चंबा: कोविड-19 की सबसे अधिक मार बूट पॉलिश कर अपने परिवार पालन पोषण करने वाले लोगों पर पड़ी है. कुल मिलाकर बूट पॉलिश करने वालों का धंधा चौपट हो चुका है. आलम यह है कि कर्फ्यू में दी गई ढील के दौरान शहर चंबा में बूट पॉलिश करने वाले लोग ग्राहकों की राह ताकते ही साफ दिख रहे है.
वहीं, बूट पॉलिश करने वाले लोगों की मानें तो पहले जहां वह 200 से ₹300 तक प्रतिदिन कमा लेते थे. अब वर्तमान में उन्हें पर दिन 50 से ₹100 कमाना भी काफी कठिन हो गया है. ऐसे में अब उन्हें अपने परिवारों का पालन पोषण करने की चिंता सताने लगी है.
बूट पॉलिश का काम करने वाले मनोज ने बताया कि कोविड-19 से उनका काम बिल्कुल मंदा पड़ गया है. काम ना होने की सूरत में अब उन्हें अपने घर परिवार के पालन पोषण करने की चिंता सताती रहती है. उन्होंने बताया कि कर्फ्यू में दी गई ढील के दौरान वह बड़ी मुश्किल से ₹100 तक कमा पा रहे हैं. इससे उनकी परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं.
कोविड-19 की मार निम्न वर्ग से ताल्लुक रखने वाले लोगों पर पड़ी है. आलम यह है कि रोज दिहाड़ी लगाकर परिवारों का पालन पोषण करने वालों को अब परिवार पालने की चिंताएं सताने लग पड़ी हैं. इसी क्रम में बूट पॉलिश कर अपने घर का खर्च उठाने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है.
कर्फ्यू ढील के दौरान लोगों की आवाजाही तो शहर में हो रह रही है, लेकिन बूट पॉलिश करने वालों को ग्राहक तक नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में उन्हें अब अपने परिवार के भरण-पोषण की चिंता दिन-रात सता रही है.
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