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हिमाचल में सीमेंट प्लांट बंद होने से मैकेनिक भी परेशान, रोजी रोटी पर मंडराया खतरा - hp news hindi

प्रदेश की दो बड़ी सीमेंट कंपनियों अंबुजा दाड़लाघाट और एसीसी बरमाणा में ताले लटके हुए हैं. ट्रक ऑपरेटर्स और सीमेंट कंपनियों के बीच के इस विवाद से अन्य कारोबारी, मैकेनिक व दुकानदारों पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं. मैकेनिकों का कहना है कि जबसे सीमेंट प्लांट बंद हुए हैं तब से उनका काम भी बंद हो गया है. हालात ऐसे हैं कि रोजी रोटी पर भी संकट आ गया है. (cement factory closed in himachal) (Cement factory closed in Barmana)

cement factory closed in himachal
cement factory closed in himachal
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Published : Jan 10, 2023, 6:03 PM IST

हिमाचल में सीमेंट प्लांट बंद होने से मैकेनिक भी परेशान

बिलासपुर: बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री प्लांट और अंबुजा दाड़लाघाट में बीते 14 दिसंबर की शाम को तालाबंदी लगने से इससे जुड़ी रोजगार की सभी गतिविधियां बंद होने की कगार पर है. सीमेंट फैक्ट्री के प्लांट से माल ढुलाई करने वाले ट्रक सड़कों पर खड़े हैं और इन ट्रकों से जुड़े स्पेयर पार्ट्स व्यवसायी भी कर्ज के पहाड़ में दबते नजर आ रहे हैं. (cement plant in himachal) (cement factory closed in himachal)

बरमाणा स्थित मोटर्स मार्केट में ट्रक बॉडी मेकर व गैस व इलेक्ट्रिक वेल्डिंग का काम करने वाले गुलसन लाडी ने बताया कि वह पंजाब से हैं और पिछले कई वर्षों से यहां कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले कोरोना की मार झेलनी पड़ी और अब अडानी समूह के सीमेंट प्लांट को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने के फरमान से चिंताएं बढ़ गई हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 4 कामगार काम कर रहे हैं जिनकी सैलरी प्रति माह के अलावा बैंक के लोन की किस्त भी देनी पड़ती है. ऐसे में काम न होने पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, ट्रकों के कलपुर्जे का खराद का काम करने वाले मोहम्मद अंसारी ने बताया कि उनका पूरा व्यवसाय ट्रकों से जुड़ा है. लेकिन सीमेंट प्लांट बंद होने से अब उनकी दुकान खाली पड़ी है. कंपनी के फरमान के बाद ट्रकों का काम खत्म हो जाएगा तो उनका व्यवसाय भी प्रभावित होगा. दुकान में 2 मजदूर काम करते हैं लेकिन काम न होने से उनका भी रोजगार खतरे में है. व्यवसाय के लिए बैंक से कर्ज लिया है. अब जब काम नहीं होगा तो बैंक की देनदारी पूरी करना सबसे बड़ा संकट है. (Closure of cement factories in Himachal) (Truck operators facing problems in himacha)

पंजाब के रहने वाले भगत सिंह ने कहा कि वह पिछले 28 वर्षों से ट्रक मैकेनिक का काम करते हैं. लेकिन सीमेंट प्लांट बंद होने से उनका काम बहुत अधिक प्रभावित हुआ है. उन्होंने सीमेंट प्लांट को बंद करने पर रोष जताया और सरकार से इस समस्या को शीघ्र हल करने की मांग की है. वहीं, यूपी के रहने वाले नयाजदीन मोहम्मद उर्फ़ राजू जो टायर पंचर का काम करते है , ने कहा कि पिछले 26 दिन से उनका काम ठप पड़ा है. नौबत यहां तक आ गई है कि अब उन्हें रोजी रोटी की चिंता भी सताने लगी है. फैक्ट्री में काम कब शुरू होगा, इसका पता नहीं है. बेरोजगार रहकर उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए समस्या का समाधान निकालें.

बता दें कि मालभाड़े को लेकर सीमेंट कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों के बीच विवाद चल रहा है. कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों से रेट कम करने को कहा था. कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने का तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है. इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. एक ओर ऑपरेटरों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर अन्य दुकानदार व कंपनी को भी नुकसान हो रहा है.

