 3 महीने की मोहलत दी जाए और एक साल के लिए ब्याज को टाल दिया जाए. वहीं, बिजली बिलों के डिमांड चार्ज को व्यवस्था पटरी पर आने तक टाला जाए, सीवरेज व गार्बेज शुल्क को भी 1 साल तक टाल दिया जाए. इसके साथ ही जीएसटी की दर में कटौती कर 5 %किया जाए,जिससे होटल इंडस्ट्री को राहत मिले.
बता दें कि, पर्यटन नगरी डलहौजी में अधिकतर लोगों की आजीविका पर्यटन व्यवसाय पर ही निर्भर है, लेकिन मौजूदा समय में कोरोना वायरस का असर पर्यटन कारोबार से जुड़े व्यवसाइयों की आजीविका पर पड़ रहा है. होटल व्यवसाय के साथ-साथ छोटे-बड़े गेस्ट हाउस, होमस्टे, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी सहित छोटे कारोबारियों का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से बंद हो गया है और पर्यटन कारोबारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है.