चंबा: प्रदेश में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे है. हिमाचल में कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद सरकार की ओर से प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कोविड डेडीकेटेड सेंटर बनाए जा रहे हैं. जहां कोविड-19 से जुड़े संक्रमित लोगों को रखा जाएगा. उन सभी लोगों का इलाज वहीं पर किया जाएगा.
हिमाचल सरकार की ओर से पर्यटन नगरी डलहौजी के नागरिक अस्पताल को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है. अगर कोई व्यक्ति कोविड-19 का संक्रमित होता है तो उसका इलाज नागरिक अस्पताल डलहौजी में किया जाएगा, लेकिन इसको लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और डलहौजी की विधायिक आशा कुमारी ने सरकार को आड़े हाथों लिया है.
आशा कुमार ने कहा कि सरकार अपने विवेक के अनुसार किसी भी स्वास्थ्य संस्थान को कोविड-19 सेंटर बना सकती है, लेकिन नागरिक अस्पताल डलहौजी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय की गाइडलाइन को पूरा नहीं करता. अस्पताल में डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी है. ऐसे में सरकार को अस्पताल में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी पूरी करनी चाहिए ताकि मरीज को सही से इलाज मिल सके.
डलहौजी विधायक आशा कुमारी का कहना है कि सरकार का फैसला है कि वह किसी भी संस्थान को डेडिकेटेड सेंटर बना सकती है, लेकिन संस्थान में सुविधाएं भी उस तरह की होनी चाहिए. डॉक्टर्स की फुल टीम होनी चाहिए. पैरा मेडिकल स्टाफ होना चाहिए.
इसके अलावा इस बीमारी से लड़ने के लिए उपकरण होने चाहिए, वह सबसे पहले सरकार इन संस्थानों में भेजें ताकि कोई दिक्कत न हो सके. हालांकि सुविधाओं का अभाव है ऐसे में सरकार इसके लिए विशेष कदम उठाए ताकि समय रहते हुए हमें मुश्किलों का सामना ना करना पड़े.