बिलासपुरः स्थानीय क्षेत्रीय अस्पताल में 60 वर्षीय सीमा देवी अपने कैंसर पीड़ित पति को बचाने व 1 यूनिट ब्लड जुटाने के लिए यहां से वहां दर दर भटकती रही, मगर कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया.
ये था पूरा मामला
मामला कुछ ऐसा है कि बिलासपुर के समोह पंचायत के रहने वाला 65 वर्षीय जसवंत राय बीते 2 सालों से गले के कैंसर से जूझ रहे है, जिसका इलाज आईजीएमसी शिमला में चल रहा है. वहीं, जसवंत को हर महीने ए पॉजिटिव ब्लड की 2 यूनिट ब्लड चढ़ाई जाती है. मगर बिलासपुर से शिमला की दूरी व मरीज की हालत को देखते हुए जसवंत राय को बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल में ही ब्लड चढ़ाने के लिए आईजीएमसी से डॉक्टर ने सलाह दी थी.
इसके बाद आज वह 1 यूनिट ब्लड चढ़वाने के लिए अपने पति को बिलासपुर अस्पताल पहुंची जहां मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने मरीज को ब्लड चढ़ाने को कहा, मगर सीमा देवी इमरजेंसी वार्ड से ओपीडी और ओपीडी से इमरजेंसी वार्ड से लेकर यहां वहां भटकती रही और कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया.
उचित व्यवस्था किए जाने की गुहार लगाई
वहीं, सीमा देवी का कहना है कि वह सुबह से अपने पति को ब्लड चढ़वाने के लिए भटक रही थी. मगर किसी ने भी उसकी मदद नहीं किए. साथ ही सीमा देवी ने अस्पताल प्रशासन से बीमार मरीजों के परिजनों की मदद के लिए उचित व्यवस्था किए जाने की गुहार लगाई है, ताकि इस की लापरवाही के चलते मरीज के परिजनों को दर दर ना भटकना पड़े.
एमएस ने मरीज को ए पॉजिटिव ब्लड देने के दिए आदेश
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डाॅ. एनके भारद्वाज ने मामले का पता लगने पर तुरंत कार्रवाई करते हुए ब्लड बैंक बिलासपुर से मरीज को ए पॉजिटिव ब्लड देने के आदेश दिए और आगे भी अस्पताल में आने वाले किसी भी मरीज के परिजनों को कोई भी परेशानी आने पर एमएस आफिस में आकर उनसे मिलने की अपील की है, ताकि इमरजेन्सी के दौरान मरीज व उसके परिजनों को किसी भी तरह की कोई भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े.
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