बिलासपुर: पूर्व मंत्री व विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि 4 जनवरी, 2018 को सीबीआई ने एक चार्जशीट दाखिल की थी. ये आरोप पत्र कोलगेट घोटाले से संबंधित कई मामलों में से एक की जांच से जुड़ा था.
आरोप पत्र में सीबीआई ने राज्य अधिकृत कर्नाटक पावर कारपोरेशन लिमिटेड यानी केपीसीएल व इसके प्राइवेट पार्टनर ईएमटी और उनके संयुक्त उद्यम कर्नाटक ईएमटी कोल माइंस लिमिटेड (केपीसीएल) पर अनियमितता के आरोप लगाए.
ये अनियमितता कथित तौर पर महाराष्ट्र में 6 कोल खंडों के आवंटन में बरती गई थी. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने इन 3 कंपनियों पर गैर कानूनी काम करने का आरोप लगाया है जो आरोप सीबीआई ने इन 3 कंपनियों पर लगाए हैं.
वही, आरोप एक संयुक्त उद्यम अडानी इंटरप्राइजिज लिमिटेड पर भी लग सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद अडानी समूह के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा कि जनलोकपाल, कोलगेट और 2-जी जैसे मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार सत्ता में आई थी और अब उनका मुंह बंद है.