बिलासपुर: आज पूरे देश में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जा रहा है. इतिहास इस बात का गवाह रह चुका है कि भारत में ऐसे कई पल आए जब खेल गतिविधियों ने युद्ध जैसी परिस्थियों को टाल दिया. मौजूदा वक्त की बात करे तो भारत कई खेलों में दुनिया भर में अपना परचम लहरा रहा है. चाहे वह क्रिकेट की बात हो या फिर वेट लिफ्टिंग की, पुरुषों से लेकर महिलाएं भी स्पोर्ट्स में भारत का नाम चमका रही हैं.
हिमाचल में स्पोर्ट्स की बात करें तो कोरोना वायरस की वजह से खिलाड़ियों ने खेल मैदानों से दूरी बना ली है. कोरोना के चलते प्रदेश में सभी खेल गतिविधियां ठप पड़ी हुई है. लेकिन बहुत से युवा ऐसे भी हैं, जो नशे की लत की वजह से खेलों से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं. बिलासपुर के खिलाड़ियों की माने तो अब ना तो प्रदेश में वो खेल रह गए हैं और ना ही पहले की तरह खिलाड़ी.
हिमाचल सरकार नौजवानों को खेलों की ओर प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन बिलासपुर के खेल मैदान खिलाड़ियों की राह ताकते नजर आ रहे हैं. बिलासपुर किसी जमाने में हॉकी खेल में प्रदेश में सबसे आगे हुआ करता था. यहां के खिलाड़ियों ने जिला को गोल्ड मेडल तक दिलाएं है, लेकिन अब खेल विभाग के लिए यहां पर हॉकी की टीम खड़ी करना मुश्किल हो गया है.
बिलासपुर के साई होस्टल की बात करें तो 1987 में खुले इस प्रशिक्षण केंद्र ने देश को कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं. कब्बड़ी के भारतीय कप्तान अजय ठाकुर ने भी बिलासपुर से ही प्रशिक्षण लिया हुआ है, लेकिन सुविधाओं का अभाव होने के कारण बिलासपुर में खेलों का आसतित्व खतरे में आ गया है.
भले ही बिलासपुर के साई खेल छात्रावास को खेलो इंडिया के तहत शामिल कर लिया गया हो, लेकिन युवाओं को खेल गतिविधियों की तरफ प्रत्साहित करना और उन्हें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाने का काम सरकार का है. समय रहते अगर खेल गतिविधियों की ओर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो आने वाले वक्त में हिमाचल से शायद ही कोई खिलाड़ी भारत का नाम चमका पाए.
यह खिलाड़ी खेल चुके हैं इंटरनेशन
कब्बड्डी के क्षेत्र में अजय ठाकुर, रवि शर्मा, राकेश चंदेल, विशाल भारद्वाज, रोहित राणा, शिवम और हिमंत ठाकुर. वॉलीबॉल के क्षेत्र में अजय पटियाल, दलीप, मनोज कुमार और सुरजीत सिंह. वहीं, बॉक्सिंग में शिव चैधरी, अनुराग शर्मा, गीता नंद और मनीश चौधरी. वहीं, एथिलेटिक्स में कमलेश कुमारी, राकेश कुमार, बनीता ठाकुर और अमन सैनी.