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रामलाल ठाकुर का आरोप, कहा- निजी व वन भूमि के झूठे आंकड़े दिखा जनता की आंखों में धूल झौंक रही सरकार

पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर वनों को बढ़ाने के झूठे आंकड़े जारी करने का आरोप लगाया हैं. उन्होंने दावा किया कि पेड़ धरातल पर लगाने की अपेक्षा मात्र वन विभाग के दस्तावेजों तक ही सीमित रहेगें.

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Published : Jul 26, 2019, 11:19 AM IST

पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर प्रेंस से बात करते हुए.

बिलासपुर: मौजूदा नैना देवी से विधायक और पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर वनों में पौधरोपण के नाम पर वनों को बढ़ाने के झूठे आंकड़े जारी करने का आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा हिमाचल में पौधारोपण के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा हैं और में पच्चीस लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य जनता कि आखों में धूल झौंकने के लिए है.

पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने कहा सैटेलाइट के माध्यम से वनों के बढ़ने के झूठे आंकड़े जारी कर रही है सरकार.

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वन भूमि व निजी भूमि के अलग-अलग आंकड़े जारी किए जाए जिससे सच सबके सामने होगा. उन्होंने दावा किया कि पेड़ धरातल पर लगाने की अपेक्षा मात्र वन विभाग के दस्तावेजों तक ही सीमित रहेंगे.

उन्होंने यह भी कहा कि वनों को आगजनी की घटनाओं से से बहुत नुकसान पहुंचा है और उनकी मात्रा भी पहले से कम हुई है. वन काटुओं द्वारा अवैध कटान से वनों को बहुत नुकसान पहुंचा है, जोकि प्रदेश की जनता को अच्छे से जानती है. ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश में वन बारह वर्ग मीटर किस प्रकार से बढ़ गए यह बात प्रदेशवासियों की समझ से बाहर है.

ये भी पढ़े: मंडी में आयोजित होगा प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, ये देश लेंगे हिस्सा

वन विभाग प्रत्येक वर्ष अपने दस्तावेजों में लाखों पेड़ लगाने के दावे कर रहा है मगर वन विभाग को यह आंकड़े भी जारी करने चाहिए कि वर्ष में कितना पौधारोपण हुआ और उनमें से कितने पेड़ जीवित हैं.

बिलासपुर: मौजूदा नैना देवी से विधायक और पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर वनों में पौधरोपण के नाम पर वनों को बढ़ाने के झूठे आंकड़े जारी करने का आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा हिमाचल में पौधारोपण के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा हैं और में पच्चीस लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य जनता कि आखों में धूल झौंकने के लिए है.

पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने कहा सैटेलाइट के माध्यम से वनों के बढ़ने के झूठे आंकड़े जारी कर रही है सरकार.

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वन भूमि व निजी भूमि के अलग-अलग आंकड़े जारी किए जाए जिससे सच सबके सामने होगा. उन्होंने दावा किया कि पेड़ धरातल पर लगाने की अपेक्षा मात्र वन विभाग के दस्तावेजों तक ही सीमित रहेंगे.

उन्होंने यह भी कहा कि वनों को आगजनी की घटनाओं से से बहुत नुकसान पहुंचा है और उनकी मात्रा भी पहले से कम हुई है. वन काटुओं द्वारा अवैध कटान से वनों को बहुत नुकसान पहुंचा है, जोकि प्रदेश की जनता को अच्छे से जानती है. ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश में वन बारह वर्ग मीटर किस प्रकार से बढ़ गए यह बात प्रदेशवासियों की समझ से बाहर है.

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वन विभाग प्रत्येक वर्ष अपने दस्तावेजों में लाखों पेड़ लगाने के दावे कर रहा है मगर वन विभाग को यह आंकड़े भी जारी करने चाहिए कि वर्ष में कितना पौधारोपण हुआ और उनमें से कितने पेड़ जीवित हैं.

Intro:स्लग -पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर वनों में पौधरोपण के नाम पर व सैटेलाइट के माध्यम से वनों के बढ़ने के झूठे आंकड़े जारी कर प्रदेश की जनता को छलने के लगाए आरोप, उन्होंने हिमाचल प्रदेश में पौधारोपण के नाम पर बड़े घोटाले की भी कही बात -हिमाचल प्रदेश में पच्चीस लाख पेड़ लगाने के लक्ष्य को बताया ढंकोशला Body:Vishul byteConclusion:लोकेशन -बिलासपुर।

स्लग -पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर वनों में पौधरोपण के नाम पर व सैटेलाइट के माध्यम से वनों के बढ़ने के झूठे आंकड़े जारी कर प्रदेश की जनता को छलने के लगाए आरोप, उन्होंने हिमाचल प्रदेश में पौधारोपण के नाम पर बड़े घोटाले की भी कही बात -हिमाचल प्रदेश में पच्चीस लाख पेड़ लगाने के लक्ष्य को बताया ढंकोशला उन्होंने किया दावा पेड़ धरातल पर ड़ लगने की अपेक्षा मात्र लगेंगे वन विभाग के दस्तावेजों में ,प्रदेश सरकार से राम लाल ठाकुर ने की मांग वन भूमि व निजी भूमि के अलग -अलग आंकड़े किए जाए जारी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा अलग -अलग ।

ऐ /आई -पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर व जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत बगा के दृश्य।

वी /ओ -पूर्व वनमंत्री राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर वनों में पौधरोपण के नाम पर व सैटेलाइट के माध्यम से वनों के बढ़ने के झूठे आंकड़े जारी कर प्रदेश की जनता को छलने के आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में पौधारोपण के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में पच्चीस लाख पेड़ लगाने के लक्ष्य को ढंकोशला बताते हुए कहा कि पेड़ धरातल पर लगाने की अपेक्षा मात्र वन विभाग के दस्तावेजों तक ही सीमित लगेंगे क्योंकि ऐसा कई वर्षों से होता आ रहा है। प्रदेश सरकार से राम लाल ठाकुर ने मांग की है कि वनों के बढ़ने के वन भूमि व निजी भूमि के अलग -अलग आंकड़े जारी किए जाए जिस से दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पूर्व के आंकड़ों के अनुसार वनों को आगजनी की घटनाओं से बहुत नुक्सान पहुंचा है। इसके अलावा वन काटुओं के द्वारा किए अवैध कटान से वनों को बहुत नुकसान पहुंचा है जोकि प्रदेश की जनता को सर्वविदित है तो ऐसी स्थिति में हिमाचल प्रदेश में वन बढ़ने का भू भाग बारह वर्ग मीटर किस प्रकार से बढ़ गया। यह बात प्रदेशवासियों की समझ से बाहर है। वन विभाग प्रत्येक वर्ष अपने दस्तावेजों में लाखों पेड़ लगाने के दावे कर रहा है मगर वन विभाग को ये आंकड़े भी जारी करने चाहिए कि इतने किस वर्ष कितना पौधारोपण किया और कितने पेड़ उनमें से जीवित हैं।

फीडबैक -
(1)-राम लाल ठाकुर ,पूर्व वनमंत्री हिमाचल प्रदेश।(बाइट )
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