बिलासपुर: लॉकडाउन से एक तरफ प्रदेश व देश की कई झीलें साफ व स्वच्छ हो गई है. वहीं, बिलासपुर की गोबिंदसागर झील पर कोई खासा असर नहीं दिखाई दिया है. लॉकडाउन से पहले और लॉकडाउन के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से झील के पानी के सैंपल लिए गए थे, लेकिन पानी में कोई खासा बदलाव नहीं हुआ है. पहले भी झील की गुणवत्ता 0.4 MG. PER लीटर थी और अभी भी पानी की गुणवत्ता 0.4 MG. PER लीटर ही आंकी गई है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बिलासपुर के क्षेत्रीय अधिकारी अतुल परमार ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि बिलासपुर की गोबिंदसागर झील के पानी में कोई भी बदलाव नहीं आया है. पहले भी यहां का पानी बी ग्रेड में था और अब भी बी ग्रेड में ही है. उन्होंने बताया कि इस बी ग्रेड के पानी में लोग नहा सकते हैं. नहाने के लिए यह पानी सही है, लेकिन किसी और काम के लिए इस पानी का इस्तेमाल या पाने के लिए यह पानी सही नहीं है.
अतुल परमार ने बताया कि गोबिंदसागर झील में अप स्ट्रीम व डाउन स्ट्रीम दोनों के सैंपल लिए जाते हैं. उपर की ओर यानि चांदपुर की साइड से पानी के सैंपल लेकर गुणवत्ता जांच की जाती है, जिसके बाद डंपिंग साइट खैरियां से भी पानी के सैंपल लिए गए है. दोनों सैंपलों में पानी की गुणवत्ता में कोई भी सुधार नहीं पाया गया है. दोनों सैंपल की रिपोर्ट सामान्य पाई गई है.
क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि उनके पास मंडी जिला भी है. उन्होंने बताया कि मंडी जिला की रिवालसर झील काफी साफ हो चुकी है, जिसका मुख्य कारण लॉकडाउन है. रिवालसर झील में किसी भी तरह नगर का कोई गंद नहीं मिलता है, जिस कारण यहां पर रिवालसर झील का साफ होना विभाग ने मुख्य कारण माना है.
बिलासपुर में बढ़ा सीवरेज लोड
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि बिलासपुर में पहले से ज्यादा सीवरेज लोड बढ़ गया है. पहले की मात्रा में अधिक लोग अपने घर आए हुए है, जिसके चलते यहां पर सीवरेज लोड बढ़ गया है. वहीं, बिलासपुर शहर की सारी सीवरेज गोबिंदसागर झील में जाकर मिलती है, जिसके कारण यहां पर झील और अधिक गंदी होती जा रही है.