बिलासपुर: जिला बिलासपुर में निजी बस ऑपरेटरों को पेट्रोल और डीजल तक का खर्च भी पूरा नहीं हो रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि एक रूट पर मात्र चार से पांच सवारियां ही मिल रही हैं. इसके चलते निजी बस ऑपरेटरों को बसें चलाने का कोई लाभ नजर नहीं आ रहा है.
बिलासपुर जिला के निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो वह जल्द ही बसों को फिर से बंद कर देंगे. सरकार वैसे ही उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दे रही है. दूसरी ओर सवारियां न के बराबर होना घाटे का सौदा बन रहा है. बस ऑपरेटरों का कहना है कि एक हजार से अधिक की दिहाड़ी प्रतिदिन की नहीं बन रही, जबकि 2 हजार रूपये से अधिक तक का तेल खर्चा प्रतिदिन का आ रहा है.
बैंकों की किश्त भी नहीं चुका पा रहे ऑपरेटर
बस ऑपरेटरों ने कहा कि डेढ़ माह से बंद पड़ी निजी बसों की बैंकों की किश्तों से लेकर टैक्स सहित इंश्योरेंस तक का खर्चा पूरा कर पाना मुश्किल हो गया है. ऐसे में अब निजी बस ऑपरेटरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कर्ज में डूबे बस ऑपरेटर्स
गौरतलब है कि प्रदेशभर में पहले से ही निजी बस ऑपरेटर कोविड कर्फ्यू लगने से पहले से ही हड़ताल पर चले गए थे. उसके बाद कर्फ्यू की स्थिति पैदा हो गई जिससे निजी बस ऑपरेटर पूरी तरह से कर्ज में डूब चुके हैं. ऑपरेटरों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो कुछ दिन के बाद वह फिर से बसों को चलाना बंद कर देंगे. क्योंकि इस स्थिति में उनको बसें चलाने में अब बहुत दिक्कतें हो रही हैं.
ये भी पढ़ें- अवैध खनन की शिकायतों की जांच करने पहुंचा NGT का पैनल, पंजाब-हरियाणा HC के पूर्व जज ने की अगुवाई