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हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने आत्मदाह की दी चेतावनी, रखी ये मांग - प्रशिक्षित बेरोजगार संघ की न्यूज

हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से एसएमसी शिक्षक भर्ती को रद्द कर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने की मांग की है. संघ ने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने एसएमसी शिक्षक नीति मामले पर उच्च न्यायालय के निर्णय द्धारा दिए गए निर्णय को नही लागू किया तो संघ राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन शुरू करेगा और आत्मदाह जैसे कदम उठाने से पीछे नहीं रहेगा.

Himachal Pradesh Trained Unemployed Association warns of self-immolation in bilaspur
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Published : Sep 14, 2020, 9:55 AM IST

Updated : Sep 27, 2020, 4:45 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने एसएमसी शिक्षक नीति मामले पर उच्च न्यायालय के निर्णय द्धारा दिए गए निर्णय को नही लागू किया तो संघ राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन शुरू करेगा और आत्मदाह जैसे कदम उठाने से पीछे नहीं रहेगा. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार पर होगी.

हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से इस निर्णय के आधार पर एसएमसी शिक्षक भर्ती को रद्द कर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने की मांग की है.

वीडियो.

यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेशाध्यक्ष किशोरी लाल एवं महासचिव लेख राम सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सात आठ वर्ष पहले प्रदेश के जनजातीय जिलो में स्टाप गैप अरेंजमेंट के आधार पर एसएमसी शिक्षको की भर्तियां की थी, लेकिन तब से लेकर आज तक सरकार इन शिक्षकों की सेवा विस्तार बढ़ा रही है, जबकि आज भी 2003 से पहले के बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षक रोजगार पाने के लिए इधर उधर भटक रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसएमसी शिक्षकों की भर्तियो को रद्द करने का आदेश दिया है तो सरकार इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रही है जिससे संघ कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. इन पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय जिलों किन्नौर, चंबा व लाहौल स्पीति में कुल 792 एसएमसी शिक्षक नियुक्त हुए थे, लेकिन मैदानी जिलों में भी 580 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि संघ ने इस मुद्दे पर एसडीएम व एडीएम के माध्यम के कई बार ज्ञापन प्रेषित किया व अवगत करवाया. परंतु सरकार के कानों पर आज तक जूं तक नहीं रेंगी है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पीटीए शिक्षकों के नियमतिकरण में भी रोस्टर को अपनाया जाए.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने संघ की मांगों पर गौर करने की मांग की है अन्यथा संघ से जुड़े बेरोजगार शिक्षक वर्ष 2022 के चुनावों में प्रदेश सरकार के मिशन रिपीट को मिशन डिफिट करने से पीछे नहीं हटेगा.

इस अवसर पर मुख्य संगठन सचिव पुरषोत्तम दत्त, प्रेस सचिव प्रकाश चंद, जिलाध्यक्ष किशोरी लाल, उपाध्यक्ष प्रीतम चंद, महासचिव कपिल धीमान, सह सचिव दलजीत सिंह, कोषाध्यक्ष तिलक राज और प्रेस सचिव राज पाल उपस्थित रहे.

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने एसएमसी शिक्षक नीति मामले पर उच्च न्यायालय के निर्णय द्धारा दिए गए निर्णय को नही लागू किया तो संघ राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन शुरू करेगा और आत्मदाह जैसे कदम उठाने से पीछे नहीं रहेगा. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार पर होगी.

हिमाचल प्रदेश प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से इस निर्णय के आधार पर एसएमसी शिक्षक भर्ती को रद्द कर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने की मांग की है.

वीडियो.

यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए संघ के प्रदेशाध्यक्ष किशोरी लाल एवं महासचिव लेख राम सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सात आठ वर्ष पहले प्रदेश के जनजातीय जिलो में स्टाप गैप अरेंजमेंट के आधार पर एसएमसी शिक्षको की भर्तियां की थी, लेकिन तब से लेकर आज तक सरकार इन शिक्षकों की सेवा विस्तार बढ़ा रही है, जबकि आज भी 2003 से पहले के बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षक रोजगार पाने के लिए इधर उधर भटक रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसएमसी शिक्षकों की भर्तियो को रद्द करने का आदेश दिया है तो सरकार इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रही है जिससे संघ कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. इन पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय जिलों किन्नौर, चंबा व लाहौल स्पीति में कुल 792 एसएमसी शिक्षक नियुक्त हुए थे, लेकिन मैदानी जिलों में भी 580 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है.

उन्होंने आरोप लगाया कि संघ ने इस मुद्दे पर एसडीएम व एडीएम के माध्यम के कई बार ज्ञापन प्रेषित किया व अवगत करवाया. परंतु सरकार के कानों पर आज तक जूं तक नहीं रेंगी है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पीटीए शिक्षकों के नियमतिकरण में भी रोस्टर को अपनाया जाए.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने संघ की मांगों पर गौर करने की मांग की है अन्यथा संघ से जुड़े बेरोजगार शिक्षक वर्ष 2022 के चुनावों में प्रदेश सरकार के मिशन रिपीट को मिशन डिफिट करने से पीछे नहीं हटेगा.

इस अवसर पर मुख्य संगठन सचिव पुरषोत्तम दत्त, प्रेस सचिव प्रकाश चंद, जिलाध्यक्ष किशोरी लाल, उपाध्यक्ष प्रीतम चंद, महासचिव कपिल धीमान, सह सचिव दलजीत सिंह, कोषाध्यक्ष तिलक राज और प्रेस सचिव राज पाल उपस्थित रहे.

Last Updated : Sep 27, 2020, 4:45 PM IST
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