लेकिन अडानी ग्रुप और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच चल रहे इस विवाद का कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. अडानी ग्रुप सहयोग करने पर प्लांट चलाने की बात कहकर बार-बार बॉल ट्रक ऑपरेटर्स के पाले में डाल रहा है. उधर, 26 दिन से इन दोनों प्लांट बिलासपुर के बरमाणा एसीसी और सोलन जिले के दाड़लाघाट अंबुजा सीमेंट प्लांट में लगे ट्रक खड़े रहने से ऑपरेटर्स को करीब 36 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.

ये भी पढ़ें: मनरेगा कामगारों को श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभों से वंचित करने का फैसला भाजपा का : नरेश चौहान

हिमाचल में सीमेंट प्लांट बंद होने से मैकेनिक भी परेशान

बिलासपुर: बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री प्लांट और अंबुजा दाड़लाघाट में बीते 14 दिसंबर की शाम को तालाबंदी लगने से इससे जुड़ी रोजगार की सभी गतिविधियां बंद होने की कगार पर है. सीमेंट फैक्ट्री के प्लांट से माल ढुलाई करने वाले ट्रक सड़कों पर खड़े हैं और इन ट्रकों से जुड़े स्पेयर पार्ट्स व्यवसायी भी कर्ज के पहाड़ में दबते नजर आ रहे हैं. (cement plant in himachal) (cement factory closed in himachal)

बरमाणा स्थित मोटर्स मार्केट में ट्रक बॉडी मेकर व गैस व इलेक्ट्रिक वेल्डिंग का काम करने वाले गुलसन लाडी ने बताया कि वह पंजाब से हैं और पिछले कई वर्षों से यहां कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले कोरोना की मार झेलनी पड़ी और अब अडानी समूह के सीमेंट प्लांट को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने के फरमान से चिंताएं बढ़ गई हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 4 कामगार काम कर रहे हैं जिनकी सैलरी प्रति माह के अलावा बैंक के लोन की किस्त भी देनी पड़ती है. ऐसे में काम न होने पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, ट्रकों के कलपुर्जे का खराद का काम करने वाले मोहम्मद अंसारी ने बताया कि उनका पूरा व्यवसाय ट्रकों से जुड़ा है. लेकिन सीमेंट प्लांट बंद होने से अब उनकी दुकान खाली पड़ी है. कंपनी के फरमान के बाद ट्रकों का काम खत्म हो जाएगा तो उनका व्यवसाय भी प्रभावित होगा. दुकान में 2 मजदूर काम करते हैं लेकिन काम न होने से उनका भी रोजगार खतरे में है. व्यवसाय के लिए बैंक से कर्ज लिया है. अब जब काम नहीं होगा तो बैंक की देनदारी पूरी करना सबसे बड़ा संकट है. (Closure of cement factories in Himachal) (Truck operators facing problems in himacha)

पंजाब के रहने वाले भगत सिंह ने कहा कि वह पिछले 28 वर्षों से ट्रक मैकेनिक का काम करते हैं. लेकिन सीमेंट प्लांट बंद होने से उनका काम बहुत अधिक प्रभावित हुआ है. उन्होंने सीमेंट प्लांट को बंद करने पर रोष जताया और सरकार से इस समस्या को शीघ्र हल करने की मांग की है. वहीं, यूपी के रहने वाले नयाजदीन मोहम्मद उर्फ़ राजू जो टायर पंचर का काम करते है , ने कहा कि पिछले 26 दिन से उनका काम ठप पड़ा है. नौबत यहां तक आ गई है कि अब उन्हें रोजी रोटी की चिंता भी सताने लगी है. फैक्ट्री में काम कब शुरू होगा, इसका पता नहीं है. बेरोजगार रहकर उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए समस्या का समाधान निकालें.

बता दें कि मालभाड़े को लेकर सीमेंट कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों के बीच विवाद चल रहा है. कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों से रेट कम करने को कहा था. कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने का तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है. इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है. एक ओर ऑपरेटरों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर अन्य दुकानदार व कंपनी को भी नुकसान हो रहा है.

लेकिन अडानी ग्रुप और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच चल रहे इस विवाद का कोई नतीजा नहीं निकल रहा है. अडानी ग्रुप सहयोग करने पर प्लांट चलाने की बात कहकर बार-बार बॉल ट्रक ऑपरेटर्स के पाले में डाल रहा है. उधर, 26 दिन से इन दोनों प्लांट बिलासपुर के बरमाणा एसीसी और सोलन जिले के दाड़लाघाट अंबुजा सीमेंट प्लांट में लगे ट्रक खड़े रहने से ऑपरेटर्स को करीब 36 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.

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