बिलासपुर: प्रदेश में 12 मार्च से पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही है. बिलासपुर जिला से 7749 बच्चे परीक्षा में शामिल होंगे. बोर्ड की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. जिला के हर ब्लॉक में संबंधित कक्षाओं के प्रश्न-पत्र भी पहुंच गए हैं और अध्यापकों की ड्यूटी भी लगा दी गई है. इन वार्षिक परीक्षाओं में पांचवी कक्षा के 3536 और आठवीं कक्षा के 3913 बच्चे भाग ले रहे हैं.
बता दें कि छात्रों को बिना परीक्षा पास किए अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पाएगा. फेल होने पर शिक्षा विभाग की ओर से छात्रों को दो महीनों का समय दिया जाएगा. इन दो महीनों में विद्यार्थी को फिर से एग्जाम देना पड़ेगा और उसे पास करना होगा. पास होने के लिए 33% अंक लाना अनिवार्य है.
शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 33% और उससे ज्यादा अंक लेने वाले छात्रों को रिजल्ट घोषित होने के साथ ही समय पर सर्टिफिकेट भी देने होंगे. शैक्षणिक सत्र 2019-20 से नो डिटेंशन पॉलिसी को शिक्षा विभाग ने समाप्त कर दिया है.
केंद्र सरकार के मुताबिक स्कूलों में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को उसी कक्षा में रोकने का अधिकार राज्यों के पास होगा. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद ही प्रदेश सरकार ने इस फैसले को लागू कर दिया है. फेल होने वाले छात्रों को 2 महीने बाद एक और मौका भी दिया जाएगा.
प्रदेश में 9वीं और 10वीं परीक्षा परिणाम खराब रहने का बड़ा कारण नो डिटेंशन पॉलिसी है. शिक्षक भी कई बार सरकार से मांग कर चुके हैं कि इन दोनों कक्षाओं को बोर्ड किया जाए. इन दोनों कक्षाओं के प्रश्न पत्र भले ही बोर्ड करवाएगा, लेकिन छात्रों को परीक्षा अपने ही स्कूल में देनी होगी.
शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जिला उप निदेशकों की जिम्मेदारी होगी कि वह बोर्ड परीक्षाओं को सफल रूप से करवाएंगे. वहीं, नकल पर भी नजर रखने के लिए बार-बार औचक निरीक्षण करेंगे. बताया जा रहा है कि इन दोनों कक्षाओं के लिए आंसर शीट शिक्षा विभाग उपलब्ध करवाएगा.
ये भी पढ़ें: महिला दिवस स्पेशल: पर्यावरण बचाने की अलख जगाती कल्पना ठाकुर