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बरसात शुरू होते ही जलजनित बीमारियों ने पसारे पांव, इन बातों का रखें ध्यान - आईजीएमसी

आईजीएसमसी में मेडिसिन ओपीड़ी प्रतिदिन 500 के पार हो गयी है, जबकि सामान्य 400 से 450 होती थी. अस्पतालों में अधिकतर मरीज उल्टी ,दस्त,पेट दर्द, बुखार के पहुंच रहे हैं.

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Published : Jul 18, 2019, 6:26 PM IST

शिमला: जिला में बरसात शुरू होते ही जलजनित बीमारी दस्त, आंत्रशोध,पीलिया ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. शहर के विभिन्न अस्पतालों में जलजनित रोगों के दर्जनों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

आईजीएसमसी में मेडिसिन ओपीड़ी प्रतिदिन 500 के पार हो गयी है, जबकि सामान्य 400 से 450 होती थी. अस्पतालों में अधिकतर मरीज उल्टी ,दस्त,पेट दर्द, बुखार के पहुंच रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने बरसात से पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी थी, लेकिन लोगों द्वारा लापरवाही करने की वजह से ये समस्या पैदा हो रही है.

वीडियो

आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि बरसात में बीमारी से बचने के लिये कम से कम 15 मिनट तक पानी उबाल कर ठंडा करके पिये और खराब फल न खाएं. उन्होंने बताया कि अगर बीमार हो जाये तो तुरंत अस्पताल में दिखाए.

जलजनित बीमारी से बचने के उपाय
पीलिया, आंत्रशोध, डायरिया से बचने के लिए भोजन को ढक कर रखना चाहिए.
शौच के बाद हाथ साफ पानी से धोएं और सड़े-गले फल ना खाएं.
धूल या बाजार में खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थ ना खाएं.
बुखार, उलटी-दस्त आने पर तुरंत अस्पताल में दिखाएं.

शिमला: जिला में बरसात शुरू होते ही जलजनित बीमारी दस्त, आंत्रशोध,पीलिया ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. शहर के विभिन्न अस्पतालों में जलजनित रोगों के दर्जनों मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

आईजीएसमसी में मेडिसिन ओपीड़ी प्रतिदिन 500 के पार हो गयी है, जबकि सामान्य 400 से 450 होती थी. अस्पतालों में अधिकतर मरीज उल्टी ,दस्त,पेट दर्द, बुखार के पहुंच रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने बरसात से पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी थी, लेकिन लोगों द्वारा लापरवाही करने की वजह से ये समस्या पैदा हो रही है.

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आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने बताया कि बरसात में बीमारी से बचने के लिये कम से कम 15 मिनट तक पानी उबाल कर ठंडा करके पिये और खराब फल न खाएं. उन्होंने बताया कि अगर बीमार हो जाये तो तुरंत अस्पताल में दिखाए.

जलजनित बीमारी से बचने के उपाय
पीलिया, आंत्रशोध, डायरिया से बचने के लिए भोजन को ढक कर रखना चाहिए.
शौच के बाद हाथ साफ पानी से धोएं और सड़े-गले फल ना खाएं.
धूल या बाजार में खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थ ना खाएं.
बुखार, उलटी-दस्त आने पर तुरंत अस्पताल में दिखाएं.

Intro:बरसात शुरू होते ही अस्प्ताल में आने लगे पांव पसारने लगा जलजनित रोग,
10से 15प्रतिदिन पहुंच रहे अस्प्ताल
शिमला।
जिले में।बरसात शुरू होते ही जलजनित बीमारियो जैसे दस्त,आंत्रशोध,पीलिया ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। शहर के बिभिन्न अस्पतालों में जलजनित रोगों के दर्जनों मरीज ईलाज के लिए पहुंच रहे है।


Body:आईजीएसमसी में ही मेडिसिन ओपीड़ी प्रतिदिन 500 के पार हो गयी है।जबकि सामान्य 400से 450 होती थी। अस्पतालों में अधिकतर मरीज उल्टी ,दस्त,पेट दर्द ,बुखार के पहुंच रहे हैं।
हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने बरसात से पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी थी लेकिन लोगो द्वारा लापरवाही बरतने से यह मामले सामने आ रहे है।
आइजीएमसी के एमएस डॉ जनक राज ने बताया कि बरसात में बीमारी से बचने के लिये पानी उबाल कर पिये।ओर सड़े गले फल ना खाएं। और अगर बीमार हो जाये तो तुरंत अस्प्ताल दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कम से कम 15मिनट तक पानी उबाल कर ठंडा करके पिये।


Conclusion:कैसे बचें जलजनित बीमारी से
पीलिया ,आंत्रशोध ,डायरिया से बचने के लिए।भोजन को ढक कर रखना चाहिए।
,शौच के बाद हाथ साफ पानी से धोएं ओर सड़े गले फल ना खाएं।
,धूल पड़ी या बाजार में खुले में बिक रही खाद्य पदार्थ ना खाएं।
,इसके अलावा बुखार ,उलटी दस्त आने पर तुरंत अस्प्ताल में दिखाए।
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