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मैटरनिटी लीव से लौटी महिला ने CM जयराम को लिखी चिट्ठी, बिलासपुर CMO ऑफिस पर लगाए आरोप - सीएमओ कार्यालय बिलासपुर पर एक बार फिर से सवालों के घेरे में

सीएमओ कार्यालय बिलासपुर पर एक महिला कर्मचारी ने मैटरनिटी लीव से लौटने पर अन्य महिला को नियमों के खिलाफ नियुक्त करने का आरोप लगाया है. महिला कर्मचारी ने सीएम, महिला आयोग और डायरेक्टर फूड सेफ्टी एंड हेल्थ सर्विसेज को पत्र लिखकर मामले की शिकायत भी दर्ज करवा दी है.

female employee accused CMO office Bilaspur
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Published : Sep 17, 2019, 9:48 PM IST

बिलासपुरः चर्चाओं में रहने वाला सीएमओ कार्यालय बिलासपुर पर एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. अस्पताल की एक महिला कर्मचारी ने मुख्यमंत्री, महिला आयोग और डायरेक्टर फूड सेफ्टी एंड हेल्थ सर्विसेज को पत्र लिखकर अधिकारियों पर नौकरी से निकालने की साजिश और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं.

महिला कर्मी ने आरोप लगाए हैं कि जब वो मैटरनिटी लीव पर थी और उसके बाद जब उसने वापिस अपनी ड्यूटी ज्वाइन की तो उसकी जगह पर नियमों के खिलाफ दूसरी युवती को नियुक्त किया गया था. ज्वाइनिंग के बाद उसे अब तक काम नहीं दिया गया है और उसे एमएस ऑफिस में शिफ्ट कर फ्री बिठाया हुआ है.

महिला कर्मी का कहना है कि प्रशासन कार्रवाई की बजाए दोनों कर्मचारियों पर अब समझौता करने का दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है. महिला कर्मचारी के आरोपों के बाद अब एक बार फिर बिलासपुर सीएमओ कार्यालय सवालों के घेर में आ गया है. इससे पहले भी यहां उपकरण अधिक मुल्य पर खरीदने के आरोप लगे हैं.

सीएमओ के आदेशों पर जांच भी हुई, लेकिन इसके नतीजे अब तक नहीं आए हैं. उसके बाद फॉगिंग मशीन का मामला सामने आया. अभी कुछ समय पहले सीएमओ कार्यालय में डायरेक्टर फूड एंड हेल्थ सर्विसेज के लिए महिला कर्मी की नियुक्ति कर दी गई थी, लेकिन डायरेक्टर की ओर से इस मामले में जवाब तलब किए जाने के बाद नियुक्ति को हटा दिया गया.

अब नए मामले में सीएमओ से लेकर कार्यालय अधीक्षक तक सभी उस नियुक्ति से मुकर रहे हैं. जब इस बारे में डीसी राजेश्वर गोयल से बात की गई तो उनका कहना है कि मामले को लेकर सीएमओ से बातचीत की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी अमल में लाई जाएगी.

बिलासपुरः चर्चाओं में रहने वाला सीएमओ कार्यालय बिलासपुर पर एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. अस्पताल की एक महिला कर्मचारी ने मुख्यमंत्री, महिला आयोग और डायरेक्टर फूड सेफ्टी एंड हेल्थ सर्विसेज को पत्र लिखकर अधिकारियों पर नौकरी से निकालने की साजिश और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं.

महिला कर्मी ने आरोप लगाए हैं कि जब वो मैटरनिटी लीव पर थी और उसके बाद जब उसने वापिस अपनी ड्यूटी ज्वाइन की तो उसकी जगह पर नियमों के खिलाफ दूसरी युवती को नियुक्त किया गया था. ज्वाइनिंग के बाद उसे अब तक काम नहीं दिया गया है और उसे एमएस ऑफिस में शिफ्ट कर फ्री बिठाया हुआ है.

महिला कर्मी का कहना है कि प्रशासन कार्रवाई की बजाए दोनों कर्मचारियों पर अब समझौता करने का दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है. महिला कर्मचारी के आरोपों के बाद अब एक बार फिर बिलासपुर सीएमओ कार्यालय सवालों के घेर में आ गया है. इससे पहले भी यहां उपकरण अधिक मुल्य पर खरीदने के आरोप लगे हैं.

