बिलासपुर: जिला बिलासपुर के लुहनू खेल परिसर में पेसापालो राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता का आज से आगाज हो गया है. इस प्रतियोगिता में देशभर के 12 राज्य के खिलाड़ी बिलासपुर पहुंचे हुए हैं. राष्ट्रीय अंडर-18 पेसापालो नेशनल खेल में लगभग 350 के करीब खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. पेसापालो प्रतियोगिता का शुभारंभ इंटक के प्रदेश महासचिव भगत सिंह वर्मा द्वारा किया गया. यह प्रतियोगिता जिले में 5 फरवरी तक चलेगी. जिसका समापन उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय द्वारा किया जाएगा.
साल 2008 में हुआ पेसापालो खेल का शुभारंभ- इस अवसर पर पेसापालो एसोसिएशन के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता व हिमाचल प्रदेश महासचिव डीसी शर्मा ने कहा कि इस खेल को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने मान्यता दे दी है. जिसके तहत अब स्कूली बच्चे भी जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि भारत में इस खेल का शुभारंभ 2008 में हुआ है. हिमाचल प्रदेश में उनके प्रयासों से वर्ष 2016 से यह खेल शुरू हुआ.
उपायुक्त बिलासपुर करेंगे प्रतियोगिता का समापन- पेसापालो एसोसिएशन के आरंभ में ही सिरमौर जिले की दो खिलाड़ियों ने भाग लिया था. वहीं, मौके पर मौजूद राष्ट्रीय कबड्डी कोच रत्न ठाकुर ने भी इस खेल को बेहतर बताया. बता दें कि पेसापालो प्रतियोगिता 5 फरवरी तक आयोजित की जा रही है. प्रतियोगिता के अंतिम दिन उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय मौजूद रहेंगे और प्रतियोगिता का समापन करेंगे.
क्या है पेसापालो गेम? - पेसापालो एक तेजी से बढ़ने वाला बल्ले और गेंद का खेल है. पेसापालो खेल फिनलैंड के राष्ट्रीय खेल के रूप में जाना जाता है. इसी के साथ जर्मनी, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के उत्तरी ओंटारियो सहित अन्य देशों में इसकी कुछ उपस्तिथि है. खेल ब्रेंनबोल, राउंड्रज, और लेप्टा के साथ-साथ बेसबॉल के समान है.
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