शिमला: शहर में एक बार फिर बीमारियोंकेफैलने का खतरा मंडरा रहा है. शहर में पानी के सैम्पल फेल होने सेनगर निगम की चिंता बढ़ा दी है. लगातार फेल हो रहे पानी के सैंपल पर नगर निगम पार्षदों ने चिंता जाहिर की है.
गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले शहर में पानी के सैंपल फेल हो रहे हैं जिसको लेकर निगम पार्षदों ने शिमला जल प्रबंधन निगम को स्वच्छ पानी देने की हिदायत दी है. निगम पार्षदों का कहना है कि आईजीएमसीमें जिन टैंकों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं वे अधिकतर फेल हो रहे हैं. जो शहरवासियों के लिए चिंता का विषय है.
शिमला नगर निगम के वार्ड पार्षदों ने कहा कि यदि जल प्रबंधन निगम शहरवासियों को दूषित पानी पिलाता है तो जल प्रबंधन निगम इसके परिणाम भुगतने को तैयार रहे. वार्ड पार्षद शैली शर्मा और दिवाकर का कहना है कि शिमला शहर में पानी के वितरण और देख भाल के लिए गठित जल प्रबंधन निगम लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने में नाकाम रहा है अब पानी के सैंपल फेल हो रहे हैं जो चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा कि एक साल बीत जाने के बाद भी शहर के अधिकतर लोगों को पानी के बिलों के लिए तरसना पड़ रहा है. इसके साथ-साथ लोगों को दूषित पानी पिलाया जा रहा है. यदि शहर में कोई रोग फैलता है तो इसके लिए शिमला जल प्रबंधन जिम्मेदार होगा. उन्होंने जल निगम से पानी के टैंकों की समय रहते सफाई करने और पूर्ण मात्रा में क्लोरीनेशन करने की मांग की है. वहीं उन्होंने ज्यादा मात्रा में क्लोरीनेशन न करने की भी सलाह दी है.
वहीं, नगर निगम मेयर ने भी पानी के सैंपल फेल होने पर जल प्रबंधन निगम को टैंकों की साफ-सफाई और उचित मात्रा में क्लोरिनेशन करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि पानी के सैंपल जब तक साफ नहीं पाए जाते हैं तब तक पानी को वितरित न करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने शहरवासियों से पानी को उबालकर पीने का भी आग्रह किया है.