सीएमओ के आदेशों पर जांच भी हुई, लेकिन इसके नतीजे अब तक नहीं आए हैं. उसके बाद फॉगिंग मशीन का मामला सामने आया. अभी कुछ समय पहले सीएमओ कार्यालय में डायरेक्टर फूड एंड हेल्थ सर्विसेज के लिए महिला कर्मी की नियुक्ति कर दी गई थी, लेकिन डायरेक्टर की ओर से इस मामले में जवाब तलब किए जाने के बाद नियुक्ति को हटा दिया गया.

अब नए मामले में सीएमओ से लेकर कार्यालय अधीक्षक तक सभी उस नियुक्ति से मुकर रहे हैं. जब इस बारे में डीसी राजेश्वर गोयल से बात की गई तो उनका कहना है कि मामले को लेकर सीएमओ से बातचीत की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी अमल में लाई जाएगी.

Intro:चर्चाओं में रहने वाला सीएमओ कार्यालय बिलासपुर फिर से संदिग्ध की श्रेणी में आ गया है। मामला यह है कि नियमों के विरुद्ध एक युवती को मेटरनिटी लीव पर गई महिला कर्मचारी के स्थान पर मनमर्जी से नियुक्त करने के मामले में संदेह के घेरे में आए इस दफ्तर पर अब एक अन्य महिला ने उंगली उठाई है। सीएमओ दफ्तर में ही आउट सोर्स महिला कर्मी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व महिला आयोग को सीएमओ दफ्तर के खिलाफ मानसिक उत्पीड़न करने की शिकायत की है। महिला ने डायरेक्टर फूड सेफ्टी एंड हेल्थ सर्विसेज को शिकायत पत्र दिया है। महिला कर्मी ने कहा है कि पहले तो सीएमओ कार्यालय में नियमों के विरुद्ध जाकर उनकी जगह दूसरी युवती को नियुक्ति दी गई या युवती अपनी तनख्वाह मांग रही है और सरकार को उसने भी शिकायत की है। लेकिन जब मेटरनिटी लीव से लौट आए तो उसे सीएमओ कार्यालय में तैनात अधिकारी लगातार मानसिक तौर पर परेशान कर रहे हैं। उसे जॉइनिंग के बाद अब तक काम नहीं दिया गया है और उसे एमएस ऑफिस में भी शिफ्ट करके वहां फ्री बिठाया जा रहा है।



Body:बिलासपुर का सीएमओ कार्यालय पिछले कुछ वर्षों से लगातार विवादों के घेरे में रहा है। यहां तैनात रही पिछले सीएमओ पर एक से अधिक मूल्य पर उपकरण खरीदने का आरोप है। मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेशों पर जांच भी हुई लेकिन इसके नतीजे अब तक नहीं आए। पिछले दिनों फागिंग मशीन का मामला सामने आए इसमें भी सीएमओ कार्यालय संदेह के घेरे में आया। अभी कुछ समय पहले सीएमओ कार्यालय में डायरेक्टर फूड एंड हेल्थ सर्विसेज लिए महिला कर्मी की नियुक्ति कर दी गई थी, लेकिन डायरेक्टर की ओर से इस मामले में जवाब तलब किए जाने के बाद नियुक्ति को हटा दिया गया। वह भी अपनी तनख्वाह मांग रही है जब से जवाब नहीं बन रहा है । सीएमओ से लेकर कार्यालय अधीक्षक तक सभी उस नियुक्ति से मुकर रहे हैं लेकिन अब महिला कर्मी 20 अगस्त को ड्यूटी पर लौट आई। इस महिला ने महिला आयोग के पत्र लिखकर अधिकारी वर्ग पर उसे नौकरी से बाहर निकालने के लिए साजिश रचने और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। महिला ने सोमवार को बताया कि दोनों कर्मचारियों पर अब समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। जिला उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कहा कि उक्त मामले को लेकर सीएमओ से बातचीत की जाएगी तथा जो भी उचित कार्रवाई होगी अमल में लाई जाएगी।


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