बिलासपुर: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी ब्रॉडगेज रेलवे लाईन निर्माण कार्य का लोगों की ओर से निर्धारित अधिक मुआवजा मांगे जाने के चलते जमीन चयन की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो गई है, जिसे दूर करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. ऐसी ही समस्या बिलासपुर शहर से समीपवर्ती गांवों में भी है. लोग निर्धारित से अधिक मुआवजे की डिमांड कर रहे हैं, जिसकी वजह से लैंड एक्यूजिशन प्रक्रिया बाधित हुई है. यह बात बिलासपुर एसडीएम व लैंड एक्विजिशन कलेक्टर रामेश्वर दास ने की.
राजस्व रिकॉर्ड होगा तैयार
बिलासपुर एसडीएम ने बताया कि सर्वे के तहत बिलासपुर बैरी तक 52 किलोमीटर लंबी रेल लाईन का निर्माण होना है. रेलवे लाइन का प्रथम चरण बिलासपुर शहर तक 52 किलोमीटर का है. इसके तहत 1106 बीघा जमीन निजी है और 1694 बीघा जमीन सरकारी है. बिलासपुर शहर के बध्यात तक 2801 बीघा जमीन चिहिंत की गई है. बध्यात तक राजस्व रिकार्ड भी पूरा कर लिया गया है. इससे आगे बैरी के लिए चल रहे सर्वे के साथ साथ राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने का काम चलेगा.
लोगों को दिया गया मुआवजा
जकातखाना तक जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ज्यादातर रेलवे लाइन प्रभावितों को मुआवजा जारी किया जा चुका है. हालांकि कुछे एक गांव रह गए हैं, जहां लोगों को जल्द ही मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी. बिलासपुर शहर के समीप ही रघुनाथपुरा, लखनपुर, धौलरा, खैरियां, बामटा, बध्यात व लुहणू खैरियां में जमीन की नेगोसिएशन कर रहे हैं. शहर के वार्ड नंबर ग्यारह में 60 लाख रुपये बीघा के हिसाब से लोगों को जमीन का मुआवजा दिया गया है.
क्या कहना है एसडीएम बिलासपुर
बिलासपुर के एसडीएम कम लैंड एक्विजिशन कलेक्टर रामेश्वर दास ने बताया कि जकातखाना के कुछ गांवों में निगोसिएशन में बाधाएं आई हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है. लोगों के साथ सामंजस्य बिठाकर इस काम के पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास भी किए जा रहे हैं. उन्होंने माना कि अभी बजट की कमी है और छियालीस करोड़ ही बचे हैं. जकातखाना से बिलासपुर और इससे आगे बैरी तक जमीन चयन के लिए 100 करोड़ के बजट की जरूरत है, जिसके लिए रेलवे विकास निगम को डिमांड भेजी गई है. उन्होंने बताया कि जकातखाना में 50 लाख प्रति बीघा नेगोसिएशन कर रहे हैं.
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