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बिलासपुर में अब मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों की मोबाइल से लग रही हाजिरी, जानें कितने लोग पंजीकृत - Mobile attendance of people working in MNREGA

बिलासपुर में मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों की मोबाइल के माध्यम से हाजिरी लग रही है.विभाग की ओर से यह सुविधा का शुरू करने का मुख्य उद्देश्य कार्य में पारदर्शिता लाना है.

बिलासपुर
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Published : May 19, 2023, 1:07 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर जिला में अब मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों की मोबाइल के माध्यम से हाजिरी लग रही है. जिला विकासखंड विभाग की ओर से यह आधुनिक तकनीक की सुविधा शुरू कर दी गई है. अब मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों को कार्य करने से पहले अपने मोबाइल के माध्यम से हाजिरी लगाना अनिवार्य कर दी गई है.

पारदर्शिता लाना उद्देश्य: यह हाजिरी एनएमएमएस यानी नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से हाजिरी लगेगी. इस हाजिरी का सारा ब्यौरा ग्राम रोजगार सेवक व वार्ड मेंबर के पास दिया गया है. अब यह अधिकारी व कर्मचारी सारी हाजिरी मोबाइल के माध्यम से मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों से लगाएंगे. विभाग की ओर से यह सुविधा का शुरू करने का मुख्य उद्देश्य कार्य में पारदर्शिता लाना है. विभागीय अधिकारियों का मानना है कि किसी भी तरह से कार्य में कोई लापरवाही ना हो जिसके चलते यह सुविधा शुरू की गई है.

47131 लोग पंजीकृत: जानकारी के अनुसार बिलासपुर सदर विकास खंड में 47131 लोग पंजीकृत है. जिसने से वर्तमान में कुल 9885 लोग ही मनरेगा में कार्य कर रहे है. इसी के साथ सदर विकास खंड में 49 ग्राम पंचायते है. इस सुविधा के शुरू होने से मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम के जरिये कहीं भी किसी भी दिन-महीने के दौरान हाजिरी का पता चल सकेगा. इससे पहले मनरेगा मजदूरों को भी शिकायत रहती थी कि उसकी हाजिरी नहीं लगाई या फिर जान-बुझकर उसकी हाजिरी नहीं लगाई गई. अब हाजिरी को लेकर कोई शिकायत नहीं रहेगी.
वर्ष 2005 में शुरू हुई थी योजना: मनरेगा केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया एक रोजगार गारंटी योजना है जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान सभा में पारित किया गया. शुरुआत में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) कहा जाता था. 2 अक्टूबर 2009 इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया. मनरेगा योजना एकमात्र ऐसी योजना है जो 100 दिन रोजगार की गारंटी देती है.

अधिकारियों ने ये कहा: सदर विकास खंड अधिकारी कुलवंत सिंह ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी मोबाइल एप पर लगाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम शुरू किया है ,जिससे मजदूरों की हाजिरी एप पर अपलोड की जाएगी. उसके बाद मजदूरों की हाजिरी को जिला का हेड ऑफिस तक कोई भी चेक कर सकता है.

ये भी पढ़ें : बिलासपुर में मनरेगा अब शहरों में भी हुआ शुरू, MC के पास करवाने होंगे आवदेन

बिलासपुर: बिलासपुर जिला में अब मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों की मोबाइल के माध्यम से हाजिरी लग रही है. जिला विकासखंड विभाग की ओर से यह आधुनिक तकनीक की सुविधा शुरू कर दी गई है. अब मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों को कार्य करने से पहले अपने मोबाइल के माध्यम से हाजिरी लगाना अनिवार्य कर दी गई है.

पारदर्शिता लाना उद्देश्य: यह हाजिरी एनएमएमएस यानी नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से हाजिरी लगेगी. इस हाजिरी का सारा ब्यौरा ग्राम रोजगार सेवक व वार्ड मेंबर के पास दिया गया है. अब यह अधिकारी व कर्मचारी सारी हाजिरी मोबाइल के माध्यम से मनरेगा में कार्य कर रहे लोगों से लगाएंगे. विभाग की ओर से यह सुविधा का शुरू करने का मुख्य उद्देश्य कार्य में पारदर्शिता लाना है. विभागीय अधिकारियों का मानना है कि किसी भी तरह से कार्य में कोई लापरवाही ना हो जिसके चलते यह सुविधा शुरू की गई है.

47131 लोग पंजीकृत: जानकारी के अनुसार बिलासपुर सदर विकास खंड में 47131 लोग पंजीकृत है. जिसने से वर्तमान में कुल 9885 लोग ही मनरेगा में कार्य कर रहे है. इसी के साथ सदर विकास खंड में 49 ग्राम पंचायते है. इस सुविधा के शुरू होने से मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम के जरिये कहीं भी किसी भी दिन-महीने के दौरान हाजिरी का पता चल सकेगा. इससे पहले मनरेगा मजदूरों को भी शिकायत रहती थी कि उसकी हाजिरी नहीं लगाई या फिर जान-बुझकर उसकी हाजिरी नहीं लगाई गई. अब हाजिरी को लेकर कोई शिकायत नहीं रहेगी.
वर्ष 2005 में शुरू हुई थी योजना: मनरेगा केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया एक रोजगार गारंटी योजना है जिसे 7 सितंबर 2005 को विधान सभा में पारित किया गया. शुरुआत में इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) कहा जाता था. 2 अक्टूबर 2009 इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया. मनरेगा योजना एकमात्र ऐसी योजना है जो 100 दिन रोजगार की गारंटी देती है.

अधिकारियों ने ये कहा: सदर विकास खंड अधिकारी कुलवंत सिंह ने बताया कि मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों की हाजिरी मोबाइल एप पर लगाई जाएगी. इसके लिए सरकार ने मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम शुरू किया है ,जिससे मजदूरों की हाजिरी एप पर अपलोड की जाएगी. उसके बाद मजदूरों की हाजिरी को जिला का हेड ऑफिस तक कोई भी चेक कर सकता है.

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