बिलासपुर: भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन पर बिलासपुर शहर में गोबिंदसागर झील पर पिल्लरों पर नई तकनीक आधारित एक किलोमीटर लंबे आयरन ब्रिज का निर्माण किया जाएगा. नई तकनीक आधारित यह ब्रिज अपने आप में एक आकर्षण होगा. भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड बीबीएमबी की ओर से 313 बीघा जमीन की एनओसी मिल गई है.
खास बात यह है कि जिला की पंजाब से सटी सीमा से लेकर बिलासपुर शहर के बध्यात तक 52 किलोमीटर ट्रैक निर्माण के लिए चिहिंत जमीन का राजस्व रिकॉर्ड भी तैयार हो चुका है. अब बध्यात से आगे बैरी के लिए सर्वेक्षण के साथ साथ राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने का कार्य भी शुरू हो गया है.
बिलासपुर सदर एसडीएम व भूमि अधिग्रहण कलेक्टर रामेश्वर दास ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि यह ब्रॉडगेज रेलवे लाइन सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इस लाइन का कार्य तेज गति से चल रहा है. फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी मिल चुकी है, जबकि तीसरे चरण के सर्वे के तहत चिहिंत जमीन का केस बनकर तैयार है.
उन्होंने बताया कि बिलासपुर शहर के बध्यात तक राजस्व रिकॉर्ड पूरा हो चुका है और अब इससे आगे बैरी के लिए चल रहे सर्वे के साथ-साथ राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने का कार्य चलेगा. उन्होंने बताया कि रेलवे लाइन का प्रथम चरण बाबन किलोमीटर का है. इसके तहत 1106 बीघा जमीन निजी है और 1694 बीघा जमीन सरकारी है. बिलासपुर शहर के बध्यात तक 2801 बीघा जमीन चिन्हित की गई है. उन्होंने बताया कि जकातखाना तक जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ज्यादातर रेलवे लाइन प्रभावितों को मुआवजा जारी किया जा चुका है.
हालांकि कुछेक गांव रह गए हैं, जहां लोगों को जल्द ही मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया कि बिलासपुर शहर के पास ही रघुनाथपुरा, लखनपुर, धौलरा, खैरियां, बामटा, बध्यात व लुहणू खैरियां में जमीन की नेगोसिएशन कर रहे हैं. शहर के वार्ड नंबर ग्यारह में 60 लाख रुपए बीघा के हिसाब से लोगों को जमीन का मुआवजा दिया गया है.
जकातखाना के कुछ गांवों में भी नैगोसिएशन में बाधाएं आई हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है. लोगों के साथ सामंजस्य बिठाकर इस कार्य के पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास भी किए जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि इस रेल लाइन की लंबाई बैरी तक 62.1 किलोमीटर है. प्रथम चरण में बिलासपुर तक 52 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा जिसके लिए प्रक्रिया तेज गति से चल रही है. 3.5 किलोमीटर लंबी 7 टनल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जबकि पांच ब्रिज के निर्माण के लिए टेंडर होने के बाद कार्य शुरू हुआ है. बिलासपुर शहर तक अगले चार साल में रेल ट्रैक निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है, जिसकी हर महीने 14 तारीख जिलाधीश राजेश्वर गोयल रिव्यू मीटिंग कर रहे हैं.
एसडीएम रामेश्वर दास के अनुसार केंद्र सरकार ने लैंड एक्यूजिशन एक्ट 1894 की जगह अब राईट टू फेयर कंपनसेशन इन लैंड एक्यूजिशन रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटलमेंट एक्ट लागू किया गया है. इस एक्ट के दायरे में आने वाले 16 गांवों में कंपलसरी एक्यूजिशन की जा रही है. नए एक्ट में तय प्रावधानों के तहत उपरोक्त सोलह गांवों में चयनित की गई जमीन लोगों को इस प्रोजेक्ट के लिए देनी ही पड़ेगी.
एसडीएम ने बताया कि स्पेशल सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट के लिए दस्तावेज तैयार कर दिए हैं. सोलह गांवों में जब्बल, दगड़ाहण, भटेड़, टाली, कोट, तुन्नू, माणवां, रामपुर, खनसरा, रघुनाथपुरा, कोहलवीं, डियारा, खैरियां, लुहणू, बामटा, बैहल कंडेला और बध्यात शामिल हैं.
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