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पुलिस थानों के डिजिटल होने से स्मार्ट हो रही हिमाचल पुलिस, घर बैठे समस्याओं का हो रहा समाधान - स्मार्ट पुलिस थाने न्यूज

हिमाचल पुलिस FIR दर्ज करवाने से लेकर अपराधियों की सारी जानकारी ऑनलाइन दर्ज करती है, जिसका पुलिस विभाग से लेकर आम लोगों को लाभ मिल रहा है. सभी थानों, भीड़-भाड़े वाले इलाकों से लेकर चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बिलासपुर जिला पुलिस ने 75 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिनका सर्विलेंस संबंधित क्षेत्रों की पुलिस चौकियों और थानों में है.

डिजिटल पुलिस स्टेशन
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Published : Dec 24, 2020, 4:54 PM IST

Updated : Dec 25, 2020, 10:05 AM IST

बिलासपुर: पुलिस विभाग तीन मुख्य सिद्वांतों पर काम करती है कत्वर्यनिष्ठ, निष्पक्ष और निर्भय. आज के दौर में अपराधों की प्रवृति बदली है. अब अपराधी हाईटेक हो गए हैं. इंटरनेट और टेक्नॉलजी के इस दौर में साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं. ऐसे में पुलिस का हाईटेक होना जरूरी हो गया है या फिर ये कहें कि पुलिस को अपने सिद्वांतों में स्मार्टनेस शब्द को जोड़ लेना चाहिए.

हिमाचल पुलिस में साइबर सैल के साथ अन्य विभाग डिजिटल हो रहे हैं. बिलासपुर जिला पुलिस अधिकतर कार्य ऑनलाइन कर रही है. जिला के सभी थानों में पेपरलेस काम किया जा रहा है. सारे रिकॉर्ड डिजिटल किए जा रहे हैं. डीएसपी बिलासपुर संजय शर्मा ने कहा कि FIR दर्ज करवाने से लेकर अपराधियों की सारी जानकारी ऑनलाइन दर्ज होती है, जिसका पुलिस विभाग से लेकर आम लोगों को लाभ मिल रहा है. सभी थानों, भीड़-भाड़े वाले इलाकों से लेकर चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बिलासपुर जिला पुलिस ने 75 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिनका सर्विलेंस संबंधित क्षेत्रों की पुलिस चौकियों और थानों में है.

स्पेशल रिपोर्ट

वहीं, कुल्लू पुलिस के 10 थानों और पांच चौकियों को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है. लोग ऐप के माध्यम से पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे हैं. ऑनलाइन शिकायतों का निपटारा भी तुरंत प्रभाव से हो रहा है.

पुलिस थानों में ये काम होते हैं ऑनलाइन

ऑनलाइन FIR

ऑनलाइन पासपोर्ट वेरिफिकेशन

इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

ई-चालान की सुविधा

डीएसपी कुल्लू प्रियांक गुप्ता ने बताया कि इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों पर नजर रखी जाती है. इसके तहत चौक चौराहों पर लगे CCTV कैमरा ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने के साथ ओवर स्पिड वाहनों को स्कैन कर सकते हैं. कुल्लू पुलिस ने इस तरह के दो कैमरे लगाए हैं.

इसके अलावा जिला पुलिस मुख्यलयों में नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं. सिस्टम के तहत अपराधी का फिंगर प्रिंट डाटा तैयार किया जाएगा. इस डाटा को नेशल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के तहत जोड़ा जाएगा. पुलिस थानों में से विभिन्न अपराधिक गतिविधियों में गिरफ्तार किए गए अपराधियों के फिंगर प्रिंट का रिकॉर्ड पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा, जहां से ये आगे स्टेट क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो में जाएगा. एसे में अगर कोई अपराधी कहीं भी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता है तो उसे फिंगर प्रिंट के माध्यम से ट्रेस करने में सुविधा मिलेगी.

बिलासपुर: पुलिस विभाग तीन मुख्य सिद्वांतों पर काम करती है कत्वर्यनिष्ठ, निष्पक्ष और निर्भय. आज के दौर में अपराधों की प्रवृति बदली है. अब अपराधी हाईटेक हो गए हैं. इंटरनेट और टेक्नॉलजी के इस दौर में साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं. ऐसे में पुलिस का हाईटेक होना जरूरी हो गया है या फिर ये कहें कि पुलिस को अपने सिद्वांतों में स्मार्टनेस शब्द को जोड़ लेना चाहिए.

हिमाचल पुलिस में साइबर सैल के साथ अन्य विभाग डिजिटल हो रहे हैं. बिलासपुर जिला पुलिस अधिकतर कार्य ऑनलाइन कर रही है. जिला के सभी थानों में पेपरलेस काम किया जा रहा है. सारे रिकॉर्ड डिजिटल किए जा रहे हैं. डीएसपी बिलासपुर संजय शर्मा ने कहा कि FIR दर्ज करवाने से लेकर अपराधियों की सारी जानकारी ऑनलाइन दर्ज होती है, जिसका पुलिस विभाग से लेकर आम लोगों को लाभ मिल रहा है. सभी थानों, भीड़-भाड़े वाले इलाकों से लेकर चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बिलासपुर जिला पुलिस ने 75 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिनका सर्विलेंस संबंधित क्षेत्रों की पुलिस चौकियों और थानों में है.

स्पेशल रिपोर्ट

वहीं, कुल्लू पुलिस के 10 थानों और पांच चौकियों को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है. लोग ऐप के माध्यम से पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे हैं. ऑनलाइन शिकायतों का निपटारा भी तुरंत प्रभाव से हो रहा है.

पुलिस थानों में ये काम होते हैं ऑनलाइन

ऑनलाइन FIR

ऑनलाइन पासपोर्ट वेरिफिकेशन

इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

ई-चालान की सुविधा

डीएसपी कुल्लू प्रियांक गुप्ता ने बताया कि इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत सड़कों पर दौड़ रहे वाहनों पर नजर रखी जाती है. इसके तहत चौक चौराहों पर लगे CCTV कैमरा ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त रखने के साथ ओवर स्पिड वाहनों को स्कैन कर सकते हैं. कुल्लू पुलिस ने इस तरह के दो कैमरे लगाए हैं.

इसके अलावा जिला पुलिस मुख्यलयों में नेशनल ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं. सिस्टम के तहत अपराधी का फिंगर प्रिंट डाटा तैयार किया जाएगा. इस डाटा को नेशल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के तहत जोड़ा जाएगा. पुलिस थानों में से विभिन्न अपराधिक गतिविधियों में गिरफ्तार किए गए अपराधियों के फिंगर प्रिंट का रिकॉर्ड पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा, जहां से ये आगे स्टेट क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो में जाएगा. एसे में अगर कोई अपराधी कहीं भी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता है तो उसे फिंगर प्रिंट के माध्यम से ट्रेस करने में सुविधा मिलेगी.

Last Updated : Dec 25, 2020, 10:05 AM IST
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