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4 हजार रिश्वत मामले में पटवारी को 5 साल की सजा, वारसा प्रमाण पत्र देने की एवज में मांगे थे पैसे

बिलासपुर में पटवारी को रिश्वत के मामले में 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है. 23 अक्टूबर 2015 को सदर थाना में पीड़ित ने शिकायत कर एफआईआर दर्ज करवाई थी.

रिश्वत मामले में पटवारी को 5 साल की सजा
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Published : Nov 8, 2019, 6:56 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 12:01 AM IST

बिलासपुर: जिला सत्र एवं विशेष न्यायाधीश राकेश चौधरी ने जिला न्यायवादी व विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज के तेज तरार बहस और जिला न्यायाधीश नारायण सिंह चौहान के ठोस सबूतों को पेश करने पर सुरेश कुमार चोपड़ा पटवारी को 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है.

मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी एवं लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज, जिन्होंने सरकारी पक्ष के केस में शिकायतकर्ता की तरफ से विशेष अदालत में पैरवी की. उन्होंने बताया कि 23 अक्टूबर 2015 को खजाना राम गांव सहली तहसील सुंदरनगर मंडी जिला की शिकायत पर सदर थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने बताया कि जिसके तथ्य यह थे कि शिकायतकर्ता की बेटी रीना देवी की शादी हरनावदा गांव जिला बिलासपुर में हुई थी. 15 सितंबर 2015 को पैर फिसलने से इनके दमाद हाटकोटी गब्बर में नदी में बह गए थे, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. जिसने अपना एक ट्रक रखा था जो बरमाणा यूनियन में लगाया था.

उस वजह से ट्रक के दस्तावेज रीना देवी के नाम ट्रांसफर कराने के लिए प्रमाण पत्र चाहिए था, जिस पर शिकायतकर्ता अपनी बेटी को लेकर दोषी बिलासपुर पटवारी के पास गए थे. शिकायतकर्ता ने मृतक सुनील कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र पटवारी के पास पेश किया और उसकी विरासत चढ़ाकर जायज वारसा प्रमाणपत्र देने को कहा था.

वहीं, दूसरी ओर पटवारी इस काम करने के लिए 4 से 5 दिन तक बुलाता रहा और जब 29 अक्टूबर 2015 को शिकायतकर्ता फिर से पटवारी के पास गए, तो पटवारी ने मृत्यु प्रमाण पत्र का लेखा जोखा अपने रजिस्टर में दर्ज कर लिया था.

पटवारी ने काम करने के लिए चार हजार रुपये मांगे. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत सदर थाना में दर्ज करवाई, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को उक्त व्यक्ति को 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है.

बिलासपुर: जिला सत्र एवं विशेष न्यायाधीश राकेश चौधरी ने जिला न्यायवादी व विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज के तेज तरार बहस और जिला न्यायाधीश नारायण सिंह चौहान के ठोस सबूतों को पेश करने पर सुरेश कुमार चोपड़ा पटवारी को 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है.

मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी एवं लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज, जिन्होंने सरकारी पक्ष के केस में शिकायतकर्ता की तरफ से विशेष अदालत में पैरवी की. उन्होंने बताया कि 23 अक्टूबर 2015 को खजाना राम गांव सहली तहसील सुंदरनगर मंडी जिला की शिकायत पर सदर थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी.

वीडियो रिपोर्ट.

उन्होंने बताया कि जिसके तथ्य यह थे कि शिकायतकर्ता की बेटी रीना देवी की शादी हरनावदा गांव जिला बिलासपुर में हुई थी. 15 सितंबर 2015 को पैर फिसलने से इनके दमाद हाटकोटी गब्बर में नदी में बह गए थे, जिससे उनकी मृत्यु हो गई. जिसने अपना एक ट्रक रखा था जो बरमाणा यूनियन में लगाया था.

उस वजह से ट्रक के दस्तावेज रीना देवी के नाम ट्रांसफर कराने के लिए प्रमाण पत्र चाहिए था, जिस पर शिकायतकर्ता अपनी बेटी को लेकर दोषी बिलासपुर पटवारी के पास गए थे. शिकायतकर्ता ने मृतक सुनील कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र पटवारी के पास पेश किया और उसकी विरासत चढ़ाकर जायज वारसा प्रमाणपत्र देने को कहा था.

वहीं, दूसरी ओर पटवारी इस काम करने के लिए 4 से 5 दिन तक बुलाता रहा और जब 29 अक्टूबर 2015 को शिकायतकर्ता फिर से पटवारी के पास गए, तो पटवारी ने मृत्यु प्रमाण पत्र का लेखा जोखा अपने रजिस्टर में दर्ज कर लिया था.

पटवारी ने काम करने के लिए चार हजार रुपये मांगे. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत सदर थाना में दर्ज करवाई, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को उक्त व्यक्ति को 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है.

Intro:
रिश्वत मामले में संलिप्त पटवारी को 5 साल की सजा

जिला सत्र एवं विशेष न्यायाधीश राकेश चौधरी ने जिला न्याय वादी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज के तेज तरार बहस व जिला न्यायाधीश नारायण सिंह चौहान के ठोस सबूतों को पेश करने पर सुरेश कुमार चोपड़ा पटवारी को 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी एवं लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज जिन्होंने सरकारी पक्ष के केस में पैरवी शिकायतकर्ता की तरफ से माननीय विशेष अदालत में की। उन्होंने बताया कि 23 अक्टूबर 2015 को खजाना राम गांव सहली तहसील सुंदरनगर जिला मंडी की शिकायत पर f.i.r. सदर थाना में दर्ज हुई थी।



Body:उन्होंने बताया कि जिसके तथ्य यह थे कि शिकायतकर्ता की बेटी रीना देवी की शादी सुनील कुमार पुत्र गुलाब राम गांव हरनावदा जिला बिलासपुर में हुई थी। जिसमें इनके दमाद 15 सितंबर 2015 को पैर फिसलने से हाटकोटी गब्बर में नदी में बह गया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी। जिसने अपना एक ट्रक नंबर एचपी 2433 रखा था जो बरमाणा यूनियन में लगाया था। उस वजह से ट्रक के दस्तावेज रीना देवी के नाम ट्रांसफर कराने के लिए प्रमाण पत्र चाहिए था। जिस पर शिकायतकर्ता अपनी बेटी को लेकर दोषी बिलासपुर पटवारी के पास गए थे, तो शिकायतकर्ता ने मृतक सुनील कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र पटवारी के पास पेश किया तथा उसकी विरासत चढ़ाकर जायज वारसा प्रमाणपत्र देने को कहा तो दूसरी पटवारी ने उन्हें इस काम करने के लिए 4 से 5 दिन तक बुलाता रहा। जब शिकायतकर्ता पुनः 29 अक्टूबर 2015 को पटवारी के पास पटवारी ने मृत्यु प्रमाण पत्र का इंद्राज अपने रजिस्टर में कर लिया तथा कहा कि मैं काम करने के लिए ₹4000 लगेंगे। इस दौरान शिकायतकर्ता ने यह शिकायत सदर थाना में दर्ज करवाई थी। जिसके बाद सारी कार्रवाई करते हुए आज उक्त व्यक्ति को 5 साल का कठोर कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
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Conclusion:
Last Updated : Nov 9, 2019, 12:01 AM IST
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