चंबा : प्रमुख पर्यटन स्थल खजियार जिसे मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाता है. पूरा साल पर्यटक बड़ी संख्या में आकर यहां की खूबसूरती को निहारते थे,लेकिन इस बार पूरी रंगत ही बदल गई. यहां की ठंडी हवा और हसीन वादियों का लुत्फ उठाने के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या हजारों में रहती थी, लेकिन मौजूदा हालात में यहां की हसीन वादियां पर्यटकों के बिना सुनसान नजर आ रही हैं. इस कारण यहां के कारोबारियों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया.
सभी कारोबारी परेशान
जानकारी के मुताबिक चाहे घोड़ो को चलाकर रोजी कमाने वाले हों या फिर टैक्सी संचालक, होटल कारोबारी, रेस्टोरेंट संचालक सहित कई रेहड़ी लगाने वाले लोग सब मंदी की मार से परेशान नजर आ रहे हैं. यहां के लोगों का कहना है कि खजियार में तो एक हिसाब से दिसंबर में ही लॉकडाउन लग गया था. बर्फबारी के कारण डलहौजी-खजियार मार्ग बर्फबारी से बंद हो गया था. मार्च में सड़क मार्ग बहाल होने से कारोबारियों को पर्यटन सीजन की उम्मीद बंधी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण सभी पर्यटन गतिविधियां बंद हो गई.
मदद की गुहार
पर्यटन कारोबारियों ने प्रदेश सरकार से मांग है के लिए कारोबारियों की आर्थिक मदद के साथ साथ जल्द से जल्द ऐसी योजना बनाई जाए जिससे फिर से यहां पर्यटन गतिविधियां शुरू हो सकें. स्थानीय निवासी राकेश शर्मा का कहना है कि यहां पर मौजूदा हालात में पर्यटन गतिविधियों के बंद होने से यहां के सभी युवा बेरोजगार हो गए हैं. जिससे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हमारी सरकार से मांग है कि रोजगार उपलब्ध करवाया जाए.
वहीं ,सब्जी विक्रेता विक्रम ने बताया कि जून माह में सामान्य दिनों में पर्यटन सीजन जोरों पर रहता था, लेकिन मौजूदा हालात में एक भी पर्यटक यहां नहीं पंहुच पाया है.पर्यटन पर विराम लगने से यहां की वादियां सुनसान नजर आ रही है. हर वर्ग के कामगार बेरोजगार हो गए है.सरकार इस ओर भी ध्यान दे ताकि ,स्थानीय लोग अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. होटल कारोबारी विक्रम नरूला ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद पर्यटन बंद होने से सभी प्रकार के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं. जिससे सभी पर्यटन कारोबारी मंदी की मार से जूझ रहे हैं. सरकार को इस दिशा में सोचकर कुछ करना चाहिए.
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